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शहरों के मुकाबले गांवों में ज्यादा संक्रमण क्योंकि गांवों में रेड जोन से लाैटे थे मजदूर

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जिले में कोरोना को लेकर हालात अब नियंत्रण में है, क्योंकि सिर्फ तीन ही एक्टिव केस है। बाकी 41 डिस्चार्ज हो चुके हैं। सोशल डिस्टेंसिंग पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। ओवरऑल जिले में कोरोना मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव 21 से 40 वर्ष तक के 38 लोगों में हुआ। जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा रही और कोरोना को हराने में सफल रहे। कुल 44 केस सामने आ चुके है। जिसमें 4 मरीज की उम्र 21-40 से कम या ज्यादा रही।
सुखद बात यह है कि रिकवरी रेट हमारे जिले में अच्छी है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि 24 मई से 14 जून तक 41 मरीज ठीक होकर घर लौट गए। गांव और शहरों के लिहाज से बात करें तो शहरों व वार्डों के मुकाबले गांवों में संक्रमण के मामले ज्यादा दर्ज किए गए हैं, क्योंकि प्रवासी मजदूर गांवों में ज्यादा लौटे। कुल 44 संक्रमितों में से 2 मरीज दल्लीराजहरा के वार्ड निवासी हैं, जबकि 42 मरीज गांवों से हैं। यह आंकड़ा चौंकाता जरूर है लेकिन यह भी संकेत देता है कि बाहर काम कर रहे ज्यादातर लोग गांवों से ही ताल्लुक रखते थे। जिनमें रोग प्रतिरोधक ज्यादा रही, क्योंकि मजदूरी करते थे। 

जानिए, क्या है रोग प्रतिरोधक क्षमता, क्यों महत्वपूर्ण  
स्वास्थ्य विभाग के नोडल अफसर, मलेरिया अधिकारी डॉ. संजीव ग्लेड, जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र गंजीर ने बताया कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता या इम्युनिटी पावर सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। प्रतिरक्षा प्रणाली में अंग, कोशिकाएं, टिशू और प्रोटीन आदि शामिल होते हैं। ये सभी तत्व मिलकर मानव-शरीर को सही तरीके से काम करने में सहायता करते हैं। इसके साथ में प्रतिरक्षा प्रणाली मानव-शरीर को बीमारियों, संक्रमण, वायरस इत्यादि से लड़ने में सहायता करते हैं। इस प्रकार, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बीमारियों से लड़ने की शक्ति है, जो व्यक्ति को सेहतमंद रहने में सहायता करती है। हमारे शरीर में जब भी कोई बैक्टीरिया या वायरस घुसता है तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता उससे लड़ती है और उसे कमज़ोर करके खत्म कर देती है। इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. बीएल रात्रे ने कहा कि कम उम्र के ज्यादा मरीजों ने कोरोना को मात दी है। अधिकांश 7 से 10 दिन में ठीक होकर लौटे हैं।

जिले में अब आगे की दिशा इस पर निर्भर
1. 2 संक्रमित हमारे जिले के 2 गांव में पहुंचे: भिलाई सेक्टर 9 का कोरोना संक्रमित डॉक्टर ईरागुड़ा और मेकाहारा रायपुर का वार्डबॉय संक्रमित होने से पहले कनेरी गांव पहुंचा था। लिहाजा इनके संपर्क में आने वाले 100 से ज्यादा लोगों पर स्वास्थ्य विभाग नजर रखे हुए है। अगर 5 दिन के अंदर किसी में लक्षण दिखेगा तो सैंपल लिया जाएगा।
2. संवेदनशील तमिलनाडु से लौटे संक्रमित: परसदा में 35 वर्षीय युवक संक्रमित मिला है। जो तमिलनाडु के चेन्नई से लौटा था। इनके संपर्क में 4 गांव के 4 लोग आए है। जिसमें दो मजदूर, एक ड्राइवर और एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल है। इनमें भी अगर लक्षण दिखेगा तभी सैंपल लिया जाएगा। इधर ईरागुड़ा गांव में सेक्टर 9 हॉस्पिटल का कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर पहुंचा था जहां जागरूक किया जा रहा है। 

प्रतिरोधक क्षमता कम होने का प्रमुख लक्षण

  • तनाव महसूस होना
  • अधिक सर्दी लगना
  • पेट संबंधी परेशानियां होना
  • चोट को ठीक होने में समय लगना
  • संक्रमण होना
  • कमजोरी महसूस होना।

ऐसे बढ़ाएं क्षमता को

  • पौष्टिक भोजन करना, जो विटामिन, कैल्शियम, आयरन इत्यादि तत्वों से भरपूर हो।
  • हर रोज एक्सरसाइज करना।
  • उम्र हिसाब 6 से 8 घंटे तक भरपूर नींद लेना
  • नशीले पदार्थों का सेवन न करना
  • संतुलित वजन बनाए रखना। 

प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने से वायरस कमजोर
आईएमए अध्यक्ष व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रदीप जैन ने कहा कि एक ही बात गौर करने वाली है और ऐसा हो भी रहा है कि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत है, उन पर कोरोना वायरस का हमला घातक नहीं होता। दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में अधिकांश वो लोग हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है।