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बोर्ड ने कहा- जब ऑस्ट्रेलिया टी-20 वर्ल्ड कप नहीं कराना चाहता, तो आईसीसी ने फैसला एक महीने क्यों टाला?

इस साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को लेकर सस्पेंस बरकरार है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने वर्ल्ड कप को 27 मई और 10 जून को दो बार मीटिंग की थी, लेकिन फैसला अगले महीने तक टाल दिया है। इस पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर से नाराज नजर आ रहा है।

इस साल ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में टी-20 वर्ल्ड कप 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होना है। हाल ही में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के चेयरमैन अर्ल एडिंग्स ने कहा था कि इस साल वर्ल्ड कप होना बेहद मुश्किल है। कोरोना के बीच 16 देशों की टीमों को एक जगह लाना चुनौती होगी।

मनोहर आईपीएल को लेकर टांग अड़ा रहे
वहीं, 29 मार्च से होने वाला आईपीएल पहले ही अनिश्चितकाल के लिए टल चुका है। यदि टूर्नामेंट रद्द होता है, तो बीसीसीआई को करीब 4 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। ऐसे में बोर्ड वर्ल्ड कप टलने की स्थिति में अक्टूबर-नवंबर में आईपीएल करा सकता है। बीसीसीआई का मानना है कि वर्ल्ड कप पर फैसला टालकर शशांक मनोहर आईपीएल होने को लेकर टांग अड़ा रहे हैं।

आईसीसी चेयरमैन कन्फ्यूजन पैदा कर रहे
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘‘आईसीसी चेयरमैन (मनोहर) कन्फ्यूजन क्यों पैदा कर रहे हैं? यदि मेजबान क्रिकेट बोर्ड टी-20 वर्ल्ड कप को नहीं कराना चाहते हैं, तो फिर फैसले के लिए एक महीने की देरी क्यों की जा रही है? क्या वे बीसीसीआई को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं?’’

फैसले में देरी से सभी क्रिकेट बोर्ड को नुकसान
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ बीसीसीआई और आईपीएल का मामला नहीं है। यदि आईसीसी इसी महीने में वर्ल्ड कप को टालने का फैसला करता है, तो जो क्रिकेट बोर्ड या खिलाड़ी आईपीएल नहीं खेल रहे हैं, वे अपनी द्विपक्षीय सीरीज की तैयारी कर सकते हैं। फैसले में देरी से सभी को नुकसान होगा।’’

श्रीलंका में हो सकता है आईपीएल
टी-20 वर्ल्ड कप पर जल्द फैसला होता है, तो बीसीसीआई आईपीएल को श्रीलंका में कराने पर भी विचार कर सकता है। क्योंकि यूएई के मुकाबले श्रीलंका में खर्च बहुत कम आएगा। इससे पहले सुनील गावस्कर भी सितंबर की विंडो में टूर्नामेंट को श्रीलंका में कराने की बात कह चुके हैं।

बीसीसीआई और मनोहर के बीच टकराव नई बात नहीं
नागपुर के रहने वाले वकील मनोहर और बीसीसीआई के बीच टकराव नई बात नहीं है। पहले भी कई मामलों को लेकर दोनों आमने-सामने आ चुके हैं। मनोहर के पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन से रिश्ते ठीक नहीं थे। इसी कारण यह विवाद अब तक चला आ रहा है।

सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘‘वे (मनोहर) बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, जो आज हमारे ही खिलाफ काम कर रहे हैं। आईसीसी के रेवेन्यू में बीसीसीआई का बड़ा योगदान होता है, इसके बावजूद बीसीसीआई के हिस्से में कटौती की गई।’’

आईसीसी चेयरमैन के लिए गांगुली भी उम्मीदवारी पेश कर सकते हैं
अगले महीने आईसीसी के नए अध्यक्ष के लिए चुनाव होना है। मनोहर का कार्यकाल मई में ही खत्म हो चुका है। इस पर अधिकारी ने कहा, आईसीसी बोर्ड की बैठक में चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पर ही ज्यादा चर्चा की गई थी। मुझे लगता है कि मनोहर चेयरमैन का पद छोड़ने वाले नहीं हैं। वे कार्यकाल बढ़ाने की कोशिश करेंगे।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘इंग्लैंड बोर्ड के अध्यक्ष कोलिन ग्रेव्स अब भी पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। यदि सौरभ गांगुली उम्मीदवार नहीं होते हैं, तो बीसीसीआई भी ग्रेव्स को सपोर्ट करेगी। यदि सर्वसम्मति से फैसला नहीं होता है, तो फिर गांगुली भी नामांकन करेंगे और लड़ाई रोमांचक होगी।’’ हालांकि, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन एहसान मनी भी दावेदारी पेश कर सकते हैं, लेकिन बीसीसीआई सपोर्ट नहीं करेगी।