राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा स्कूलों में प्री-प्राइमरी व पहली से पांचवीं तक की ऑनलाइन कक्षाओं पर रोक के आदेश के बावजूद शुक्रवार को शहर के कई स्कूलों में कक्षा पहली से पांचवीं तक के छात्रों की ऑनलाइन क्लास लगी। इस मुद्दे पर शुक्रवार को इंदौर सहोदय ग्रुप के 54 स्कूलों के प्रचार्यों की वर्चुअल मीटिंग हुई। अब सहोदय ग्रुप राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त को पत्र लिखकर इस आदेश को रिव्यू (पुनरीक्षण) कर मॉडिफाई (संशोधित) करने का आग्रह करेगा। शहर के निजी सीबीएसई स्कूलों के प्राचार्यों का कहना है कि प्राथमिक के छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं पूरी तरह बंद करने के बजाय कक्षाओं के कम घंटे व सप्ताह में दिन कम किए जाना चाहिए ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।
एक ओर राज्य शिक्षा केंद्र ऑनलाइन पढ़ाई पर रोक लगाने की बात कह रहा है, वहीं दूसरी ओर छात्रों को कक्षाओं की रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है। शहर के शिक्षाविदों के मुताबिक यदि वीडियो से छात्र समझ सकते थे तो फिर शिक्षक की जरूरत क्या होती। इस व्यवस्था से सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या वीडियो देखने से छात्रों की आंखों पर असर नहीं होगा। इस व्यवस्था से छात्र व शिक्षक के बीच दोतरफा संवाद नहीं हो पाएगा। जानकारों के मुताबिक प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ने वाले छात्र कमजोर आय वर्ग से होते हैं। ऐसे कई छात्रों के स्वजन के पास स्मार्ट फोन व कंप्यूटर नहीं हैं। ऐसे में इन छात्रों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई करना संभव नहीं था।
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