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प्राइवेट अस्पताल में भी होगा अब संक्रमित मरीजों का उपचार, लेकिन संदिग्धों को नहीं मिलेगी सुविधा

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छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों का अब प्राइवेट अस्पताल में भी उपचार हो सकेगा। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने अनुमति प्रदान कर दी है। हालांकि खूबचंद बघेल, आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना में अनुबंधित अस्पतालों में ही यह सुविधा मिल सकेगी। इसमें वही अस्पताल शामिल हो सकेंगे, जहां 50 से ज्यादा बेड और सरकार के निर्धारित मापदंड पूरे होंगे। 

तकनीकी समिति देगी अस्पतालों को अनुमति
प्राइवेट अस्पताल में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए तकनीकी समिति ही अनुमति प्रदान करेगी। इसके लिए समिति की ओर से पहले परीक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार की ओर से जारी निर्देशों का पालन करना होगा।  अस्पताल में कोरोना व अन्य मरीजों के रास्ते की व्यवस्था अलग-अलग होगी। अस्पतालों को अपने स्टाॅफ को क्वारैंटाइन कराने की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। हालांकि कोरोना के ऐसे केस जो सिर्फ संदिग्ध मरीज हैं, उनको उपचार के लिए सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।

न्यूनतम 10 फीसदी आईसीयू अनिवार्य
प्राइवेेट अस्पतालों में कुल बेड का कम से कम 10 फीसदी आईसीयू होना अनिवार्य है। इसके साथ ही वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की सुविधा जरूरी होगी। पूरे समय एमबीबीएस डॉक्टर ड्यूटी पर उपस्थित रहेंगे। इनके अलावा क्वालिफाई कंसल्टेंट डाॅक्टर को भी रखना होगा। सरकार की ओर से अस्पतालों का पैकेज भी तय कर दिया गया है। इसमें जनरल वार्ड आइसोलेशन के साथ 22,00 रुपए प्रतिदिन, आईसीयू वेंटिलेटर रहित 3,750 रुपए और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू आइसोलेशन का 6,750 रुपए प्रतिदिन निर्धारित किया गया है।