यहां योग के मात्र 5 ऐसे आसन दिए जा रहे हैं जिन्हें अच्छे से सीखकर यदि आप इन्हें प्राणायाम और इनके पूरक आसन के साथ नियमित करते रहेंगे तो शर्तिया आप जीवन में कभी शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार नहीं होंगे।
- सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार सूर्य नमस्कार में योग के लगभग सभी आसन समाए हुए हैं। सूर्य नमस्कार की 12 स्टेप को 12 बार करेंगे तो चमत्कारिक लाभ मिलेगा।
2. वृक्षासन
वृक्षासनवृक्षासन को करने से शरीर और मन का संतुलन बढ़ता है। पैर मजबूत, कमर और कुल्हों के आसमास जमा अतिरिक्त चर्बी को हटाता है। यह तोंद नहीं निकलने देता। ध्रुवासन भी कुछ इसी तरह का होता है।
3. पद्मासन में ध्यान
पद्मासन को करने से रक्त-संचार कम हो जाता है और अतिरिक्त रक्त अन्य अंगों की ओर संचारित होने लगता है जिससे उनमें क्रियाशीलता बढ़ती है। इसके साथ ध्यान करने से यह तनाव हटाकर चित्त को एकाग्र कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
4. अर्धमत्स्येंद्रासन
अर्धमत्स्येंद्रासन से मेरुदंड स्वस्थ रहने से स्फूर्ति बनी रहती है। रीढ़ की हड्डियों के साथ उनमें से निकलने वाली नाड़ियों को भी अच्छी कसरत मिल जाती है। विवृत, यकृत, प्लीहा तथा निष्क्रिय वृक्क के लिए यह आसन लाभदायी है।
5. सर्वांगासन
थायराइड एवं पिट्यूटरी ग्लैंड के मुख्य रूप से क्रियाशील होने से यह कद वृद्धि में लाभदायक है। दमा, मोटापा, दुर्बलता एवं थकानादि विकार दूर होते हैं। इस आसन का पूरक आसन मत्स्यासन है, अतः शवासन में विश्राम से पूर्व मत्स्यासन करने से इस आसन से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।
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