Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

केंद्र और राज्य सरकार को टेंशन देने की तैयारी कर रहे विभिन्न संगठन, कई महारैली की घोषणा

Default Featured Image

Kaushal Anand 

Ranchi : विभिन्न संगठन केंद्र और राज्य सरकार को टेंशन देने की तैयारी कर रहे है. फरवरी-मार्च में विभिन्न संगठनों ने कई मसलों को लेकर महारैली एवं अन्य कार्यक्रम की घोषणा की है. कार्यक्रम के जरिये राज्य सरकार और केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी की गयी है. विभिन्न आदिवासी संगठनों ने आदिवासी मसलों और कुरमी समाज को एसटी की दर्जा को लेकर अलग-अगल कार्यक्रमों की घोषणा की है. ये संगठन लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए दोनों ही सरकारों को कसौटी पर कसना चाहते हैं. जिससे नजरअंदाज करना चुनावी लिहाज से महंगा पड़ सकता है. इतना ही नहीं इस रैली के जरिए सामाजिक समरसता बिगड़ने की संभावना है. क्योंकि कुरमी जहां एसटी सूची की मांग को लेकर रैली करेंगे, वहीं आदिवासी संगठन इस मांग का प्रखर रूप से विरोध करेंगे.

इसे भी पढ़ें – देवघर में भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक जारी, 2.30 बजे बैठेगी पूरी कार्यसमिति

जानें किस दिन कहां होगा कार्यक्रम 

27 जनवरी : राजभवन के समक्ष राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के तहत महाधरना का आयोजन किया जायेगा. धरना का सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा, रवि तिग्गा, डॉ. करमा उरांव, रंथू उरांव , कमले उरांव, रवि तिग्गा, संगम उराव, शिवा कच्छप, नारायण उरांव, बलकू उरांव, एतवा किस्पोट्टा, रेणु तिर्की, दिनेश उरांव, बिहारी उरांव आदि नेतृत्व करेंगे. धरना का मुख्य उद्देश्य सरना धर्म कोड की मांग, अनुबंध पर अवैध नियुक्तियों के स्थायीकरण का विरोध, राज्य सरकार में लाखों रिक्त तृतीय, चतुर्थ एवं शिक्षक पदों पर सीधी नियुक्ति, एसटी एससी श्रेणी के आरक्षित वर्ग की बैकलॉग नियुक्ति, जनजातीय परामर्श दात्री समिति की स्थिति, आदिवासियों की जमीनों पर अवैध कब्जा, वन कानून पट्टा तथा आदिवासियों के अन्य संवैधानिक अधिकारों को लेकर आवाज बुलंद करना है.

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

11 फरवरी : कुरमी/कुड़मी विकास मोर्चा ने कुरमी जाति को एसटी सूची में शामिल करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की घोषणा की है. इनके कार्यक्रम में मूल रूप से केंद्र और भाजपा निशाने पर रहेगी. मोर्चा अध्यक्ष शीतल ओहदार ने घोषणा करते हुए कहा कि 2004 में मुख्यमंत्री रहेअर्जुन मुंडा ने केंद्र सरकार को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की अनुशंसा कर चुके हैं. अभी केंद्र में जनजातीय मंत्री हैं. इसलिए आनेवाले बजट सत्र में बिल लाना चाहिए अन्यथा भाजपा को 2024 में भारी नुकसान हो सकता है. उन्होंने बताया कि 11 फरवरी को ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में विशाल कुरमी अधिकार महारैली होगा. जिसमें मोरहाबादी मैदान के साथ साथ पूरा रांची को जाम किया जायेगा.

16 फरवरी : झामुमो विधायक चमरा लिंडा के नेतृत्व में रांची के प्रभात तारा मैदान में आदिवासी अधिकार महारैली का आयोजन किया जायेगा. जिसमें आदिवासी मुद्दे से जुड़े 16 सूत्री मांगे रहेंगी. इस रैली के निशाने में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अपनी ही पार्टी झामुमो रहेगी. रैली में कुरमी जाति को एसटी सूची में शामिल करने का विरोध, सरना धर्म कोड लागू करने, आदिवासी महिला का गैर आदिवासी पुरूष के साथ विवाह के बाद उनसे और उनके बच्चों को आदिवासी लाभ से वंचित करने, बैकलॉक नियुक्ति शुरू करने, जनजातीय भाषा की पढ़ाई प्राइमरी स्तर से शुरू करने, पांचवी अनुसूची और पेसा एक्ट को सख्ती से लागू करने सहित कई मांगे शामिल रहेंगे.

5 मार्च : आदिवासी समन्वय समिति के बैनर तले विभिन्न आदिवासी संगठनों ने रांची के मोरहाबादी मैदान में आदिवासी बचाओ महारैली आयोजित किया है. इसमें पूर्व मंत्री देवकुमार धान, गीताश्री उरांव, प्रेमशाही मुंडा आदि शामिल रहेंगे. इस रैली के निशाने पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों निशाने पर रहेगी. रैली के माध्यम से कुरमी को एसटी सूची में शामिल करने के प्रयास का विरोध, आदिवासी धर्म कोड केंद्र सरकार से लागू करने, पेसा एक्ट और पांचवीं अनुसूची को सख्ती से लागू करने, सीएनटी-एसपीटी को सख्ती से लागू करने, झारखंडी हित आधारित नयी नियोजन नीति बनाने आदि की मांग की जायेगी.

12 मार्च : राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के बैनर तले विभिन्न आदिवासी संगठनों की सरना धर्म कोड महारैली मोरहाबादी मैदान में होगी. इस रैली का नेतृत्व सरना धर्म गुरू बंधन तिग्गा, डॉ करमा उरांव, विद्यासागर केरकेट्टा, मथुरा कंडीर, नारायण उरांव, शिवा कच्छप, बलकु उरांव, रवि तिग्गा आदि करेंगे. रैली के माध्यम से सरना धर्म कोड सहित आदिवासियों के जमीन की रक्षा, पांचवीं अनुसूची, पेसा कानून, वनाधिकार कानून, जमाबंदी एवं लैंड बैंक और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की बात, वर्षों से तृतीय एवं चतुर्थ स्वर्गीय तथा शिक्षकों के पद लाखों की संख्या में रिक्तियों को भरने आदि की मांग की जायेगी. इस रैली के निशाने पर केंद्र और राज्य सरकार निशाने पर रहेगी.

इसे भी पढ़ें – सहरसा : पूर्व मंत्री नीरज बबलू ने किया धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन, BJP विधायक ने कह दी बड़ी बात

आप डेली हंट ऐप के जरिए भी हमारी खबरें पढ़ सकते हैं। इसके लिए डेलीहंट एप पर जाएं और lagatar.in को फॉलो करें। डेलीहंट ऐप पे हमें फॉलो करने के लिए क्लिक करें।