Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

सिर्फ माया को टैकल कर लें अखिलेश… सत्यपाल मलिक ने विपक्ष को बताया BJP को हराने का ‘वीपी सिंह फार्मूला’

लखनऊः पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ पूरे विपक्ष को एकजुट होने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अगर वन टू वन यानी कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ पूरे विपक्ष का एक उम्मीदवार खड़ा किया जाए, तभी मोदी जी को हराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसा पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने अपने समय में किया था। सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा कि अखिलेश और मायावती के बीच अंदरखाने में अंडरस्टैंडिंग हो जाए तो बीजेपी को उत्तर प्रदेश में भी परास्त किया जा सकता है।

एक टीवी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने कहा कि यूपी की राजनीति में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने पीछे सभी अति पिछड़ी जातियों को जोड़ा है। हाई कोर्ट के हालिया फैसले के बाद बचे हुए भी उनके ही साथ हो जाएंगे। जाट और मुसलमान तो सपा के पक्ष में हैं। अखिलेश को सिर्फ मायावती को टैकल करना है। मलिक ने कहा कि अगर अंदरखाने में अखिलेश मायावती से कोई समझौता कर लें तो बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बन सकता है। उन्होंने कहा कि मायावती अपना वोटबैंक रूलिंग पार्टी को ट्रांसफर न करें, इसी को रोकना है।

विपक्ष वीपी सिंह के फार्मूले पर काम करेः मलिक
अपने आपको बीजेपी का विरोधी न बताते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि कांग्रेस के बिना कोई भी बीजेपी विरोधी मोर्चा सफल नहीं हो सकता। कांग्रेस की वजह से अपोजिशन के पास अल्पसंख्यकों का पूरा वोट आ जाएगा। विपक्ष की फिलहाल की स्थिति के बारे में बताते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि अभी तो मुझे छोड़कर विपक्ष का हर नेता पीएम पद का उम्मीदवार है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकालकर बीजेपी को दक्षिण भारत से बाहर कर दिया है। उत्तर भारत के लिए उन्होंने सलाह दी कि विपक्षी दलों को पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के फार्मूले पर काम करना पड़ेगा। अगर वन टू वन हो जाएं यानी कि बीजेपी के एक प्रत्याशी के खिलाफ पूरे अपोजिशन का एक संयुक्त प्रत्याशी मैदान में उतरे तो नरेंद्र मोदी को दिक्कत हो सकती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर 200 सीटों पर आ जाए, पार्टी के ही भीतर कई तरह की लड़ाइयां चलने लगेंगी।

किसान आंदोलन के लिए जाना जाएगा 2023ः मलिक
किसान आंदोलन को लेकर सत्यपाल मलिक ने कहा कि मोदी सरकार ने एमएसपी को लीगलाइज करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। अगर यही रवैया रहा तो साल 2023 भी किसान आंदोलन के लिए ही जाना जाएगा।