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Noida में Online किराए पर Flat ढूंढने वालों सावधान, वरना खाली हो जाएगा अकाउंट, ऐसे देते हैं चकमा

नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा को हाईटेक सिटी कहा जाता है क्योंकि राजधानी दिल्ली से सटे इस हाईटेक सिटी में हर वर्ग के लोगों के लिए रोजगार से लेकर रहने व खाने की उचित व्यवस्था है। इस हाईटेक सिटी में यदि आप प्रॉपर्टी ढूंढने, मकान खरीदने व किराये के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हैं, तो आप सावधान हो जाएं। कहीं ऐसा ना हो कि आप ठगी गिरोह का शिकार बन जाएं। नोएडा में प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर ठगी का लगातार मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ही ठग गिरोह का नोएडा के सेक्टर-39 थाना पुलिस ने भंडाफोड़ कर 4 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है।

नोएडा एडीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि थाना-39 पुलिस को कुछ दिन पहले शिकायत मिली कि कुछ लोग प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने सूचना के आधार पर टीम गठित कर जांच पड़ताल शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस ने 4 शातिर ठगों जिसकी पहचान अमितेश मिश्रा, अनिल चौहान, मृत्युंजय चौबे व पुष्पेंद्र को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 1 एटीएम कार्ड, 7 फर्जी आधार कार्ड, 1 पास बुक व 20 हजार रुपये बरामद हुई है।

ऐसे देते थे चकमा
एडीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ये लोग प्रॉपर्टी सेल परचेज सम्बन्धी वेबसाईटस जैसे 99acres.com, magicbricks.com, housing.com आदि पर फ्लैट व कमर्शियल प्रॉपर्टी आदि के फर्जी मालिक बनकर उस प्रॉपर्टी को रेन्ट पर देने के लिये अपना ऐड एक मोबाइल नम्बर के साथ डालते है। जब कोई कस्टमर फ्लैट या कमर्शियल प्रॉपर्टी आदि को चैक करता है। मालिक भी फर्जी
आरोपियों के मोबाइल नम्बर पर उन कस्टमर का मोबाइल नम्बर विद नेम का मैसेज आता है। जिसके बाद आरोपियों में से करण उर्फ अमितेश मिश्रा प्रॉपर्टी की लोकेशन या किराया सम्बन्धी बात करता है तथा कस्टमर से फ्लैट व कमर्शियल प्रॉपर्टी को विजिट करने का समय निर्धारित करता है। समय निर्धारित होने के बाद आरोपी पुष्पेन्द्र कस्टमर को फ्लैट या कमर्शियल प्रॉपर्टी विजिट कराता है। तथा मौके पर ही फर्जी मालिक आरोपी अनिल चौहान से फोन पर बात कराता है। फर्जी एग्रीमेन्ट बनाकर कराए साइन
बात कराने के बाद कस्टमर से टोकन मनी के रूप में आरोपी मृत्युन्जय चौबे के बैंक अकान्ट में 2 हजार रुपये ट्रांसफर कराये जाते है। फिर दोबारा समय निर्धारित किया जाता है और आरोपियों द्वारा एक फर्जी एग्रीमेन्ट बनाकर कस्टमर के हस्ताक्षर कराये जाते है। तथा कस्टमर को उस एग्रीमेन्ट की मूल प्रति न देकर, छायाप्रति दी जाती है तथा कस्टमर से तीन महीन या छः महीने आदि का एडवांस ट्रांसफर करा लिया जाता है।

तत्पश्चात आरोपियों द्वारा उस अकान्ट से पैसा निकाल कर आपस में बांट लिया जाता है। इन आरोपियों द्वारा सभी मोबाइल सिम व बैंक अकाउन्ट आरोपी मृत्युन्जय के नाम से लिये गये है। जो मूलतः बिहार का रहने वाला है। आरोपियों द्वारा 12 जनवरी 2023 से अब तक कुल 9 व्यक्तियों को अपने षडयन्त्र का शिकार बनाकर लगभग 7 लाख रुपये से अधिक की धनराशि लेने की जानकारी सामने आयी है।