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मौसम बदलते ही मानसून के साथ कई बीमारियां भी आती हैं, ऐसे रखें सावधानी

शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रायपुर के पंचकर्म विभाग के एचओडी डॉ. रंजीप दास ने बताया कि मानसून में गाय के घी का सेवन करना लाभदायी होता है। साथ ही तेल-मिच का सेवन कम करने से शरीर ठंडा रहता है, जिससे एलर्जी और त्वचा रोगों से शरीर को बचाया जा सकता है।

एलर्जी होने पर नमक के पानी से गरारा करने पर नाक और मुंह में फंसे धूल के कण और बलगम बाहर आता है। इससे नाक की एलर्जी की समस्या दूर हो जाती है। आसपास साफ-सफाई रखें, क्योंकि ज्यादातर एलर्जी बैक्टीरिया से होती है।

खुजली वाले जानवरों से दूर रहें और साफ-सुथरे कपड़े पहने, क्योंकि इनमें बैक्टीरिया हो सकते हैं जो एलर्जी का कारण बनते है। अगर मौसम बदलने से त्वचा में खुजली होती है तो नारियल के तेल में कपूर मिलाकर इसको खुजली वाले स्थान पर लगाने से राहत मिलती है।

त्वचा पर होने वाली एलर्जी में एलोवेरा राहत देता है। एलोवेरा में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, इससे खुजली में आराम मिलता है, त्वचा पर मौजूद कीटाणु मर जाते है। नीम एक एंटीबैक्टीरियल है कीटाणुओं से लड़ने में मदद करता है। इसके पत्तों को रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उन्हें पीस कर खुजली वाली जगह पर लगाएं।

अगर आंखों में जलन या खुजली है तो आंखों को ठंडे पानी या गुलाब जल से धोएं। घर से बाहर निकलने से पहले अपनी आंखों को धूप वाले चश्मे से ढक लें। खीरा काटकर भी आंखों पर रख सकते हैं, इससे भी आंखों को आराम मिलता है। नाक में एलर्जी हो गई है या छींकें आ रही हैं तो अदरक, लौंग, दालचीनी मिलाकर काढ़ा बना लें और इसे पी लें। ऐसा दिन में कम से दो बार करें फायदा मिलेगा। तुलसी, अदरक, लौंग, कालीमिर्च आदि मिलाकर बनाई गई चाय पीने से भी आराम मिलता है।

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