Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

ट्विटर के जरिये लोगों की जान बचाने की मुहिम में जुटे डॉ अनुज कुमार, रांची से शुरू हुआ सफर देशभर में फैला

Saurabh Shukla

Ranchi : देवघर रोप-वे हादसे के बाद लोगों की मदद करने का सिलसिला ऐसा शुरू हुआ की अब तो ट्विटर पर देशभर के लोगों की मदद कर रहे हैं. मरीज देश के किसी भी कोने में हो और वह जब डॉ अनुज से उम्मीद करते है तो वो कभी ना नहीं कहते. दरअसल, इन दिनों रांची के एक युवा चिकित्सक डॉ अनुज कुमार ट्विटर के जरिए लोगों की जान बचाने की मुहिम में जुटे हुए हैं. डॉ अनुज अपनी सेवा रांची के प्रसिद्ध पारस और मेडिका सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अलावा हेल्थ पॉइंट और लाइफ केयर हॉस्पिटल में दे रहे हैं. इन सब के बीच वह सामाजिक सेवा के साथ लोगों की मदद ट्विटर के जरिए कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें – चाईबासा : मुठभेड़ और गोलीबारी में शामिल PLFI के तीन उग्रवादी गिरफ्तार, एके-47 रायफल भी बरामद

आम और खास लोग डॉ अनुज व उनकी टीम से मांगते है मदद

डॉ अनुज कुमार ने बतया कि जब देवघर रोपवे हादसा में घायल एक बच्चे को इलाज के लिए मेडिका हॉस्पिटल लाया गया था. हमने उस बच्चे का इलाज भी किया और उसके परिवार का भी. हालांकि, इलाज के दौरान कुछ अफवाह जरूर फैलाई गई. लेकिन उन अफवाहों को दूर किया और आज बच्चा स्वस्थ है. यही से लोगों की मदद करने की प्रेरणा मिली. आज ट्विटर पर डॉ अनुज के करीब 21 हजार फॉलोअर हैं. इनमें झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, विधायक दीपिका पांडेय और दिल्ली के विधायक नरेश बलियान समेत कई बड़े लोग शामिल है और कई बार डॉ अनुज से मदद भी मांगते है. वहीं झारखंड के लोग ट्विटर पर अक्सर डॉ अनुज से मदद मांगते है.

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

मरीज का इलाज करते डॉ अनुज व अन्यइस तरह डॉ अनुज और उनकी टीम करती है लोगों की मदद

डॉ अनुज बताते है कि वे अपने सात सदस्यीय टीम के साथ लोगों की मदद करने की मुहिम में जुटे हुए है. ट्वीटर पर मदद मांगने वालों को पहले उनकी समस्या से जुड़ी रिपोर्ट मांगता हूं. रिपोर्ट के आधार पर यह देखता हूं कि मरीज की समस्या क्या है और उनका इलाज किस विभाग के डॉक्टर द्वारा किया जाएगा. इसके बाद मरीज को गाइड करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से परामर्श दिया जाता है. यदि मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर है तो उनके इलाज कि व्यवस्था भी करवाया जाता है. प्राथमिकता रिम्स की होती है. लेकिन कई मामलों में निजी अस्पताल में भी भर्ती करवा कर इलाज की व्यवस्था की जाती है. कोशिश होती है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीज का इलाज हो.

2011 में बीडीएस की पढ़ाई करने के बाद शुरू हुआ सफर

डॉ अनुज की प्रारंभिक शिक्षा बिशप वेस्टकॉट स्कूल नामकुम से हुई. इसके बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई जेवीएम स्कूल श्यामली से पूरा किया. बीडीएस की पढ़ाई 2011 में पूरा करने के बाद उन्होंने मास्टर इन डेंटल सर्जरी की पढ़ाई 2015 में पूरा किया. वहीं अस्पताल में मरीजों को बेहतर इलाज कैसे मिले इसके लिए उन्होंने मास्टर इन पब्लिक हेल्थ की भी पढ़ाई की है, ताकि स्वास्थ्य सेवा को औऱ बेहतर बनाने के लिए नीति निर्धारण में अपनी भूमिका निभा सके.

टीम के इन डॉक्टरों का मिल रहे सहयोग

डॉ विकास कुमार(रिम्स), डॉ जुधाजीत, डॉ अमर, डॉ अभय, डॉ राजू, डॉ वंदना और डॉ अनुपमा टीम में शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें – आर्थिक सर्वे रिपोर्ट : वित्त वर्ष 2022-23 में विकास दर 7 फीसदी और 2023-24 में 6-6.8% रहने का अनुमान