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दिव्यांग को गोद में लेकर चढ़ीं 22 सीढियां, ताजमहल देखने आए विदेशी पर्यटक ने UNESCO से की शिकायत, जानें मामला

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आगरा: दुनिया की बेहद खूबसूरत स्मारक ताजमहल (Tajmahal) को करीब से देखने की इच्छा हर कोई रखता है। इसी इच्छा को मन में लिए केरल से दिव्यांग महिला अपने पति और रिश्तेदारों के साथ आगरा पहुंची थी। ताजमहल में वह व्हीलचेयर से पहुंची थी, लेकिन मकबरे के पास व्हीलचेयर नहीं पहुंच पायी। पत्नी की ख्वाहिश पूरी करने के लिए उसका पति अपनी गोद में लेकर चढ़ना पड़ा। इस दौरान उसने 22 सीढियां चढ़ी थीं, जिसका वीडियो उसकी बहन और उसके पति एडम वॉकर ने बना लिया। जिसे उन्होंने यूनेस्को (UNESCO) को टैग करके ट्वीट कर ताजमहल में मौजूद अव्यवस्थाओं में सवाल उठाए हैं।

अमेरिका के रहने वाले एडम वॉकर की पत्नी भारतीय है। वह केरल में रहती है। 6 जनवरी को वह अपनी पत्नी, साले और सलहज को लेकर ताजमहल घूमने आए थे। एडम की सलहज दिव्यांग है। दिव्यांग सलहज को लेकर व्हीलचेयर से ताज महल पहुंचे थे। मगर ताजमहल के मुख्य गुंबद (मकबरा) तक जाने के लिए रैंप नहीं बनी हुई है। इसलिए वहां व्हीलचेयर नहीं जा सकी।

यूनेस्को को भी किया टैग
एडम के साले ने अपनी दिव्यांग पत्नी को गोदी में उठाया और उसे मकबरे तक लेकर पहुंचा। विश्व के शीर्ष स्मारकों में शामिल ताजमहल में दिव्यांगो के लिए कोई सुविधा नहीं होने पर एडम ने ट्वीट कर सवाल उठाए हैं। एडम ने अपने ट्वीटर हैंडिल पर लिखा है कि ताजमहल में दिव्यांगों के लिए रैंप क्यों नहीं बनाई है। जबकि अन्य स्मारकों पर यह सुविधा मौजूद है। उन्होंने अपने ट्वीट को इंडिया एट यूनेस्को को भी टैग किया है

वायरल हो रहा वीडियो
छह दिन पहले एडम आगरा आए थे। उसी दिन छह जनवरी को उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को ट्वीट किया था। एडम के ट्वीट पर दिव्यांगों के लिए काम करने वाली संस्था प्लानेट एबल्ड की संस्थापक नेहा अरोरा ने कमेंट किया है कि पुरातत्व विभाग फर्श गंदा होने का हवाला देकर रैंप नहीं बना रहा है। दुनिया स्मारकों में दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था है। ताजमहल में रैंप के लिए अदालत तक जाएंगे।क्या कहते हैं जिम्मेदार
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल का कहना है अभी तक उनके पास कोई लिखित शिकायत नहीं आयी है। ताजमहल समेत किसी भी स्मारक में मॉडर्न निर्माण नहीं कराया जा सकता है। मंडलायुक्त अमित कुमार गुप्ता का कहना है कि दिव्यांग पर्यटकों की सुविधाएं बढ़ाई जाएं। इसके लिए एएसआई के अधिकारियों के लिए बात की जाएगी।
इनपुट- सुनील साकेत