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राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य, रोजगार के क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव वाला साल रहा 2022

Lagatar Desk : वर्ष 2022 को अब बाय-बाय करने का समय करीब आ गया है. यह साल कई मायने में अहम रहा. वह चाहे राजनीतिक हो या सामाजिक, आर्थिक हो या स्वास्थ्य व रोजगार या फिर क्राइम. वाकई, काफी उथल-पुथल वाला साल रहा 2022. झारखंड में ऐसे कई मामले हुए, जो इससे पहले कभी नहीं हुए. खासकर राजनीतिक गलियारे में तो सालभर हलचल रही, जो अबतक जारी है. वहीं, साल की शुरुआत ही कोरोना की लहर से हुई और फिर अंत भी इसी के साये में गुजर रही है. कुल मिलाकर सालभर कोई न कोई घटनाएं होती रहीं, जो सुर्खियां बनीं. शुभम संदेश की टीम ने पूरे राज्य में वर्ष 2022 की प्रमुख घटनाक्रमों, जिन्होंने खबरों में अपनी जगह बनाई, उनका लेखा-जोखा प्रस्तुत करने का प्रयास किया है. प्रस्तुत है एक रिपोर्ट

केंद्रीय जांच एजेंसियों का केंद्र बिंदु रहा झारखंड, वर्ष 2022 में दर्ज किये 17 मामले

 सौरभ सिंह की रिपोर्ट 

सांकेतिक तस्वीर

इस साल केंद्रीय जांच एजेंसियों का केंद्र बिंदु झारखंड रहा. केंद्र सरकार की तीन बड़ी जांच एजेंसियां एनआईए, सीबीआई और ईडी ने वर्ष 2022 में झारखंड में कुल 17 मामले दर्ज किए हैं. जिनमें दस सीबीआई, पांच ईडी और दो एनआईए के द्वारा दर्ज किए गए हैं.

सीबीआई ने इस साल दर्ज किए 10 मामले

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1. रांची के तुपुदाना स्थित सफायर इंटरनेशनल स्कूल में हुई सातवीं के छात्र 12 वर्षीय विनय महतो की हत्या मामले की जांच सीबीआई कर रही है. हाई कोर्ट का आदेश मिलने के बाद सीबीआई की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गत 20 जुलाई 2022 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी.
2. चुनाव लड़ने के लिए 2.48 करोड़ रुपए का घोटाला करने वाले मैनेजर मनोज कुमार के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई की धनबाद ब्रांच ने बीते 22 नवंबर 2022 को आरसी 6(A) 2022-D मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है.
3. फर्जी तरीके से गिरिडीह हेड पोस्ट ऑफिस से रुपये प्राप्त कर सरकार को 88 लाख 63 हजार 781 रुपए का चूना लगाने के मामले में धनबाद सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधी शाखा ने गिरिडीह पोस्ट ऑफिस के पोस्ट मास्टर, सहायक पोस्ट मास्टर समेत 13 के खिलाफ मामला दर्ज किया.
4. धनबाद सीबीआई की एसीबी शाखा ने ग्रामीण डाक सेवक के पास आय से अधिक 60 लाख की संपत्ति होने का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने गिरिडीह जिले के बेंगाबाद स्थित महेशमुंडा शाखा के ग्रामीण डाक सेवक राजेंद्र प्रसाद यादव के खिलाफ 25 सितंबर 2022 को प्राथमिकी दर्ज की है.
5. सीबीआई के धनबाद स्थित एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने गिरिडीह में कार्यरत ग्रामीण डाक सेवक अरविंद पांडे के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जुटाने का केस दर्ज किया है.
6. सीबीआई की रांची स्थित आर्थिक अपराध शाखा में कोलकाता के कारोबारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत बैंक ऑफ इंडिया को 6.99 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में मेसर्स स्वाति माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड समेत कई अन्य खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
7.ठगी करने वाली रियल इस्टेट कंपनी संजीवनी बिल्डकॉन व इसके निदेशकों पर सीबीआई की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक और केस दर्ज किया है. रांची के लोअर बाजार थाने में 25 अगस्त 2017 को दर्ज कांड संख्या 289/2017 को टेकओवर करते हुए सीबीआई ने यह प्राथमिकी दर्ज की है.
8. गढ़वा और पलामू के विभिन्न पोस्ट ऑफिस में हुए घोटाले के मामले में सीबीआई ने कमलेश्वर राम समेत अन्य के ऊपर मामला दर्ज किया है.
9. सीबीआई ने रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस लिमिटेड (राइट्स) के महाप्रबंधक अभय कुमार सिंह समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
10. 34वें राष्ट्रीय खेल में 28.34 करोड़ के घोटाला और 424 करोड़ के मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण में अनियमितता मामले में रांची सीबीआई के एंटी करप्शन विंग ने दो प्राथमिकी दर्ज की.

ईडी ने साल 2022 में पांच बड़े मामले में किया केस दर्ज
ईडी

ईडी ने बरहरवा केस किया टेकओवर

साहिबगंज जिले के बरहरवा में जून 2020 के टेंडर विवाद में एक केस दर्ज किया गया था. जिसे ईडी ने बीते 04 जून 2022 को टेकओवर कर लिया था. बरहरवा का यह केस शंभु नंदन कुमार उर्फ शंभु भगत ने दर्ज कराया था. इस मामले में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, बच्चू यादव को गिरफ्तार किया गया है. वहीं दूसरी ओर सीएम हेमंत सोरेन और उनके प्रेस सलाहकार समेत अन्य लोगों से भी पूछताछ हो चुकी है.
सेना के कब्जे वाली जमीन बेचने के मामले में ईडी ने किया केस दर्ज
रांची के बरियातू स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में मनी लांड्रिंग के तहत ईडी ने इस साल अक्टूबर महीने में केस दर्ज किया. जिसके बाद ईडी कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल व एक अन्य व्यवसायी विष्णु अग्रवाल, खरीद-बिक्री में शामिल प्रदीप बागची, दिलीप घोष व दो रजिस्ट्रार से जुड़े दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी.

विधायक कैश कांड में भी ईडी ने दर्ज की प्राथमिकी

ईडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को गिराने के उद्देश्य से विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में मनी लाउंड्रिंग की जांच के लिए बीते नौ नवंबर 2022 को प्राथमिकी दर्ज कर ली थी. फिलहाल इसमें कांग्रेस के तीन विधायकों डॉक्टर इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इस मामले विधायक अनूप सिंह से पूछताछ हो चुकी है.

कोलकाता कैश कांड में ईडी दर्ज किया मामला

कोलकाता कैश कांड में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में राजीव के ऊपर ईडी ने 11 अगस्त 2022 को केस दर्ज कर लिया था. ईडी ने उनके मुवक्किल शिव शंकर शर्मा को भी आरोपी बनाया है.

बरहरवा टोल केस के बाद ईडी ने अवैध खनन से जुड़े एक और केस को किया टेकओवर

बरहरवा टोल केस के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध खनन से जुड़े एक और केस को टेकओवर किया है. पिछले महीने साहिबगंज जिले के मुफस्सिल थाना में विजय हांसदा के द्वारा अवैध खनन के मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसे ईडी ने टेकओवर करते हुए मनी लाउंड्रिंग की जांच शुरू कर दी है. विजय हांसदा वर्तमान में जेल में बंद हैं.

साल 2022 में एनआईए ने दो बड़े मामले को किया टेकओवर

पूर्व विधायक गुरुचरण नायक के दो बॉडीगार्ड की हत्या मामला

चाईबासा के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक के दो बॉडीगार्ड की हत्या व हथियार लूटने के मामले की जांच एनआईए कर रही है. एनआईए ब्रांच रांची ने इस मामले को बीते 28 जून 2022 को टेकओवर करते हुए कांड संख्या आरसी 03/2022 दर्ज किया है. एनआईए के इंस्पेक्टर सचिता नंद इस मामले की जांच कर रहे हैं. एनआईए ने इस मामले को टेकओवर करते हुए एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा, रघु, अश्विन, चंदन, मोछू, सुशांत, सागेन, कांडे होनहागा और सोनाराम होनहागा पर मामला दर्ज किया है.

विदेशी हथियार बरामदगी की जांच कर रही एनआईए

लोहरदगा जिले में माओवादियों के खिलाफ चलाये गये ऑपरेशन डबल बुल के दौरान लातेहार और लोहरदगा जिले से छापेमारी में पुलिस को विदेशी हथियार भी मिले थे. इस मामले को एनआईए ब्रांच रांची ने बीते 14 जून को टेकओवर करते हुए 02/2022 मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. एनआईए ब्रांच रांची के इंस्पेक्टर नवीन चौबे इस मामले की जांच कर रहे हैं. इस मामले में एनआईए में रविंद्र गंझू, छोटू खेरवार, मुनेश्वर गंझू, लाजिम अंसारी, रंथु उरांव, अघनु गंझू, काजेश गंझू, नीरज सिंह, बलराम उरांव, सैलेश्वर उरांव, दशरथ सिंह, शैलेंद्र नगेशिया, मारकुश नगेशिया, मुकेश कोरवा, शीला खेरवार और संजय नगेशिया पर मामला दर्ज किया है.

कैश कांड से कांग्रेस की बिगड़ी छवि, कई उपलब्धियां भी हासिल की

मुख्य संवाददाता। रांची
साल 2022 झारखंड कांग्रेस संगठन के लिहाज से काफी अच्छा रहा. साल की शुरूआत में ही हेमंत सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रभारी आरपीएन सिंह ने पार्टी छोड़ दी. उसके बाद ऐसा वातावरण बना कि आरपीएन सिंह हेमंत सरकार और झारखंड कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं. संगठन की मजबूती और सरकार के साथ तालमेल बैठाने के लिए प्रभारी अविनाश पांडेय को प्रदेश प्रभारी बनाया गया. उनके और अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में संगठन की मजबूती पर काम शुरू हुआ. रिजल्ट भी काफी बेहतर दिखा. हालांकि कांग्रेस विधायकों के कैश कांड में फंसने से पार्टी की काफी किरकिरी हुई. पहली बार अपनी सरकार गिराने के आरोप में कांग्रेस के तीन विधायकों पर एफआईआर तक हुआ. उन्हें तीन माह तक राज्य से बाहर रहने को मजबूर किया गया. इसी साल कांग्रेस के पाले में पहली बार मांडर सीट आयी. संगठन की मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ायी गयी. 2019 के पहले पार्टी छोड़ चुके नेताओं की घर वापसी हुई. लेकिन इन सब उपलब्धियों के बीच कांग्रेस का अंतर्कलह भी खुलकर सामने आया. प्रदेश कांग्रेस कमिटी (पीसीसी) और जिला अध्यक्षों के बनाए जाने से प्रदेश नेतृत्व पर सवाल तक उठा.

संगठन की मजबूती के लिए की गयी पहल

चिंतन शिविर – साल की शुरूआत में ही प्रदेश प्रभारी रहे आरपीएन सिंह ने पार्टी छोड़ दी. नए प्रभारी बनाए गये अविनाश पांडेय ने संगठन विस्तार को प्रमुखता दी. राज्य गठन के बाद पहली बार झारखंड में कांग्रेस का चिंतन शिविर हुआ. चिंतन शिविर में संगठन की मजबूती को लेकर कार्यकर्ताओं को कई टास्क दिए गए.
15 लाख सदस्य बनाने का टारगेट – 15 लाख नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य लेकर कांग्रेस ने सदस्यता अभियान की शुरूआत की. हालांकि लक्ष्य पूरा नहीं हुआ. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के गृह जिले बोकारो की स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब रही.
– राहुल गांधी ने राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत की. यह यात्रा झारखंड से नहीं गुजरनी थी. इसलिए खूंटी जिले से कांग्रेस की “भारत जोड़ो यात्रा” की उपयात्रा अभियान शुरू हुआ. उपयात्रा करीब 1000 किमी चली. झारखंड का पूरे देश में पहला स्थान रहा. उपयात्रा के सफल आयोजन के लिए प्रदेश नेतृत्व की दिल्ली नेतृत्व द्वारा सराहना की गयी.
ग्राम पंचायत और मतदान केंद्र तक यात्रा – भारत जोड़ो यात्रा की उपयात्रा की सफलता को देख प्रदेश कांग्रेस ने फैसला किया कि साल 2023 की शुरूआत में ही दो माह को टारगेट कर पार्टी ग्राम पंचायतों और मतदान केंद्रों तक भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत करेगी.
सुखदेव भगत और प्रदीप बलुमचू की हुई वापसी – 2019 के पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा और आजसू का दामन थामने वाले सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू की घर वापसी हुई. दोनों आदिवासी नेताओं की वापसी से पार्टी संगठन मजबूत हुआ. पार्टी में शामिल होते ही दोनों नेताओं को कांग्रेस समन्वय समिति में जगह दी गयी. प्रदीप बलमुचू को तो आदिवासी कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया.
इंटक विवाद खत्म – बरसों से चला आ रहा इंटक विवाद भी खत्म हुआ. कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खड़गे ने संजीव रेड्डी गुट वाले इंटक को मान्यता दी.
योगेंद्र साहू जेल से छूटे – कांग्रेस के पूर्व मंत्री योगेंद्र साहू करीब तीन साल बाद जेल से छूटे.

राजेश ठाकुर ने किया एक साल का कार्यकाल पूरा 
तस्वीर- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (फाइल)

इसी साल अगस्त माह में राजेश ठाकुर ने सफलतापूर्वक अपने प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल का एक साल पूरा किया. उनके नेतृत्व में पार्टी संगठन में बड़े निर्णय लिए गए. इन निर्णयों में शामिल है –
वर्षों बाद सड़क पर उतरी झारखंड कांग्रेस- राजेश ठाकुर के नेतृत्व में बरसों बाद झारखंड कांग्रेस सड़क पर उतरी. महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर पार्टी नेताओं ने सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया.
पीसीसी का गठन और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति – करीब छह वर्षों बाद प्रदेश कांग्रेस कमिटी का गठन हुआ. 25 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हुई. जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर पहली बार साक्षात्कार कार्यक्रम का आयोजन हुआ.
मांडर उपचुनाव जीत – राजेश ठाकुर के नेतृत्व में हुए मांडर उपचुनाव में जीत मिली. राज्य गठन के बाद पहली बार मांडर सीट पर कांग्रेस टिकट पर कोई प्रत्याशी चुनाव (शिल्पी नेहा तिर्की) चुनाव जीती.
– राजेश ठाकुर के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा, संगठन विस्तार पर सफलतापूर्वक काम हुआ.

कांग्रेस संगठन को झेलना पड़ा संकट, हुई किरकिरी

साल 2022 में कांग्रेस संगठन को कई परेशानी भी झेलनी पड़ी. इससे पार्टी की जबरदस्त किरकिरी हुई. इसमें शामिल हैं
कैश कांड में फंसे विधायक, अनूप सिंह ने अपने विधायकों पर कराया एफआईआर – सरकार गिराने के मामले में चर्चा में आया कोलकाता कैश कांड से कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई. कांग्रेस के तीन विधायक (डॉ इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी) बुरी तरह से फंसे. इनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज हुआ. तीन माह तक वे राज्य से बाहर राज्य रहे. तीनों को प्रदेश नेतृत्व ने सस्पेंड कर दिया. अभी वे सस्पेंड चल रहे हैं.
सरकार गिराने मामले में ही विधायक कुमार जयमंगल (अनूप सिंह) ने तीनों विधायकों पर एफआईआर तक दर्ज करा दिया.
ममता देवी, बंधु तिर्की की सदस्यता खत्म – आय से अधिक संपत्ति मामले में बंधु तिर्की और गोला कांड मामले को लेकर रामगढ़ विधायक ममता देवी की सदस्यता चली गयी.
पीसीसी और जिला अध्यक्ष गठन में विवाद – पीसीसी गठन और जिला अध्यक्षों के गठन से कई विवाद हुआ. जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, महिलाओं को दरकिनार करने का आरोप लगा. मामल इतना गरमा गया कि नवनियुक्ति चार जिला अध्यक्षों (साहिबगंज, रामगढ़, कोडरमा, गढ़वा) को बदला गया. पीसीसी गठन से नाराज की कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर अनर्गल आरोप लगाया गया.
कांग्रेस अनुशासन की सख्ती का भी नहीं दिखा असर – अप्रैल माह में पार्टी विरोधी कार्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव पास हुआ. हालांकि थोड़ा सा भी असर कार्यकर्ताओं में नहीं दिखा. प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी के खिलाफ बयानबाजी होती रही. कांग्रेस अनुशासन समिति मूकदर्शक ही बनी रही.

हेमंत के नेतृत्व वाले यूपीए में दिखा मनमुटाव

ईडी के एक्शन और सरकार पर संकट ने एकजुटता को किया मजबूर

नितेश ओझा। रांची
वर्ष 2022 तो सरकार के हिसाब से कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक रहा. 2022 में ही राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की इंट्री हुई. हेमंत सरकार पर संकट ऐसा आया कि मानो वह अब कुछ ही दिनों की मेहमान है. सरकार बचाने के लिए यूपीए विधायकों को एयरलिफ्ट तक कराया गया. अवैध खान माइंस लेने के विपक्ष के आरोप के बाद मुख्यमंत्री की विधायकी पर ही सवाल उठा. राज्यपाल ने विधायकी को लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग से राय (हालांकि अबतक उसे सार्वजनिक नहीं किया) तक ले ली. सरकार पर संकट में जो कसर बची थी, उसे बंगाल कैश कांड और कांग्रेस-झामुमो में मनमुटाव (राज्यसभा चुनाव) ने पूरी कर दी. संकट के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सीधे दिल्ली नेतृत्व से बातचीत और सत्ता जाने का भय नहीं सभी को एकजुट बनाए रखने में जड़ी-बूटी का काम किया.

ईडी और आयकर विभाग के रडार में रहे मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक

– साल 2022 के शुरूआत में ही पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन पर खान मंत्री रहते रांची के अनगड़ा में अवैध तरीके से माइंस लेने का आरोप लगा दिया. फिर क्या था, पूरा साल इस आरोप के ईद-गिर्द घूमता रहा. धीरे-धीरे इसके गिरफ्त में हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू, सीएम के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बरहेट के प्रतिनिधि सह झामुमो सचिव रहे पंकज मिश्रा तक आए.
– ईडी के रडार में सूबे के संसदीय और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम भी आए. साहिबगंज जिले के बड़हरवा में टेंडर से जुड़े एक विवाद में मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल सामने आने के बाद ईडी ने आलमगीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. इसी मामले में पंकज मिश्रा सहित 11 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया.
– कांग्रेस के तीन विधायक डॉ इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप बंगाल कैश कांड में फंसे. इनपर सरकार गिराने का कथित आरोप लगा.
– विधायकों की खरीद बिक्री की कोशिश और सरकार गिराने की साजिश रचने के मामले में कांग्रेस विधायक अनूप सिहं ने दो बार राजधानी के अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज करायी. पहली रांची के कोतवाली थाने में और दूसरा अरगोड़ा थाने में. दूसरे एफआईआर में उन्होंने यहां तक मामला दर्ज कराया कि उन्हें भी हेमंत सरकार गिराने के लिए 10 करोड़ रुपये व मंत्री पद का ऑफर दिया गया था.
– कैश कांड और अनूप सिंह की प्राथमिकी के बाद मामले में ईडी की इंट्री हो गयी. कैश कांड को ईडी ने टेकओवर किया और मामले में एफआईआर तक दर्ज की.
– आयकर चोरी मामले में कथित आरोप लगाकर आयकर विभाग ने कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल और प्रदीप यादव के ठिकानों पर छापेमारी की.

यूपीए के लिए मिलाजुला रहा 2022

साल-2022 यूपीए के हिसाब से भी मिलाजुला रहा. इस साल जहां यूपीए में एकजुटता देखने की कोशिश हुई, तो कई मौको पर कांग्रेस-झामुमो में अनबन भी दिखी.

यूपीए में एकजुटता की पहल

– राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को झामुमो का समर्थन मिला. सूबे के मंत्री सह झामुमो नेता मिथिलेश ठाकुर इंदौर में पदयात्रा में शामिल हुए.
– मांडर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी शिल्पी नेहा तिर्की के समर्थन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनसभा को संबोधित किया.
– खतियानी जोहार यात्रा – खतियानी जोहार यात्रा में हेमंत सोरेन, आलमगीर आलम सहित सभी झामुमो, कांग्रेस और राजद नेताओं ने भागीदारी दिखायी.
– एयरलिफ्ट हुए यूपीए विधायक – ईडी की कार्रवाई और विधायकों के खरीद-फरोख्त का सरकार पर डर इतना दिखा कि सभी यूपीए विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तक एयरलिफ्ट कराया गया.
– मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जब ईडी का समन भेज बुलाया गया, तो कांग्रेस विधायकों ने एक आपात बैठक बुलायी. बैठक में सभी ने एक स्वर में कहा कि वे गठबंधन धर्म निभाएंगे. और हर मोड़ पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का साथ देंगे.

यूपीए में अनबन

– राज्यसभा चुनाव – राज्यसभा चुनाव में अपनी दावेदारी को लेकर झामुमो के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बना रही कांग्रेस को जोर का झटका लगा. झामुमो ने न केवल प्रत्याशी उतारा बल्कि यहां तक सलाह दी गई है कि गठबंधन धर्म के नाम पर कांग्रेस झामुमो को डिक्टेट नहीं करे. झामुमो के इस रुख से सत्तारूढ़ गठबंधन के रिश्ते में खटास देखी गयी.
– राष्ट्रपति चुनाव – जुलाई में हुए राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस ने यूपीए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को उतारा. इसके उलट झामुमो ने एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर दी. इससे दोनों दलों में मनमुटाव सामने आया.
– 1932 पर अनबन – विधानसभा से पारित 1932 के खतियान आधारित विधेयक को लेकर भी यूपीए में दूरियां बढ़ती दिखी. कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, चाईबासा सांसद गीता कोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने भी खतियान का आधार 1932 को बनाए जाने को लेकर सवाल उठाया.

धनबाद : सक्रिय रहा वाहन चोरों का गिरोह, 11 माह में 660 गाड़ियों की चोरी

 

साल में हर माह बढ़ता रहा आंकड़ा, विगत तीन वर्ष में 2126 वाहन उड़ा ले गए चोर

धनबाद में पूरे साल वाहन चोरों का गिरोह सक्रिय रहा. कहने का अर्थ यह कि वाहन उड़ानेवालों के लिए धनबाद जिला मनपसंद जगह बना हुआ है. सिर्फ पुलिस के आंकड़ों को ही देखें तो जिले में जनवरी से नवंबर तक 660 गाड़ियों की चोरी हुई. वह भी खास ढंग से. गिरोह के लोग भीड़भाड़ वाली व व्यस्त जगहों पर पहुंचते हैं और वहां खड़े वाहनों को अपना समझ कर लेकर चले जाते हैं.

पुलिस ने बरामद की मात्र 22 बाइक

चोरी का यह आंकड़ा हर साल बढ़ता ही जा रहा है. पुलिस व कानून का कोई खौफ नहीं तो आंकड़ों में कोई गिरावट भी नहीं. पिछले तीन वर्षों में 2,126 वाहन की चोरी हुई. वर्ष 2020 में 777, वर्ष 2021 में 689 व 2022 में 660 वाहन की चोरी हो चुकी है. 2022 के जनवरी माह में 55 वाहन उड़ा लिये गए. यह आंकड़ा फरवरी माह में 49 पर रहा, मगर मार्च में 58 वाहनों की चोरी के साथ लगातार बढ़ता चला गया. अप्रैल में 67, मई में 66, जून में 63, जुलाई में 50, अगस्त में 38, सितंबर में 79, अक्तूबर में 64 और नवंबर में 71 वाहनों पर गिरोह ने हाथ साफ किया. 2022 में जनवरी से नवंबर तक 660 वाहन की चोरी हो चुकी है. हालांकि नवंबर तक पुलिस ने 22 बाइक बरामद भी की.

भीड़भाड़ वाली जगहों पर सक्रिय रहता है गिरोह

वाहन चोर भीड़भाड़ वाले इलाके पर नजर गड़ाये रखते हैं और मौका मिलते ही आसानी से वाहन लेकर निकल जाते हैं. ऐसे इलाकों में सरायढेला, भूली, बैंकमोड़, धनसार आदि वाहन चोरों की मनपसंद जगह है. इन्हीं इलाकों से उन्हें ज्यादा कामयाबी मिलती है और पुलिस के लिए सिर दर्द भी. सिटी सेंटर, हीरापुर, बरटांड़, गोल्फ ग्राउंड, बेकारबांध व स्टेशन रोड़ में भी बाइक चोरों का गिरोह सक्रिय रहता है. इसके अलावा झरिया, कतरास, निरसा, चिरकुंडा, मैथन, केंदुआडीह बाजार, केंद्रीय अस्पताल, एसएनएमसीएच, बिग बाजार स्टील गेट तथा कोयला नगर क्षेत्र में भी बाइक चोरी की घटनाएं अधिक होती हैं.

दिसंबर में 11 बाइक के साथ तीन हुए गिरफ्तार

विगत 21 दिसंबर को सिटी एसपी रेशमा रमेशन ने बैंक मोड़ थाने में प्रेस वार्ता की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि वाहन चोर गिरोह के तीन सदस्यों को 11 बाइक के साथ गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने दावा किया था कि जल्द ही पूछताछ के बाद गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

हर मौके पर सच नहीं होते पुलिस के दावे

मगर पुलिस के दावे हर मौके पर सच नहीं होते. ग्याह महीने मे. 660 बाइक की चोरी हो गई. इस बीच पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा. गिरोह के सदस्य शहर में घूमते रहते हैं. जगह की तलाश में रहते हैं और अवसर मिलते ही वाहन चोरी कर चंपत हो जाते हैं. अधिकतर कि वाहन मालिक इंतजार करते रहते हैं कि किसी दिन उनकी बाइक बरामद हो जाएगी. मगर पुलिस प्रायः विफल रहती है.

बोकारो : 2022 मे होता रहा आंदोलन, लेकिन नहीं मिले जमीन, मुआवज़ा और नियोजन

 

प्रशासन व लोगों के बीच रहा तालमेल का अभाव, समस्याओं का नहीं हुआ समाधान

साल 2022 चंद दिनों में अतीत बन जाएगा. नए साल से बोकारो वासियो को कई उम्मीदें हैं. लेकिन 2022 में सता और राजनीतिक गलियारों ने बोकारो वासियों को कई बार मायूस किया. जनसमस्याओं के निराकरण नहीं होने से 2022 आंदोलन का वर्ष रहा. अपनी ज्वलंत मुद्दों को लेकर लोग आंदोलन करते रहे, लेकिन उनका समाधान नहीं हुआ. कई बार स्थानीय मुद्दों को लेकर आम पब्लिक व अधिकारी आमने सामने हुए. लेकिन महज कोरे आश्वासन के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ.

तोड़े गए घर, नही दिया मलिकाना हक के दस्तावेज

रेलवे और जिला प्रशासन ने उतरी विस्थापित के धनघरी गांव के ग्रामीणों के घर को डोजरिंग कर तोड़ दिया. मलिकाना हक पर अभी भी जीच बरकरार है. घर तोड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने रेलवे से उस जमीन का मालिकाना हक के सबूत मांगे हैं, लेकिन रेलवे ने अबतक नही उपलब्ध कराया. लिहाजा तीन महीनों से ग्रामीण धरने पर बैठे हैं.
पचौरा बस्ती में एक साल से जारी है विरोध

हरला थाना क्षेत्र के पचौरा बस्ती में एक साल से ग्रामीण आंदोलित है. धरना प्रदर्शन जारी है. यहां के रैयत अपनी जमीन वापसी की लड़ाई लड़ रहे हैं. यही कारण है कि बीएसएल का वाटर पाइप लाइन बिछाने का काम एक साल से बंद पड़ा हैं. कई बार प्रशासन रैयत आमने-सामने हुए. गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गई, लेकिन समस्याओं का निदान नहीं हुआ. ग्रामीण रैयत अपनी जमीन वापसी या फिर मुआवजा, पुनर्वास की मांग पर अड़े हुए हैं.
नियोजन के इंतज़ार में बीएसएल मृत कर्मी के आश्रित

बीएसएल मे कार्यरत मजदूरों के मौत के बाद उनके आश्रित और विस्थापितो के आश्रित नियोजन की मांग को लेकर कई वर्षो से आंदोलित है. अप्रेंटिस संघ ने इसे लेकर कई बार आंदोलन किया लेकिन उन्हें नियोजन नहीं मिला. आंदोलित लोगो को कैंप जेल में बंद रखा गया. उन्होंने नंग धड़ंग प्रदर्शन किया. नतीजा सिफर निकला. नियोजन की उम्मीदों को साल 2022 धराशायी कर गया.

लातेहार: वन विभाग तपा पहाड़ की तराई में बनाएगा इको पार्क

Ashish Tagore 

हरी भरी वादियां, ऊंचे नीचे पर्वत, पर्वतों के बीच से बहती कल-कल नदियां और जंगलों में महुआ व पलास की खुशबू, यह एक छोटा सा परिचय है लातेहार जिले का. लातेहार जिले में नेतरहाट व बेतला जैसे राष्ट्रीय ख्याति के पर्यटन स्थल हैं, वहीं कुछ ऐसे स्थल भी हैं, जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. इन्हीं में शुमार है लातेहार जिला मुख्यालय के पूरब में स्थित तपा पहाड़. सड़क मार्ग रांची से लातेहार प्रवेश करते ही ऐसा प्रतीत होता है, जैसे तपा पहाड़ अपनी दोनों बाहें फैलाए लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार खड़ा है. तपा पहाड़ के नीचे झरिया डैम के किनारों पर बैठ कर पहाड़ की चोटियों को निहारना मन को सुकून देता है. वन विभाग ने इसी तपा पहाड़ को पर्यटन के लिहाज से विकसित ने की योजना बनायी है. गत नवंबर माह में ही वन प्रमंडल पदाधिकारी रौशन कुमार ने तपा पहाड़ के नीचे एक पार्क व एवेयरनेस सेंटर बनाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि यहां एक इक्को पार्क का निर्माण कराया जाएगा, ताकि लोग यहां आ कर घूम-फिर सकें. इसके अलावा एक एवेयरनेस सेंटर बनाया जाएगा, जहां लोगों को वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण की जानकारी दी जाएगी. बताते चलें कि पहली जनवरी को तपा पहाड़ में काफी संख्या में लोग नव वर्ष का आगाज करने आते हैं ओर पर्वतारोहण करते हैं.

रांची-मेदिनीनगर एनएच-75 किनारे है पहाड़

तपा पहाड़ की की सबसे खास बात यह है कि यह रांची-मेदिनीनगर एनएच-75 किनारे अविस्थत है. यहां सड़क मार्ग से पहुंचना बहुत ही आसान है. हालांकि लातेहार में रेलमार्ग भी है, लेकिन रेल मार्ग से यहां पहुंचना थोड़ा मुश्किल भरा काम है. लातेहार के लिए रांची व मेदिनीनगर से हर आधे घंटे में बस खुलती है. सुबह छह बजे से रात दस बजे तक बसों का परिचालन होता है. एक दिन में ही सैर सपाटा कर लौटा जा सकता है.

कोडरमा : डैम में डूबे 8 लोग, जयनगर में शुरू हुआ पॉलिटेक्निक कॉलेज

कोडरमा जिले की प्रमुख घटना 17 जुलाई को गिरिडीह से मरकच्चो प्रखंड स्थित पंचखेरो जलाशय घूमने आए 8 लोगों की डैम में डूबने से मौत हो गई थी, जिसमें कुछ छोटे बच्चे भी शामिल थे. वहीं, पुलिस द्वारा अर्जुन साव नामक मायका व्यवसायी की पुलिस द्वारा हत्या के मामला भी काफी तूल पकड़ा था, जिसका वर्तमान में सीआईडी जांच कर रही है. जिले में बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखे तो यहां रेल प्रोजेक्ट शुरू किया गया, जिसकी सहायता से 10वीं और 12वीं में छात्रों ने सफलता हासिल की. 2022 में सबसे बड़ी उपलब्धि जयनगर में शुरू हुआ पॉलिटेक्निक कॉलेज है. इसके अलावा जिला परिषद ने पार्क और डोमचांच से पिपचो तक बनी कालीकरण सड़क का निर्माण भी कराया है, जो काफी समय से लंबित थी. नए साल में मेडिकल कॉलेज की शुरुआत होनी है. कॉलेज का कार्य अधूरा पड़ा है. उम्मीद है कि नए साल में मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूरा हो जाएगा.

धनबाद : जिले की सबसे बड़ी उपलब्धि सिंदरी का हर्ल कारखाना

वर्ष 2022, धनबाद जिले के लिए उतार चढ़ाव भरा रहा. जज उत्तम आनंद की हत्या के लिए ठहराये गए दोषियों को उम्र कैद की सजा चर्चा का विषय बनी रही. शहर के लोगों को रणधीर वर्मा स्टेडियम पार्क मिला. मुथूट फाइनेंस डकैती कांड को बैंक मोड़ थाना की पुलिस ने नाकाम किया. बैंक मोड़ थाना को बेस्ट थाना का अवार्ड. सीआईएसएफ और कोयला चोरों के बीच मुठभेड़, भूंधसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों का विस्थापन, वासेपुर के गैंगस्टर प्रिंस खान का आतंक, सदर अस्पताल और एसएनएमएमसीएच में मरीजों की सुविधाओं का विस्तार, कोयला और बालू चोरी, धनबाद से एर्नाकुलम के लिए सीधी ट्रेन, बीबीएमकेयू के नए भवन का उद्घाटन, फुटपाथ दुकान और अतिक्रमण हटाओ अभियान की घटनाओं ने भी लोगों का ध्यान आकृष्ट किया.

खुले रोजगार के अवसर के द्वार

परंतु जिले की सबसे बड़ी उपलब्धि रही सिंदरी स्थित हर्ल कारखाना. 7 नंबर 2022 को इस कारखाने से नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू हो गया. कारखाना खुलने से 5 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का अवसर मिला है. अवसर के द्वार और भी खुलने की आशा है.

नव वर्ष से उम्मीदें

वर्ष 2023 में धनबाद शहर को जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी.. गया पुल के नए अंडरपास का काम जल्द शुरू होने की बात जिला प्रशासन की ओर से कही जा रही है. इसके अलावा शहर में चार नए खेल के मैदान, इलेक्ट्रिक बसें भी मिलेंगी.

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