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आखिर वो घड़ी आ गई…आज काशी आएगा गंगा विलास क्रूज,

घने कोहरे की वजह से स्विस पर्यटकों को लेकर कोलकाता से चला गंगा विलास क्रूज 17वें दिन भी वाराणसी की सीमा में प्रवेश नहीं कर सका। गाजीपुर से चला क्रूज देर रविवार देर शाम तक चंदौली के अमादपुर तक पहुंच सका, फिर क्रूज की टीम ने वहीं डेरा डाल दिया। अब क्रूज के सोमवार तक काशी पहुंचने की उम्मीद है। पर्यटकों के स्वागत की भव्य तैयारी की गई है।

क्रूज से गाजीपुर तक आए कुछ स्विस पर्यटक रविवार को सड़क मार्ग से वाराणसी आ गए। इन पर्यटकों का कैंटोनमेट स्थित होटल में शहनाई बजाकर किया गया। देरशाम पर्यटकों ने दशाश्वमेध घाट जाकर गंगा आरती भी देखी। सारनाथ स्थित धमेख स्तूप और संग्रहालय का भ्रमण किया। पर्यटन व संस्कृति विभाग की ओर से विशेष सांस्कृतिक आयोजन भी किया गया। होटल में विश्राम के बाद स्विस पर्यटक सोमवार को काशी के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करेंगे।

13 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

कोहरे ने क्रूज की रफ्तार और धीमी कर दी है। रविवार करीब पौने बारह बजे गाजीपुर से चला क्रूज देर शाम चोचकपुर से आठ किलोमीटर आगे पहुंचा था। इसी बीच घना कोहरा छाया और क्रूज को चंदौली के अमादपुर लाकर खड़ा कर दिया गया। अब सोमवार तक क्रूज के वाराणसी आने की उम्मीद है। क्रूज 13 जनवरी तक काशी में रहेगा। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल ही हरी झंडी दिखाकर क्रूज को रवाना करेगा। यह क्रूज काशी से चलकर एक मार्च को डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।

भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय निदेशक राकेश कुमार ने बताया कि भारत में कोलकाता और वाराणसी के बीच आठ क्रूज का संचालन होता है। जलमार्ग संख्या-1 पर क्रूज सेवा नदी परिवहन के क्षेत्र में बड़ा कदम है। नदी पर्यटन की दुनिया में नए युग की शुरूआत है। इससे न सिर्फ नदी पर्यटन, बल्कि कार्गो से व्यावसायिक गतिविधियां तेज होंगी। यह लग्जरी क्रूज भारत और बांग्लादेश के पांच राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा। इस दौरान 50 पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया जा सकेगा। क्रूज अपनी दूरी 52 दिनों में तय करेगा।

केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि एमवी गंगा विलास का उद्घाटन होने के साथ ही भारत नदियों से क्रूज सफर के वैश्विक मानचित्र का हिस्सा बन जाएगा। इससे देश में नदी पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। फिलहाल, देश में वाराणसी और कोलकाता के बीच आठ रिवर क्रूज संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा दूसरे राष्ट्रीय जलमार्ग (ब्रह्मपुत्र नदी) पर भी क्रूज का आवागमन जारी है।

– यह किसी रिवर क्रूज द्वारा की जाने वाली दुनिया की सबसे लंबी यात्रा होगी।
– एमवी गंगा विलास क्रूज 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा और 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है।
– इसमें तीन डेक हैं। इस पर 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट्स हैं।
– 5 स्टार होटल जैसी सुविधाएं। यात्रियों के लिए रेस्तरां, संगीत, जिम, स्पा, आदि तमाम लग्जरी सुविधाएं।
– 80 यात्रियों की क्षमता है इस क्रूज की। इस क्रूज को साल 2018 से प्रमोट किया गया था
– 50 से अधिक जगहों पर रुकेगा, जिनमें विश्व विरासत स्थल भी शामिल हैं। यह क्रूज सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क के पास से भी होकर गुजरेगा।

घने कोहरे की वजह से स्विस पर्यटकों को लेकर कोलकाता से चला गंगा विलास क्रूज 17वें दिन भी वाराणसी की सीमा में प्रवेश नहीं कर सका। गाजीपुर से चला क्रूज देर रविवार देर शाम तक चंदौली के अमादपुर तक पहुंच सका, फिर क्रूज की टीम ने वहीं डेरा डाल दिया। अब क्रूज के सोमवार तक काशी पहुंचने की उम्मीद है। पर्यटकों के स्वागत की भव्य तैयारी की गई है।

क्रूज से गाजीपुर तक आए कुछ स्विस पर्यटक रविवार को सड़क मार्ग से वाराणसी आ गए। इन पर्यटकों का कैंटोनमेट स्थित होटल में शहनाई बजाकर किया गया। देरशाम पर्यटकों ने दशाश्वमेध घाट जाकर गंगा आरती भी देखी। सारनाथ स्थित धमेख स्तूप और संग्रहालय का भ्रमण किया। पर्यटन व संस्कृति विभाग की ओर से विशेष सांस्कृतिक आयोजन भी किया गया। होटल में विश्राम के बाद स्विस पर्यटक सोमवार को काशी के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करेंगे।

13 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

कोहरे ने क्रूज की रफ्तार और धीमी कर दी है। रविवार करीब पौने बारह बजे गाजीपुर से चला क्रूज देर शाम चोचकपुर से आठ किलोमीटर आगे पहुंचा था। इसी बीच घना कोहरा छाया और क्रूज को चंदौली के अमादपुर लाकर खड़ा कर दिया गया। अब सोमवार तक क्रूज के वाराणसी आने की उम्मीद है। क्रूज 13 जनवरी तक काशी में रहेगा। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल ही हरी झंडी दिखाकर क्रूज को रवाना करेगा। यह क्रूज काशी से चलकर एक मार्च को डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।