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अमित अग्रवाल और विनीत अवैध खनन से मिले पैसाें काे विभिन्न कंपनियाें में खपाते रहे हैं

Vinit Upadhyay

Ranchi : अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड हाइकाेर्ट में दायर शपथ पत्र में झामुमाे के काेषाध्यक्ष रहे रवि केजरीवाल के बयान का भी जिक्र किया है. रवि केजरीवाल ने पूछताछ के दाैरान बताया था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की राजनीतिक गतिविधियों और चुनाव प्रचार में अवैध खनन से जमा किए गए पैसाें का इस्तेमाल किया गया था. ईडी ने शपथ पत्र में जानकारी दी है कि रवि केजरीवाल ने बताया था कि अवैध खनन से मिले पैसाें का प्रबंधन कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल ने किया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि अमित अग्रवाल के रिश्तेदार विनीत अग्रवाल (रांची निवासी) अवैध खनन के पैसे एकत्र करने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक हैं. इस तरह के फंड को कई कंपनियों के बैंक खातों में समायोजित किया जाता है, जिसका प्रबंधन और नियंत्रण अमित अग्रवाल द्वारा किया जाता है. रवि अगस्त 2020 तक झामुमो के कोषाध्यक्ष पद पर थे. उसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया. साहिबगंज में पत्थर खनन घोटाले की जांच के दौरान रवि केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) काे कई अहम जानकारियां दी हैं, जिसका उल्लेख शपथ पत्र में है. ईडी ने कैश फॉर पीआईएल केस में अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. वे फिलहाल जमानत पर हैं.

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कंपनियों में अवैध खनन और अन्य स्राेताें से मिले पैसाें काे खपाया गया

रवि केजरीवाल ने दावा किया कि मेसर्स ऑरोरा एविएशन और अमित अग्रवाल की कई अन्य कंपनियों में अवैध खनन और अन्य स्राेताें से मिले पैसाें काे खपाया गया था. दावा किया कि झामुमो ने चुनाव प्रचार के दाैरान मेसर्स ऑरोरा एविएशन से हेलीकॉप्टर किराए पर लिया था. इसका मकसद नकदी काे खपाना था. ईडी ने रवि केजरीवाल से पूछा था कि क्या उन्हें अमित अग्रवाल की झामुमो से किसी लेन-देन की जानकारी है.

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कराेड़ाें रुपये के लेन-देन होते थे

ईडी को दिए गए अपने जवाब में रवि केजरीवाल ने कहा कि झामुमो और अमित अग्रवाल के बीच लेन-देन झामुमो और मैसर्स ऑरोरा एविएशन के बैंक विवरणों में स्पष्ट है. यह लेन-देन झामुमो पार्टी के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के लिए किया गया था. रवि ने बताया था कि इनमें से कई कागजी लेन-देन हैं, जो केवल नकदी को समायोजित करने के लिए किए जाते रहे. इस तरह के लेन-देन में पार्टी फंड से ऑरोरा एविएशन को बड़ी रकम का चेक दिया जाता था और उतनी रकम अमित अग्रवाल से कैश में मिलती है. इस तरह के कराेड़ाें रुपये के लेन-देन होते थे. ईडी काे रवि केजरीवाल ने बताया था कि पार्टी के बैंक खातों के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के रूप में वे इस तरह के लेन-देन से अवगत थे.

अमित अग्रवाल तबादला और पोस्टिंग के लिए अधिकारियों से नकद रुपये लिया करते थे

रवि केजरीवाल ने ईडी काे बताया है कि अमित अग्रवाल पैसे का प्रबंधन करते रहे हैं. ज्यादातर तबादला और पोस्टिंग के लिए अधिकारियों से नकद रुपये लिया करते थे. सड़क, भवन, सिंचाई, खनन, नगर विकास विभाग के ठेकेदाराें से भी पैसे लेते रहे हैं और वे कोषाध्यक्ष के रूप में हस्ताक्षर करते थे. उन्होंने कहा कि वह पार्टी की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को चलाने के साथ-साथ पार्टी के फंड का प्रबंधन और देखभाल करते थे. प्राप्तियों और खर्चों का लेखा-जोखा भी रखा करते थे. लेकिन यह स्पष्ट किया कि उनकी भूमिका पार्टी फंड की व्यवस्था करने या उसे व्यवस्थित करने की नहीं थी. इन सब मामलाें काे काेलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल की मदद से निपटाया जाता था, जो कई कंपनियां चलाते हैं.

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