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दस दिनों में 8 हाथियों की मौत के बाद वन्य प्राणी के प्रमुख अतुल को हटाया, नरसिंग को जिम्मेदारी

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राज्य में पिछले 10 दिनों में आठ हाथियों की मौत के बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रधान मुख्य वन्य संरक्षक पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अतुल शुक्ला के साथ बलरामपुर डीएफओ प्रणय मिश्रा और धरमजयगढ़ डीएफओ प्रियंका पांडेय को हटा दिया है। दोनों डीएफओ पर हाथियों की मौत के बाद तुरंत एक्शन नहीं लेने का आरोप है, जबकि पीसीसीएफ अतुल शुक्ला को बेहतर मैनेजमेंट न करने के कारण हटाया गया है। दो दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन विभाग के कामकाज की समीक्षा की थी। उसी के बाद से वन विभाग में बड़े बदलाव की चर्चा थी। 
राज्य में हाथियों की मौत का मुद्दा गरमाया हुआ है। वन मंत्री माेहम्मद अकबर पहले ही बलरामपुर के डीएफओ प्रणय मिश्रा को हटाने के साथ दो को सस्पेंड कर चुके थे। शुक्रवार को पीसीसीएफ शुक्ला के साथ 9 आईएफएस अफसरों की भी जिम्मेदारी बदल दी गई है। इस बदलाव की सूचना केंद्रीय पर्यावरण, वन मंत्रालय को भी दी गई है। शुक्ला को फील्ड से हटाकर राज्य अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं जलवायु परिवर्तन तथा निदेशक राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शुक्ला की जगह पीवी नरसिंग राव को पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह डीएफओ धरमजयगढ़ प्रियंका पांडेय और बलरामपुर के डीएफओ प्रणय मिश्रा को भी उप वन संरक्षक बनाकर अरण्य में अटैच कर दिया गया है। मंत्रालय में वन विभाग से प्रतिनियुक्ति वापस लेते हुए उप सचिव गणवीर धम्मशील केशकाल का डीएफओ बनाया गया है। 

अंबिकापुर रेंज में मुख्य वन संरक्षक कार्यालय में उप प्रबंधक की जिम्मेदारी संभाल रहे लक्ष्मण सिंह को बलरामपुर का प्रभारी डीएफओ बनाया गया है। कोरिया के डीएफओ राजेश कुमार चंदेले को उप वन संरक्षक के रूप में प्रधान मुख्य वन संरक्षक के दफ्तर में पदस्थ किया गया है। केशकाल के डीएफओ मणिवासन एस. को धरमजयगढ़ का डीएफओ बनाया गया है। इसी इलाके में हाथियों की मौत ज्यादा हुई है। इस तरह उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि बैकुंठपुर के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संचालक ईमोतेसु आओ को कोरिया का डीएफओ बनाया गया है।