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कोविड-19 के कारण ऑटो डीलरशिप से 2 लाख से ज्यादा नौकरियां खत्म होंगी, पिछले साल से ज्यादा खराब हालात

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) का कहना है कि कोरोनावायरस महामारी के कारण डीलरशिप से जुड़ी नौकरियों के हालात पिछले साल से भी ज्यादा खराब हैं। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में लंबी आर्थिक मंदी के कारण पिछले साल डीलरशिप से जुड़ी करीब दो लाख नौकरियां खत्म हो गई थीं।

इस महीने के बाद सामने आएंगे असली हालात

फाडा का कहना है कि डीलरशिप से जुड़ी नौकरियों पर पड़ने वाले असर की असलियत इस महीने के बाद ही सामने आ पाएगी। कोविड-19 के असर को लेकर फाडा इस महीने के अंत में एक सर्वे करेगी। इस सर्वे में डीलर्स की ओर से आउटलेट बंद करने और वर्कफोर्स में कमी करने की योजना के बारे में जानकारी ली जाएगी। फाडा के प्रेसीडेंट आशीष हर्षराज काले ने कहा कि यदि मांग में तेजी नहीं आती है तो कोविड-19 के कारण डीलरशिप नौकरियों पर ज्यादा असर होगा।

पिछले साल आर्थिक मंदी के कारण 2 लाख नौकरियां खत्म हुई थीं

हर्षराज काले ने बताया कि आर्थिक मंदी के कारण पिछले साल मई से जुलाई के मध्य देशभर के डीलरशिप से जुड़ी करीब 2 लाख नौकरियां खत्म हुई थीं। हालांकि, काले ने कहा कि कोविड-19 के कारण किस प्रकार की नौकरियों पर असर पड़ेगा, इसकी असली तस्वीर अगले इस महीने के बाद ही सामने आएगी। काले ने कहा कि अप्रैल और मई महीना पूरी तरह से लॉकडाउन में बीता है। ऐसे में मांग की वास्तविक स्थिति के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।

नौकरियों में कटौती करना अंतिम विकल्प

काले ने कहा कि कर्मचारियों में कमी करना हमारे लिए आसान नहीं है। यह कर्मचारी हमारे लिए काफी मूल्यवान रिसोर्सेज होते हैं। हम इनको सालों तक प्रशिक्षित करते हैं और वे हमारे संस्थान के साथ ग्रोथ करते हैं। हालांकि, काले ने स्वीकार किया कि संकट के हालातों से निपटने के लिए नौकरियों में कटौती करना ही ऑटोमोबाइल डीलर्स के पास अंतिम विकल्प होता है। उन्होंने कहा कि नौकरियों में कटौती का फैसला कारोबार सामान्य होने के 1 महीने के बाद लिया जाएगा। यदि मांग में तेजी नहीं आती है तो हमें नौकरियों में कटौती के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

अभी तक कोई डीलरशिप बंद नहीं हुई

फाडा प्रेसीडेंट ने बताया कि अभी तक कोई भी डीलरशिप बंद नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस कारोबार में ऐसा कड़ा निर्णय अचानक नहीं लिया जा सकता है। काले ने कहा कि अच्छी बात यह है कि सर्विस कारोबार धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। काले ने कहा कि नौकरियों में कटौती और अन्य फैसलों के संकेत जुलाई में मिलने शुरू होंगे।