हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में नमामि गंगे परियोजना से साढ़े तीन सौ से ज्यादा गांवों में पीने का पानी पहुंचाने के लिए यहां कार्यदायी संस्था ने तैयारी शुरू कर दी है। परियोजना से जुड़े बड़े अफसर की माने तो अगले माह तक करीब सवा लाख परिवारों को इस परियोजना से पीने का पानी मिलने लगेगा। परियोजना में आने वाले सभी गांवों तक जलापूर्ति कराने के लिए पाइपलाइनें भी डलवाई गई है। हमीरपुर जिले में दशकों से सैकड़ों गांवों में पानी की बड़ी समस्या से लोग जूझ रहे थे। खासकर मौदहा क्षेत्र के बीहड़ के दर्जनों गांवों और सुमेरपुर, कुरारा, मुस्करा, गोहांड व राठ क्षेत्र के तमाम गांवों में पानी के लिए लोगों में त्राहि-त्राहि मचती है। गर्मी के मौसम में पीने के पानी के लिए हजारों लोगों को कई किमी दूर तक जाना पड़ता है। बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की गंभीर समस्या को लेकर केंद्र सरकार ने जल मिशन के तहत नमामि गंगे परियोजना की बड़ी सौगात दी है।
हमीरपुुर जिले में भी साढ़े छह अरब की परियोजना से साढ़े तीन सौ से अधिक गांवों को पानी से संतृप्त करने के लिए अब कार्यदायी संस्था ने तैयारी तेज कर दी है। एडीएम नमामि गंगे राजेश कुमार यादव ने बताया कि मौदहा और सुमेरपुर ब्लाक के 148 गांवों में जलापूर्ति कराने के लिए यमुना नदी किनारे पत्योरा डांडा ग्राम समूह पेयजल योजना 336.98 लाख रुपये लागत की है। इसमें 65 फीसदी से अधिक कार्य कराए जा चुके है। बताया कि एक इन्टेकबेल, 45 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और 46 ओवर हेड टैंक के निर्माण तेजी से कराए जा रहे है। बताया कि इसके अलावा जिले के कुरारा ब्लाक के हरौलीपुर में 242.65 लाख रुपये लागत की ग्राम समूह पेयजल परियोजना के कार्य तेजी से कराए जा रहे है। इसे परियोजना से कुरारा ब्लाक के 39 गांवों के अलावा मुस्करा, राठ, गोहांड व सरीला ब्लाक के 168 गांवों में भी लोगों को पीने का पानी मिलेगा। यहां भी 123 ओवर हेड टैंक, 8 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, 9 एमएलडी का एक इंटेकबेल और 12 ओवर हेड टैंक के निर्माण करीब 70 फीसदी कराए जा रहे है।
अगले माह से एक लाख से अधिक लोगों को मिलेगा पानीएडीएम नमामि गंगे राजेश कुमार यादव ने बताया कि साढ़े छह अरब की परियोजना में प्रस्तावित गांवों में अंडरग्राउंड पाइपलाइनें डलवाई जा चुकी है। अभी तक करीब 65 हजार घरों में जलापूर्ति के लिए कनेक्शन भी दे दिए गए है। बताया कि कार्यदायी संस्था ने अगले माह तक सभी गांवों में जलापूर्ति शुरू कराने की तैयारी की है। इसके लिए टेस्टिंग कराई जा रही है। टेस्टिंग के दौरान जो माइनर कमियां मिलती है तो उसे दूर किया जा रहा है।
गर्मी के मौसम में परियोजना से ग्रामीणों की बुझेगी प्यास
अरबों की पेयजल परियोजना बुन्देलखंड के इस समस्याग्रस्त गांवों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। दशकों से पानी की किल्लत झेल रहे लाखों लोगों को इस बार गर्मी के मौसम में इस समस्या से निजात मिलेगी। एडीएम नमामि गंगे ने बताया कि अबकी बार गर्मी के मौसम में गांवों में पेयजल की समस्या से लोग परेशान नहीं होंगे, क्योंकि उससे पहले ही जिले में 355 गांवों के 1 लाख से ज्यादा लोगों को शुद्ध पीने का पानी मिलने लगेगा।
रिपोर्ट – पंकज मिश्रा
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