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Bareilly: इकबाल के प्रार्थना गीत गंवाने के आरोप में जेल में बंद शिक्षक को जमानत, हाई कोर्ट जाने की तैयारी

Bareilly Teacher gets bail over Iqbal Prayer Row: बरेली के शिक्षक को दो सप्ताह बाद जमानत मिल गई। इकबाल के प्रार्थना गीत गंवाने के आरोप में शिक्षक को जेल जाना पड़ा था। ‘लब पे आती है दुआ बनके’ प्रार्थना गीत को लेकर शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था।

 

हाइलाइट्सइकबाल का प्रार्थना गीत छात्रों से गवाए जाने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे शिक्षकशिक्षक को कोर्ट से मिली जमानत, दो सप्ताह तक जेल में रहने के बाद निकले बाहरसस्पेंसन खत्म कराने और केस को खारिज करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट जाएंगेबरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में जेल में बंद शिक्षक को जमानत दे दी गई है। सरकार स्कूल के 49 वर्षीय शिक्षा मित्र को स्कूल परिसर में प्रसिद्ध कवि अल्लामा इकबाल के प्रार्थना गीत गवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। स्कूल परिसर में इकबाल के प्रार्थना गीत ‘लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी’ के मामले में यह कार्रवाई हुई थी। प्रार्थना गीत का वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ्तार किए गए शिक्षक को शनिवार की रात जमानत दे दी गई। उनकी रिहाई हो गई। सरकारी स्कूल के प्राथमिक खंड के उर्दू शिक्षक मोहम्मद वजीरुद्दीन को इस घटनाक्रम के बाद निलंबित कर दिया गया। निलंबन और दर्ज कराए गए केस को खारिज किए जाने की मांग को लेकर शिक्षक अब हाई कोर्ट का रुख करने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।

पुलिस ने स्कूल के प्रधानाध्यापक समेत दो शिक्षकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की मंशा) और 153 (दंगा भड़काने के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया था। प्रधानाध्यापक कविता पाठ के समय चिकित्सा अवकाश पर थे। उन्हें बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की ओर से दूसरे स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया है। वजीरुद्दीन के वकील पुष्पेंद्र श्रीवास्तव ने रविवार को कहा कि कविता एनसीईआरटी पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है। एक शिक्षक को पाठ्यक्रम से कुछ भी पढ़ाने के लिए जेल नहीं भेजा जा सकता है। हमने कोर्ट के समक्ष पाठ्यक्रम की किताब पेश की और मेरे मुवक्किल को जमानत दे दी गई। उन्होंने कहा कि किसी को किसी का नाम लेने या किसी का धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं किया। वह केवल पाठ्यक्रम की किताबों से एक कविता पढ़ रहे थे। शिकायतकर्ता ने इसका गलत अर्थ निकाला।पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप
पुष्पेंद्र श्रीवास्तव ने शिक्षक का बचाव करते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने शिक्षक पर कार्रवाई से पहले पाठ्य पुस्तक की जांच करने की जहमत नहीं उठाई। मेरे मुवक्किल को जेल भेज दिया। साथ ही, दोषी नहीं होने के बावजूद बीएसए ने उन्हें निलंबित कर दिया है। पाठ्यक्रम की किताबें सबूत हैं, जो मेरे मुवक्किल को निर्दोष साबित करती हैं।शिक्षक ने भी दी अपनी सफाई
शिक्षक वजीरुद्दीन ने इस पूरे मामले पर कहा कि मैं बच्चों को पढ़ा रहा था। पुलिस स्कूल आई और मुझे गिरफ्तार कर लिया। मैं सिर्फ एक ‘शिक्षा मित्र’ हूं। मैं वह कविता पढ़ा रहा था, क्योंकि मुझे पाठ्यक्रम की किताब से पढ़ाने के लिए कहा गया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह एक अपराध हो सकता है?दर्ज कराया गया था केस
बरेली के फरीदपुर शहर में स्थित सरकारी स्कूल में यह मामला सामने आया था। इस स्कूल में लगभग 300 छात्र हैं। इनमें से अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि गीत ‘मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको’ (हे अल्लाह, मुझे बुराई से बचाओ) एक ‘प्रार्थना’ है। शिक्षक छात्रों को इसे सुनाने के लिए मजबूर कर रहे थे। गीत एक कविता का हिस्सा हैं जो इकबाल की लोकप्रिय रचनाओं में से एक है।
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