बीते बरस की तमाम खट्टी-मिठी यादों को दिलों में संजोकर बनारस के लोगों ने शानदार तरीके से नए साल का स्वागत किया। जश्न मनाने का तरीका भले ही अलग-अलग रहा लेकिन नव वर्ष 2023 का स्वागत करने में किसी ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। नववर्ष का पहला विहान जज्बा, जोश और उत्साह लेकर आया। नई उम्मीदों और आशाओं की किरण फूटी। रविवार को कोहरे की चादर के साथ सुबह होते ही गंगा तट पर हजारों लोगों ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ नए साल की अगवानी की। बच्चे, महिलाएं हों या युवा, नए साल का जश्न मनाने के लिए इस कदर उमड़े कि दशाश्वमेध घाट और अस्सी घाट जाने वाले रास्ते पैक हो गए। सड़कों पर पार्किंग तक के लिए जगह नहीं बची। नए साल की खुशियों का मेला घाटों से लेकर गंगा पार तक गुलजार रहा।
भले ही सुबह-ए-बनारस पर कोहरे का पहरा रहा, लेकिन नव वर्ष का उत्साह लोगों में ऐसा था कि अलसुबह की गंगा आरती के वक्त तक घाट की सीढ़ियों तक पर भीड़ नजर आई। दिन के परवान चढ़ने के साथ भीड़ संभालने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी।
दशाश्वमेध घाट से लेकर नमो घाट तक यही नजारा देखने को मिला। सुबह से ही लोग रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजे वाहनों पर सवार होकर पिकनिक स्पॉट की ओर निकल पड़े। कोई सारनाथ तो किसी ने आसपास के जिलों के जल प्रपातों पर पहुंच कर परिवार के साथ मस्ती की।
आधी रात के पहले से ही शुरू जश्न का सिलसिला घड़ी की सुइयों के बारह बजते दोगुना हुआ और आधी रात के बाद तक जारी रहा। नए साल के दस्तक दी तो शहर के तमाम मोहल्लों में जमकर आतिबाजी भी की गई। रंगोलियों, फूलों की कल्पनाओं से सजे अरमान लेकर शनिवार रात काशी नृत्य-संगीत के जश्न के साथ नए साल में प्रवेश कर गई।
रविवार को गंगा पार रेत पर मनोरंजक खेल और घुड़सवारी भी हुई। जगह-जगह लोग गेम खेलने के साथ ही गीत-संगीत और अंत्याक्षरी में रमे रहे। नए साल पर युवाओं की टोलियों ने घर की छतों से लेकर घाट व गंगा पार रेती पर पतंगबाजी की।
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