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विश्व कैंसर दिवस : इस साल का थीम “क्लोज द केयर गैप”

Ranchi :  हर साल 4 फरवरी को दुनियाभर में विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है. उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना है. इसका नेतृत्व यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) करता है, ताकि दुनिया भर के लोगों का ध्यान इस गंभीर बीमारी की ओर आकर्षित किया जा सके और कैंसर से मुक्ति के लिए प्रेरित किया जा सके. इस खतरनाक बीमारी के बारे में जागरुकता बढ़ाने और जनता के बीच बुनियादी समझ बढ़ाने का विचार है. लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोगों तक चिकित्सा सहायता पहुंचे, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए. इस वर्ष का थीम “क्लोज द केयर गैप” अभियान का दूसरा वर्ष है. समय रहते कैंसर की इलाज को समझने और उन्हें दूर करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. भारत में कैंसर की समस्या, संभावित कारणों, शुरुआती संकेतों, लक्षणों, शुरुआती जांच विधियों और विभिन्न उपचार विकल्पों के बारे में बताना है.

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कैंसर क्या है?

कैंसर, किसी कोशिका के असामान्य तरीके से बढ़ने की बीमारी है. आमतौर पर हमारे शरीर की कोशिकाएं नियंत्रित तरीके से बढ़ती है और विभाजित होती है. जब सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है या कोशिकाएं पुरानी हो जाती है, तो वे मर जाती हैं और उनकी जगह स्वस्थ कोशिकाएं ले लेती है. कैंसर में कोशिका के विकास को नियंत्रित करने वाले संकेत ठीक से काम नहीं करते हैं. कैंसर की कोशिकाएं बढ़ती रहती है और जब उन्हें रुकना चाहिए तो कई गुना बढ़ जाती है. दूसरे शब्दों में कहें, तो कैंसर कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं वाले नियमों का पालन नहीं करती है. (जैसे फेफड़े, स्तन, गुर्दे, मस्तिष्क, पेट, डिम्बग्रंथि, आदि) और रक्त कैंसर (ल्यूकेमिया और लिम्फोमा) में विभाजित किया जा सकता है. वास्तव में दो सौ से अधिक विभिन्न प्रकार के कैंसर हैं. प्रत्येक के अलग-अलग कारण हैं. साथ ही अलग-अलग निदान और उपचार भी हैं.

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कैंसर के नए मामले में हुई बढ़ोत्तरी

ग्लोबोकेन 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में भारत में लगभग 13.24 लाख नए कैंसर के मामले आये (पुरुषों में 6.46 लाख और महिलाओं में 6.78 लाख) और कैंसर से 8.51 लाख मौतें हुईं. पुरुषों में तीन सबसे आम कैंसर हैं. सिर और गर्दन (1.35 लाख नए मामले), इसके बाद फेफड़ों के कैंसर (0.72 लाख नए मामले) और गैस्ट्रो-आंत्र पथ के कैंसर. महिलाओं में तीन सबसे आम कैंसर हैं. स्तन (1.78 लाख नए मामले), सर्वाइकल कैंसर (1.23 लाख नए मामले) और ओवेरीयन कैंसर (0.45 लाख नए मामले) आये थे. 2020 में 48,419 नए मामलों के साथ ल्यूकेमिया जैसे रक्त कैंसर सातवें स्थान पर रही. जबकि लिम्फॉम 45,049 नए मामलों के साथ नौवें स्थान पर है. नए कैंसर के मामले में भारी बढ़ोतरी हुई है.

रिम्स में कैंसर का समुचित इलाज संभव

रिम्स के कैंसर विभाग में मरीजों की इलाज की पूरी व्यवस्था की गयी है. यहां एसोसिएट प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार कुशवाहा, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रोहित कुमार झा, सीनियर रेजीडेंट डॉ सुमेधा गार्गी अपनी सेवा दे रही हैं.