Ranchi : झारखंड खतियान आंदोलनकारी संघ के संयोजक शफी इमाम ने कहा कि अपनी घोषणा के अनुरूप 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद कदमा उलियान जमशेदपुर में शहीद निर्मल महतो के 32वें शहादत दिवस पर कहा था कि अगर वे सत्ता में आते हैं, तो एक वर्ष में पांच लाख युवाओं को नौकरी देंगे. और अगर नौकरी नही दे सके, तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे. इस आधार पर उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए, क्योंकि 29 दिसंबर को हेमंत सरकार के तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं और 300 लोगों को भी नौकरी नहीं मिली. नौकरी तो दी नही, पूर्व की नियोजन नीति को रद्द कर लाखों युवाओं को बेरोजगार कर दिया. सरकार ने तीन साल सिर्फ कोरोना, कोष की कमी और केंद्र सरकार को कोसते हुए बिता दिया. अभी हाल में आंदोलनरत युवाओं को बाहरी मनुवादी कह कर लाठीचार्ज, नोटिस, केस मुकदमा कर प्रताड़ित कर रही है. इस तरह युवाओं के मौलिक अधिकार का भी हनन खुलेआम कर रही है.
कुर्सी पर बने रहने का कोई हक नहीं है
सरकार ने 2022 को नियुक्ति वर्ष घोषित किया. वह भी असफल रहा. सरकार भ्रष्टाचार मिटाने में असफल रही. जेपीएससी, जेएसएससी में भ्रष्टाचार व्याप्त है. खतियान आधारित स्थानीय नीति व आरक्षण विधेयक को सरना कोड की तरह केंद्र के पाले में डालकर झारखंडी को बेवकूफ बनाने का कार्य किया है. पानी, बिजली, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सभी मुद्दों पर असफल मुख्यमंत्री को कुर्सी पर बने रहने का कोई हक नहीं है.
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