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Editorial :- यूएन की रिपोर्ट ग्लोबल जिहाद के साथ देश की संप्रभुता और प्रेस की स्वतंत्रता तथा धार्मिक स्वतंत्रता पर कुठाराघात

पाश्चात्य यूरोपियन देश विशेषकर अमेरिका अपने आपको धार्मिक स्वतंत्रता, पे्रस की स्वतंत्रता और प्रजातंत्र का रक्षक समझता है, परंतु वास्तव में देखा जाये ये ही रक्षक नहीं भक्षक हैं।
ग्लोबल जिहाद के जन्मदाता और जन्मस्थली पाकिस्तान के ऊपर सदैव इन देशों का संरक्षण रहा है।
सभी पाश्चात्य देश प्राय: विश्व को ईसाई धर्म  के तले लाना चाहते हंैं। अब देखने में यह रहा है कि वेटिकन की सहानुभूति ईस्लामिक कट्टरपंथ की ओर भी हो गई है और ये नापाक गठबंधन सिर्फ शांतिप्रिय और हिन्दू धर्म और बौद्धधर्मावलंबी देशों विशेषकर भारत के खिलाफ है।
अभी हमने देखा गुजरात विधानसभा चुनाव के समय और कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय क्रिस्चियन आर्कबिशपों द्वारा उसी प्रकार से फतवे भारत की धार्मिक स्वतंत्रता के विरूद्ध जिहाद की दृष्टि से जारी किये थे। यूपी के उपचुनाव के समय भी इसी प्रकार से देवबंद से  फतवा जारी हुआ था।
अभी जो कर्नाटक के जय नगर और उत्तरप्रदेश के कैराना तथा बिहार के जोकीहाट के उपचुनाव के जो रिजल्ट निकले हैं उसका विश£ेषण करने से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि हिन्दुओं पर फूट डालने और मुसलमानों की एकजूटता सिर्फ और सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हटाने के लिये है।
सच पूछा जाये तो यह जिहाद पीएम मोदी के विरूद्ध नहीं बल्कि इसलिये है कि जिससे उभरता हुआ भारत प्रगति कर सके और विश्व का नेतृत्व कर सके।
यूएन की रिपोर्ट भारत की स्वतंत्रता, संप्रभुता का उल्लंघन करता हुआ है।
यूएन की रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब भारत की तरफ से रमजान सीजफायर का ऐलान किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट कोघातक, प्रवृत, भारतीय संप्रभुता का उल्लंघन, बड़े पैमाने पर असत्यापित जानकारी का संकलन, अत्यधिक पूर्वाग्रह और झूठ से प्रेरितÓ बताया है।
अल हुसैन द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट उनकी अंतिम रिपोर्टों में से एक होगी। हुसैन इस साल अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं और इसके बाद यूएन जनरल असेंबली नया प्रमुख नियुक्त करेगी। तो भारत और ही पाकिस्तान ने ओएचसीएचआर कार्यालय को कश्मीर तक पहुंचने की इजाजत दी, इसलिए हुसैन ने कहा कि यह रिपोर्टरिमोट मॉनिटरिंगÓ का नतीजा है। जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर में भारत की सक्रिय उपस्थिति है, लेकिन भारत के राजदूत देश की इमेज खराब करने वाली रिपोर्ट की जानकारी हासिल करने में असफल रहे। हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने ओएचसीएचआर को अपने विरोध की जानकारी दे दी है।
यूएन ह्यूमन राइट्स काउंसिल के पूर्व वाइस प्रेजिडेंट दिलीप सिन्हा ने बताया, ‘यह रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा है क्योंकि यह ओआईसी (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन) कश्मीर को लेकर पूर्वाग्रह के साथ तैयार की गई है। यह उस देश की आलोचना करना है, जो अपने लोगों को अधिकार देती है, साथ ही एनजीओ और मीडिया को काम करने की छूट देती है, जबकि पाकिस्तान में ऐसा नहीं है।
आज ही यूएन की रिपोर्ट से प्रोत्साहित होकर  श्रीनगर में हुए आज के आतंकी हमले में अखबार के एडिटर समेत दो की मौत हो चुकी है।
जम्मूकश्मीर में श्रीनगर शहर के प्रेस कॉलोनी में वहां के लोकल अखबार के एडिटर शुजात बुखारी पर गुरूवार की शाम जानलेवा आंतकी हमला हुआ। इस हमले में शुजात बुखारी और उनके पीएसओ की गोली लगने से मौत हो गई और 2 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार पर जानलेवा हमला होने से इलाके में हड़कंप मच गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में श्रीनगर के विशेष पुलिस अधिकारी भी गंभीर रूप से घायल हैं। एक तरफ जहां भारत सरकार ने रमजान के महीने में राज्य ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई ना करने का फैसला लिया है, वहीं इन दिनों प्रदेश में आतंकी गतविधियां और बढ़ गई है।
प्रेस कॉलोनी से राइजिंग कश्मीर नाम के लोकल अखबार के वरिष्ठ पत्रकार पर शुजात बुखारी पर यह आंतकी हमला अचानक से हुआ। श्रीनगर पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंच कर आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कर्रवाई की जिसमें पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए।
राजनाथ सिंह ने भी जताया शोक
महबूबा मुफ्ती के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी शुजात बुखारी की हत्या पर शोक जताते हुए इस हमले की निंदा की है। राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘राइजिंग कश्मीर अखबार के संपादक शुजात बुखारी की हत्या एक कायरतापूर्ण घटना है। वह एक निर्भीक पत्रकार थे और मुझे उनके निधन का दुख है। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।Ó
महबूबा मुफ्ती ने की हमले की निंदा
शुजात बुखारी की हत्या के बाद राज्य की सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस घटना पर शोक जताते हुए आतंकियों के हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। शुजात बुखारी की हत्या के बाद ट्विटर पर अपने संदेश में महबूबा ने लिखा, ‘मैं शुजात बुखारी की हत्या के कारण दुखी हूं। मैं इस हिंसा की निंदा करती हूं और प्रार्थना करती हूं कि मृतक की आत्मा को शांति मिले।