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वाधवानी का रोज होगा मेडिकल चेकअप, 233 करोड़ की टैक्स चोरी के मामले में जांच एजेंसी को मिला है पांच दिन का रिमांड

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पान मसाले के छापों में सामने आई 233 करोड़ की टैक्स चोरी में मुख्य षड्यंत्रकर्ता किशोर वाधवानी को जिला कोर्ट द्वारा 5 दिन की रिमांड पर डायरेक्टोरेट ऑफ जनरल इंटेलीजेंसी (डीजीजीआई) को सौंपा गया है। रिमांड अवधि के दौरान वाधवानी का प्रतिदिन मेडिकल चेकअप किया जाएगा। शुक्रवार को डीजीजीआई की टीम वाधवानी को एमवाय अस्पताल लेकर पहुंची और मेडिकल जांच कराई। 


करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी के मुख्य षड्यंत्रकर्ता किशोर वाधवानी को मुंबई से गिरफ्तार करेने के बाद गुरुवार को इंदौर की जिला कोर्ट में पेश किया गया था। जहां न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुप्रिया पाराशर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद वाधवानी को पांच दिन की रिमांड पर डीजीजीआई को सौंपने का फैसला सुनाया था। जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान वाधवानी की ओर से सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर, अभिनव धनोतकर ने कहा कि वाधवानी को सांस की बीमारी है। दमा जैसी इस बीमारी में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, इसलिए रिमांड पर नहीं सौंपें। जबकि डीजीजीआई के वकील और विशेष लोक अभियोजक चंदन एरेन ने कोर्ट को बताया था कि वाधवानी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब जरूरत हो, मेडिकल सहायता उपलब्ध करवाई जाए। इसके तहत वाधवानी का प्रतिदिन मेडिकल चेकअप किया जाएगा।


गौरतलब है कि डीजीजीआई द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ‘कर्क’ के तहत मंगलवार रात को मुंबई की एक होटल से वाधवानी को गिरफ्तार किया गया था। बुधवार को इंदौर लाया गया। इस मामले में संजय माटा, विजय नायर, अशोक डागा और अमित बोथरा पहले गिरफ्तार किए जा चुके हैं।


पाकिस्तान भेजा पैसा
कोर्ट में डीजीजीआई ने यह खुलासा किया था कि वाधवानी के पास दुबई का रेसीडेंस वीजा (वहां रहने का कोई कारण हो तो यह वीजा मिलता) है। टैक्स चोरी की राशि दुबई के होटल में लगाई गई। साथ ही पाकिस्तानी नागरिक संजय माटा के भी लिंक है, एेसे में आशंका है कि टैक्स चोरी का पैसा पाकिस्तान भी भेजा गया।


विदेशी कनेक्शन की जांच की जाना है
डीजीजीआई के वकील और विशेष लोक अभियोजक चंदन एेरन ने कोर्ट को बताया था कि इस पूरे मामले में विदेशी लोगों की संलिप्तता की भी जांच होना है। दुबई के होटल में वाधवानी ने राशि लगाई है और बालाजी ट्रेडिंग नाम से फर्जी फर्म भी बनाई है। पाकिस्तानी नागरिक संजय माटा के साथ ही विजय नायर, अशोक डागा और अमित बोथरा के साथ यह जुड़े हुए होकर मुख्य षड्यंत्रकर्ता है। इन सभी की जांच की जाना है।