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Vishwanath Tiwari: गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को पद्मश्री, जानिए इनकी उपलब्धियां

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गोरखपुर: सीएम सिटी गोरखपुर के लिए आज बड़े गौरव का दिन है। भारत सरकार की ओर से साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को पद्मश्री से नवाजा गया है। शहरवासी इसको लेकर खुद को बेहद उत्साहित और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

भारत सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में किए गए अपने विशिष्ट योगदान के लिए दिए जाने वाले सबसे बड़े पद्म पुरस्कारों की घोषणा की, जिसमें गोरखपुर शहर के प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

कुशीनगर के हैंमूल रूप से कुशीनगर के भेड़ीहारी गांव के रहने वाले प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी का जन्म 20 जून 1940 को हुआ था। कालांतर में उन्होंने अपना कार्यक्षेत्र गोरखपुर को बनाया और यही से अपनी शिक्षा प्राप्त की वर्तमान में तिवारी गोरखपुर के बेतियाहाता में परिवार के साथ रहते हैं और यहीं से अपनी त्रैमासिक पत्रिका “दस्तावेज” का प्रकाशन भी करते हैं। विश्वनाथ प्रसाद तिवारी साहित्य के साथ एक शिक्षक और शिक्षा में अपने योगदान के लिए भी जाने जाते हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर के साथ हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष के पद पर भी रहे। सन् 2001 में सेवानिवृत्त होने के बाद 2013 से लेकर 2017 के बीच साहित्य अकादमी के अध्ययक्ष भी रहे।मुख्य रजनाएं ये हैंतिवारी अपने साहित्य ज्ञान को लेकर विश्व के कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। इनकी मुख्य विधाएं, आलोचना, संस्मरण और कविताएं हैं। उन्हें प्रदेश के सभी बड़े साहित्यिक सम्मान सहित अन्य हिंदी साहित्य सम्मान से नवाजा जा चुका है। वहीं, रूस के सबसे बड़े साहित्यिक सम्मान पुष्किन से भी सम्मानित हो चुके हैं। सम्मान की कड़ी में उन्हें 2019 में साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले सबसे बड़े भारतीय सम्मान ज्ञानपीठ से भी सम्मानित किया जा चुका है। तिवारी सन् 1978 से गोरखपुर से प्रकाशित होने वाली प्रसिद्ध त्रैमासिक पत्रिका “दस्तावेज” का अनवरत प्रकाशन भी कर रहे हैं। इस पत्रिका को सरस्वती सम्मान भी मिल चुका है। इनकी मुख्य रचनाएं हैं, आखर अनंत, आत्मा की धरती, अंतहीन आकाश, एक नाव के यात्री हैं।गोरखपुर विश्वविद्यालय के दूसरे व्यक्ति प्रोफेसर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी गोरखपुर विश्वविद्यालय के दूसरे ऐसे व्यक्ति है, जिन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इनसे पहले गोरखपुर विश्वविद्यालय के संगीत एवं ललित कला विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष आचार्य राजेश्वर को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।
रिपोर्ट- प्रमोद पाल