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कांफिडेंट रहें, शांत मन से पढ़ाई करें

Ranchi:  सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तिथियों की घोषणा के बाद छात्र-छात्राएं इसकी तैयारी में लग गए हैं. मध्य फरवरी से परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं. ऐसे में अब तैयारी के लिए काफी कम समय बचा है. हर विद्यार्थी अच्छे मार्क्स के साथ उत्तीर्ण होना चाहता है. इस वजह से ऐसे समय में उनमें कुछ दबाव तो आ ही जाते हैं. अभिभावक भी बच्चों की तैयारी करा रहे हैं. मगर तैयारी में कई बाधाएं भी हैं. कभी प्रश्न समझ में नहीं आते हैं तो कभी किसी प्रश्न का उत्तर सटीक नहीं लगता.इससे परीक्षा के पहले घबराहट सी होती है, जिससे उनका मनोबल डगमगाने लगता है. ऐसे समय में विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन की जरुरत होती है. जो उनके मनोबल को बढ़ाते हुए परीक्षा में अच्छे मार्क्स लाने में सहायक हो. ज्यादातर शिक्षाविदों का कहना है कि बच्चों ने जो भी पढ़ाई की है. उसमें कांफिडेट रहें. शांत मन से पढ़ाई करें.

प्रश्न पत्र को बेहतर तरीके से हल करने से मिलेगी सफलता

सीबीएसई-आईसीएसई बोर्ड के साथ ही जैक बोर्ड की 10वीं 12वीं की परीक्षाएं होनेवाली है. बच्चे तैयारी मंं जुटे हैं. अभिभावक भी बच्चों की तैयारी करा रहे हैं. मगर तैयारी में कई बाधाएं भी हैं. कभी प्रश्न समझ में नहीं आता, कभी उत्तर सटीक नहीं लगता. परीक्षा के पहले घबराहट भी होती है, आत्म विश्वास डगमगाने लगता है. ऐसी स्थिति में छात्रों को उचित मार्गदर्शन चाहिए. ऐसे टिप्स चाहिए, जो उनके हौसलों को उड़ान दे सके. पेश है शिक्षाविदों के टिप्स…

शशिभूषण पांडेयशांत मन और एकाग्रता के साथ दें परीक्षा 

चिल्ड्रेन कान्वेंट स्कूल लातेहार के प्राचार्य शशिभूषण पांडेय का कहना है कि परीक्षा से घबराना नहीं चाहिए. परीक्षा हमेशा एकाग्र मन होकर देना चाहिए. अगर आप परीक्षा के समय तनाव में रहेंगे तो सभी प्रश्नों के हल नहीं कर पायेंगे. परीक्षा में हर प्रश्न महत्वपूर्ण होता है. जिस प्रश्नों के हल जानते हैं, उन्हें पहले करना चाहिए. इससे आत्मविश्वास बढ़ाता है. साथी ही मार्क्स भी अच्छे आते हैं.

प्रीति भारतीपरीक्षा में समय प्रबंधन का बहुत अधिक महत्व है 

लातेहार की वरीय शिक्षिका प्रीति भारती का कहना है कि परीक्षा में समय प्रबंधन बहुत जरूरी है. निर्धारित समय में परीक्षा देना होता है. इसलिए समय का हमेशा ख्याल रखना चाहिए.हड़बड़ी में कई बार प्रश्नों के हल गलत हो जाते हैं. इसलिए क्रमवार प्रश्नों के हल करते जायेें और अंत में एक बार जरूर रिवीजन कर लें. इससे अगर कहीं कुछ गलतियां रह गई है तो वह भी ठीक हो जाता है.

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आशीष पांडेयछात्रों को लिखने का अभ्यास करना चाहिए 

लातेहार के शिक्षक आशीष पांडेय ने कहा है कि छात्रों को लिखने का अभ्यास करना चाहिए. लिखने का अभ्यास रहने से परीक्षा में काफी सहूलियत होती है. लगातार लिखने का अभ्यास करने से न सिर्फ प्रश्नों के उतर याद होते हैं वरन लिखावट भी अच्छी होती है. प्रश्नों को परीक्षा में सावधानी से पढ़ने की जरूरत है. कई बार प्रश्न एक जैसे दिखते हैं, लेकिन उनके उतर अलग होते हैं.

प्रो. पियाली विश्वासयोजनाबद्ध तरीके से सभी विषयों का रिवीजन करें 

जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज की कॉमर्स की शिक्षिका प्रो पियाली विश्वास कहती हैं कि बोर्ड परीक्षा का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. अब यह जरूरी है कि बच्चे योजनाद्ध तरीके से सभी विषयों का रिवीजन करें. प्रश्नपत्र में इतने वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं कि बच्चे उत्तीर्णता अंक हासिल कर लें. अतः वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को लेकर अच्छी तरह प्रैक्टिस कर लें. साथ ही सब्जेक्टिव प्रश्नों का सवाल है, तो इसमें विकल्प भी होते हैं. अतः इसमें बच्चे अपनी सुविधा के अनुसार प्रश्नोत्तर को दोहरा लें. परीक्षा का तनाव बिल्कुल न लें. टाइम मैनेजमेंट का विशेष ध्यान रखें.

डॉ. रुचिका तिवारीजिन चैप्टर को नहीं पढ़ा है, उसे एक बार दोहरा लें 

जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में इंग्लिश की शिक्षिका डॉ. रुचिका तिवारी कहती हैं कि परीक्षा नजदीक है. चूंकि अब नये सिरे से रिवीजन शुरू करना संभव नहीं है. अतः छात्रों को चाहिए कि जिन चैप्टर को नहीं पढ़ा है या जिसमें रुचि नहीं है, उसे एक बार दोहरा लें. साथ ही जिन चैप्टर को पढ़ा हो या उसमें रुचि हो, तो उसे इस तरह दोहरायें, ताकि वस्तुनिष्ट के अलावा लघुउत्तरीय या दीर्घ उत्तरीय प्रश्न भी पूछे जायें, तो वह छूटे नहीं. इससे अच्छे अंक हासिल करने में एक हद तक सफलता मिलेगी. इसके अलावा अच्छी डाइट लें, 15-16 घंटे पढ़ने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इससे बीमार भी पड़ सकते हैं.

विम्मी सोखीप्री-बोर्ड के प्रश्नपत्र के आधार पर ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें 

जमशेदपुर स्थित दयानंद पब्लिक स्कूल की शिक्षिका विम्मी सोखी ने कहा है कि अब जबकि परीक्षा एकदम नजदीक आ गयी है. ऐसे में बच्चे अपने दिमाग को एकदम शांत रखें. अब ट्यूशन के पीछे न भागें, बल्कि यथासंभव सेल्फ स्टडी पर ध्यान दें. यदि ग्रुप में पढ़ना संभव हो, तो वह ज्यादा अच्छा होगा. इससे टाइम मैनेजमेंट भी ठीक रहेगा. सैंपल पेपर, प्री-बोर्ड के प्रश्नपत्र आदि के आधार पर ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें. जब तक परीक्षा नहीं हो जाती है, तबतक के लिए टीवी और मोबाइल से दूरी बना लें. बाहर का खाना या जंक फूड से परहेज करें. क्योंकि परीक्षा के समय स्वस्थ रहना नितांत आवश्यक है.

रविता उपाध्यायअच्छी तरह से टेस्ट पेपर के आधार पर प्रैक्टिस करें 

कोडरमा से शिवतारा विद्यामन्दिर के सामाज अध्ययन के शिक्षक रविता उपाध्याय ने बताया कि परीक्षा के लिए अब बहुत कम समय बचा है. ऐसे में बच्चों के पास अब नये सिरे से तैयारी करने का समय नहीं है. बच्चे अच्छी तरह से टेस्ट पेपर के आधार पर प्रैक्टिस करें. सेल्फ स्टडी पर ध्यान दें. परीक्षा का तनाव बिल्कुल न लें और सेहत का भी ख्याल रखते हुए अच्छी डाइट और अच्छी नींद लें. इसके अलावा एक अहम बात यह है कि परीक्षा के दौरान प्रश्नों का जो भी उत्तर लिखें उसमें की-वर्ड्स का प्रयोग करें और उसे अंडरलाइन करें. इससे अच्छे अंक अर्जित कर सकेंगे. शिक्षक से संपर्क में रहें और जहां परेशानी हो शिक्षक को तुरन्त बतलायें.

ब्रजेश अनलबच्चों को कम से कम 6 घंटे रोज पढ़ाई करनी चाहिए 

कोडरमा से शिवतारा विद्यामन्दिर के गणित के शिक्षक से ब्रजेश अनल ने बताया कि बच्चों को कम से कम 6 घंटे रोज पढ़ना चाहिए. गणित का प्रत्येक दिन रिवीजन करें. रिवीजन करने से बच्चों के दिमाग में सारी बातें घुमती रहती हैं. उसकी मदद से वह एमसीक्यू आसानी से कर सकते हैं. बच्चे इस वक्त हो सके तो घर पर समय दे. शिक्षक के कांटेक्ट में रहे और घर पर एक पॉजिटिव वातावरण तैयार कर रखे. पॉजिटिव वातावरण में बच्चों की तैयारी अच्छी हो जाती है. छात्र हमेशा नेगेटिव बातों से दूर रहें और प्रत्येक दिन कुछ समय निकालकर संगीत सुने जिससे उनमें नई ऊर्जा का संचार होगा और पढ़ाई में मन भी लगेगा.

रिंकी सिंहसमय सीमा का ध्यान रखें, दिक्कत हो तो शिक्षक से मिलें 

कोडरमा से शिवतारा विद्यामन्दिर के हिंदी के शिक्षक रिंकी सिंह बताया कि पिछले वर्ष और उसे पुराने परीक्षा सीट का पुनः रिवीजन करें. समय सीमा का ध्यान रखें और परेशानी होने पर अपने शिक्षक से मिले. उनका मार्गदर्शन प्राप्त करें . सबसे जरूरी बात यह है कि हिंदी में रीडिंग आलेखन का अभ्यास बहुत जरूरी होता है. जिसे हमेशा करते रहें. रूटीन बनाकर विषयवार अभ्यास करें. सबसे जरूरी बात एग्जाम के समय जिस प्रश्न का उत्तर आता हो उसे पहले लिखें. इससे कांफिडेश भी बढ़ता है और समय की बचत होती है. सभी प्रश्नों को अच्छी तरह पढ़कर ही उसका उत्तर लिखें.

सुनील कुमारआत्मविश्वास बनाएं रखें, टेंशन को हावी न होने दें

कोडरमा से सीएच प्लस टू उच्च विद्यालय के विज्ञान के शिक्षक सुनील कुमार ने बताया कि आत्मविश्वास बनाए रखें, टेंशन को हावी न होने दें. संगीत सुने जिससे आपकी टेंशन दूर होगा. विज्ञान के प्रश्नों को ठीक से समझें और अभ्यास करते रहे. जहां परेशानी हो शिक्षक से मार्गदर्शन प्राप्त करें. इस समय संतुलित भोजन लेना भी जरुरी है. क्योंकि पढ़ाई से थकान आ सकती है. पर अच्छे भोजन से ऊर्जा में वृद्धि होती है. इसके अलावा सभी विषयों के लिए समय निर्धारित कर लें.ताकि सभी चैप्टर समय के साथ रिवाइज किया जा सके.

देवेश कुमारबच्चों को जरूरत से ज्यादा पढ़ाई से बचना चाहिए 

रांची के आवासीय बंधु हाई स्कूल के प्रिंसिपल देवेश कुमार का कहना है कि बोर्ड्स के एग्जाम के समय सभी छात्र जरूरत से ज्यादा पढ़ाई करते हैं, लेकिन उनके पढ़ने का तरीका अच्छा नहीं होता. रात भर जगना, सुबह देर से उठना. सबसे पहले बच्चो को इससे बचना चहिए. पढ़ाई करने के लिए एक टाइम टेबल बनाना बहुत जरूरी है, उन्होंने बताया कि बोर्ड्स एग्जाम को अब कुछ दिन और बचे हैं. ऐसे में बच्चे को ज्यादा प्रेशर लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद बहुत जरूरी है. देवेश कुमार सिंह का कहना है कि बच्चो को पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को देखना और हल करना चहिए.

राकेश पांडेपरीक्षा को लेकर नर्वस न हों, शांत मन से पढ़ाई करें 

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर रांची के शिक्षक राकेश पांडे ने कहा कि बच्चों को धैर्य रखने की जरूरत है. नर्वस न हो, टाइम मैनेजमेंट एग्जाम की तैयारी में सबसे बड़ा फैक्टर होता है. बच्चे टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें. मार्केट में हर सब्जेक्ट के अलग-अलग सैंपल पेपर उपलब्ध हैं, उन सैंपल पेपर को सॉल्व करें. टीचर के साथ कंसल्ट में रहे और जब भी कोई डाउट हो तो टीचर के साथ तुरंत कंसल्ट करें. पिछले 10 साल के प्रश्नों का अभ्यास जरूर करें. मैथ्स और फिजिक्स से जुड़े सारे फार्मूलों को अच्छे से याद करे. जिससे कांफिडेस तो बढ़ेगा और मार्क्स भी अच्छे आते हैं.

अटल पांडेयपिछले पांच साल के प्रश्न देखें 

रांची विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक अटल पाण्डेय ने कहा कि पिछले 5 वर्षों के प्रश्न पत्रों को विद्यार्थी जरूर सॉल्व करें. सॉल्व करने से विद्यार्थियों को यह अनुभव होगा कि पिछले सालों 5 सालों से किस प्रकार के प्रश्न आ रहे हैं, उसके हिसाब से वह अपने आप को तैयार कर पाएंगे. जितनी भी विद्यार्थी परीक्षा में बैठने जा रहे हैं. वह पहली बार इस परीक्षा में बैठ रहे हैं और विद्यार्थियों में झिझकता होती है. उस झिझकता को दूर करने के लिए पिछले 5 वर्षों का प्रश्न को देखना बहुत जरूरी है.

शुभश्री तिवारीरूटीन बना के पढें

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर रांची की शुभश्री तिवारी ने कहा कि बच्चों को एग्जाम की अच्छी तैयारी के लिए रूटीन बना कर पढ़ना बहुत जरूरी है. रूटींन बनाने के साथ रिवीजन का सबसे बड़ा योगदान होगा, जितने भी चैप्टर हैं उनका रिवीजन करते रहें. लास्ट समय पर बच्चों को जो पढ़ लिए हैं उस पर ध्यान देने की जरूरत है. जो पढ़े है उससे अधिक कुछ ना सोचे क्यूकि उससे टेनशन बढ़ेगा.इस लिए जो बढ़ लिए हैं उस पर ही ध्यान दे.

रेखा नायडूपढ़ाई के साथ हेल्थ पर ध्यान दें 

रांची के मनन विद्या मंदिर की प्रिंसिपल रेखा नायडू ने कहा कि बच्चों को सबसे पहले टाइम मैनेजमेंट पर फोकस करना चाहिए. बोर्ड्स को अब बस कुछ दिन ही बचे हैं ऐसे में बच्चे सोचते हैं कि एक दिन में सब पढ़ लें. पर ऐसा करने से उनके हेल्थ पर असर होगा. बच्चों को अभी सबसे ज्यादा पढ़ाई के साथ अपने हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि अर्ली टू बेड, अर्ली टू वाइज का फॉर्मूला अपनाना होगा. जल्दी सोना और उसके बाद सुबह की पढ़ाई करना जरुरी है. उन्होंने बताया कि आखरी बचे दिनों में बच्चों को रिवीजन करना जरुरी है. कुछ नया पढ़ने से बचना है. ताकि आने वाले एग्जाम में वह अच्छा स्कोर कर सके. मन शांत रहने से प्रश्नों को हल करने में सहूलियत होती है.

अवधेश ठाकुरप्रेशर में पढ़ाई नहीं करनी चाहिए 

डोरंडा कॉलेज के वोकेशनल के शिक्षक अवधेश ठाकुर ने कहा कि परीक्षा अब नजदीक है, इस दौरान विद्यार्थियों को प्रेशर में पढ़ाई नहीं करनी चाहिए. विद्यार्थियों ने साल भर जो भी पढ़ाई की है, उससे ज्यादा अब कुछ और होने की संभावना बहुत कम है. जितनी पढ़ाई विद्यार्थी अब तक कर चुके हैं, उसका रिवीजन करें. सिलेबस के जिन जिन हिस्सों को कवर कर चुके हैं, उनका रिवीजन अधिक से अधिक करें. पांचों विषयों को प्रतिदिन पढ़ें और इसके लिए एक निर्धारित समय तय कर लें. बार-बार लिख कर प्रैक्टिस करें.

आशुतोष कुमारबचे समय में चुनिंदा प्रश्नों,टॉपिक और चैप्टर को पढ़ें 

डीएवी स्कूल सिंदरी के प्राचार्य आशुतोष कुमार ने बताया कि बोर्ड के परीक्षार्थियों को बचे हुए समय में चुनिंदा प्रश्नों, टॉपिक और चैप्टर्स को पढ़ना चाहिए. विद्यार्थी सीबीएसई द्वारा जारी ब्लूप्रिंट के हिसाब से तैयारी करें. परीक्षा में अच्छे मार्क्स कुशल रणनीति पर ही आते हैं. समय प्रबंधन का प्रयास करें. परीक्षा के पूर्व मॉडल प्रश्नों से अभ्यास कर तय समय में लिखने का अभ्यास बनाएं. परीक्षा में जिन प्रश्नों की तैयारी अच्छी हो, पहले उसे लिखें, उसके बाद ही अन्य प्रश्नों का जवाब लिखने का प्रयास करें. विज्ञान के विषय में सटीकता के साथ चित्र बनाएं. सामाजिक अध्ययन में मैप वर्क की प्रैक्टिस करें. ज्यादा नंबर लाने की अपेक्षा प्रश्न पत्र को बेहतर तरीके से हल करना सुनिश्चित करें.

प्रीति कुमारीबचे समय में बेसिक कांसेप्ट को क्लियर करें विद्यार्थी 

बायोलॉजी की शिक्षिका प्रीति कुमारी का कहना है कि विद्यार्थी अपने सिलेबस के अनुसार पढ़ाई करें. बेसिक कॉन्सेप्ट को क्लियर करें. पिछले परीक्षा के प्रश्न, सैंपल व मॉडल पेपर सॉल्व करें. सॉल्व करने में जो भी परेशानी आए, उसे एक्सपर्ट शिक्षक के माध्यम से क्लियर करें. जिन प्रश्नों में विद्यार्थियों को ज्यादा परेशानी है, उसका बार-बार रिवीजन करें. बायोलॉजी विषय में डायग्राम काफी महत्वपूर्ण है, इसके कांसेप्ट को समझें. ज्यादा स्ट्रेस ना लें. सीबीएसई के सिलेबस में एनसीईआरटी की किताबें काफी महत्वपूर्ण होती हैं, उसका लाइन बाय लाइन स्टडी करें.

ममता मुर्मूयह समय साल भर की गई पढ़ाई को दोहराने का होता है 

साहिबगंज शहर में चौक बाजार में स्थित राज स्थान इंटर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य ममता मुर्मू का कहना है कि जैक बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा होने में अब चंद दिन शेष बचे हैं.वहीं परीक्षा में अच्छे स्कोर करने के लिए बनाई गई रणनीति काफी कारगर होती है. यह समय साल भर की गई पढ़ाई को दोहराने का होता है. इसलिए इस समय ज्यादा स्ट्रेस ना लेते हुए केवल वर्ष भर में जो पढ़ाई हुई है,उसी पढ़ाई को दोहराने का काम करें. नया टॉपिक शुरू न करें. छात्र प्रत्येक दिन के लिए रूटीन बनाएं और जैक बोर्ड के द्वारा जारी किए गए ब्लूप्रिंट के अनुसार सिलेबस को देखते हुए रिवीजन और प्रैक्टिस पर ध्यान केंद्रित करें. मॉडल सैंपल पेपर सॉल्व करने की आदत बनाएं.परीक्षा में जिन प्रश्नों की तैयारी अच्छी हो उसे पहले लिखें, उसके बाद ही अन्य प्रश्नों का जवाब लिखने का प्रयास करें. विज्ञान के विषय में सटीकता के साथ चित्र बनाएं. सामाजिक अध्ययन में मैप वर्क की प्रैक्टिस करें. ज्यादा नंबर लाने की अपेक्षा प्रश्न पत्र को बेहतर तरीके से हल करना सुनिश्चित करें.

डॉ प्रमोद महतोसिलेबस का ध्यान रखें , प्रैक्टिस ज्यादा से ज्यादा करें 

शिक्षक डॉ. प्रमोद कुमार महतो ने बताया टॉपिक वाइज तैयारी चाहिए. सिलेबस का भी ध्यान रखें और प्रैक्टिस ज्यादा से ज्यादा करें. बीते वर्ष के सवाल जवाब को ध्यान पूर्वक देखें उसे बनाएं और उसी के अनुसार तैयारी भी करें. जो समझ में नहीं आता हो तो बार-बार कॉपी में लिखें और याद करने की कोशिश करें. साथ ही अपने सीनियर साथी से जवाब लेने की कोशिश करें और समाधान नहीं होने पर शिक्षक से संपर्क कर अपने सवालों का उत्तर पूछें. सब्जेक्ट के डायग्राम को ध्यान से देखें और याद करें कि कौन सा पार्ट कहां पर है और उसका क्या कार्य है. इसे साधारण स्तर से समझे इससे यह समझने में और आसान हो जाएगा और परीक्षा में अच्छे मार्क्स आएंगे.

राजीव कुमार पांडेसभी विषय के लिए समय बांट कर तैयारी करें 

केंद्रीय विद्यालय सिमडेगा में गणित शिक्षक राजीव कुमार पांडे का कहना है कि परीक्षा की तैयारी तो करनी ही चाहिए. इसके लिए सभी विषय के लिए समय का विभाजन कर तय करना चाहिए कि कौन सा विषय कब पढ़ाना है. गणित का ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें, सूत्र याद करें और बाकी विषयों के प्रश्न और उत्तर को लिख कर याद करें. पिछले कुछ सालों के प्रश्नों को सॉल्व करें और याद करें. आसान और कठिन प्रश्नों को अलग कर सॉल्व करें. जो समझ में नहीं आता है ,उसे बार-बार दोहराए और बनाने का प्रयास करें. इसके साथ ही शिक्षकों से मार्ग दर्शन लेते रहे जिससे सवाल आसान लगे . अब समय कम है , तैयारी में लगे रहे. समय बर्बाद न करें, अवश्य सफलता मिलेगी.

तापस घोषमल्टीपल च्वॉइस प्रश्नों की अनदेखी विद्यार्थी कभी न करें  

राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के सेवानिवृत्त विज्ञान शिक्षक तापस कुमार घोष बताते हैं कि अब परीक्षा में काफी कम समय रह गया है. इसलिए विद्यार्थी विज्ञान के विषय में रासायनिक अभिक्रिया का अभ्यास करें. एनसीईआरटी की पुस्तकों का अध्ययन करें. मुख्य बिंदुओं को रेखांकित करें. पिछले चार-पांच वर्षों के प्रश्नों के मॉडल का अभ्यास करें. मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन की अनदेखी न करें. वैल्यू बेस्ड प्रश्नों पर विशेष ध्यान दें. विद्यार्थी परीक्षा के दौरान दो प्रश्नों के उत्तर के बीच दूरी बनाकर लिखें. डायग्राम व नामांकित चित्र साफ-सुथरा बनाएं. परीक्षा के निश्चित समय सीमा के भीतर उत्तर लिखने का अभ्यास करें.

प्रदीप कुमार मोदीएनसीईआरटी की पुस्तकों का अध्ययन करें 

उत्क्रमित उच्च विद्यालय पुरानी साहिबगंज के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार मोदी का कहना है कि अब परीक्षा में काफी कम समय रह गया है. इसलिए विद्यार्थी विज्ञान के विषय में रासायनिक अभिक्रिया का अभ्यास करें. एनसीईआरटी की पुस्तकों का अध्ययन करें. मुख्य बिंदुओं को रेखांकित करें. पिछले चार-पांच वर्षों के प्रश्नों के मॉडल का अभ्यास करें. मल्टीपल चॉइस हल प्रश्न की अनदेखी न करें. छात्र परीक्षा के दौरान दो प्रश्नों के उत्तर के बीच दूरी बनाकर लिखें.मैथ्स के जिन टॉपिक्स को विद्यार्थियों ने अब तक नहीं पढ़ा है. उन्हें छोड़कर उन टॉपिक पर विशेष फोकस करें जिसकी पढ़ाई उन्होंने की है. उसे रिवाइज करें. परीक्षा के अंतिम समय में केवल रिवीजन पर ध्यान दें.

पवन कुमारमॉडल सेट से तैयारी करना बेहतर होता है 

एस एस 2 हाई स्कूल कोलेबिरा सिमडेगा के शिक्षक पवन कुमार ने कहा है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल का मॉडल सेट 4 से 5 बार बना कर तैयारी करें और जहां गलती हो रही हो उसे बाद में फिर से उसे सुधरना चाहिए. जिससे पता चलें कि हम कहां गलती कर रहे हैं. सिलेबस की अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए , जो पढ़ाई हो चुकी है उसे बार-बार रिपीट करना चाहिए. समय और पढ़ाई को लेकर ईमानदारी से तैयारी करें. मानसिक तनाव नहीं लेना है . परीक्षा को लेकर भोजन थोड़ा कम करना चाहिए है. जिससे नींद न आए और 10 से 15 मिनट व्यायाम करें, जिससे पढ़ाई में मन लगा रहे हैं.

दीप्ति यादवफिजिक्स की तैयारी में कांसेप्ट समझें और प्रैक्टिस करें 

पीजीटी फिजिक्स के शिक्षक दीप्ति यादव का कहना है कि जिस चैप्टर में ज्यादा वेट है उस नंबर के टॉपिक को जो ज्यादा करें. लोंग आंसर पर ध्यान दें, जिससे शॉर्ट क्वेश्चन आराम से बन जाए .फिजिक्स की तैयारी में कांसेप्ट समझें और लॉन्ग आंसर लिखकर प्रैक्टिस करें . डायग्राम बनाएं और समझे, जिसका उत्तर स्पष्ट होना चाहिए. क्वेश्चन आंसर की प्रैक्टिस खूब करें. डायग्राम को अच्छी तरह से समझ कर जवाब बनाएं.

शिवमयह साल भर की गयी पढ़ाई को दोहराने का समय 

अभ्यास क्लासेज के मैथ्स और फिजिक्स के शिक्षक शिवम कुमार बताते हैं कि सीबीएसई की 10वीं व 12वीं की परीक्षा में अब चंद दिन शेष हैं. परीक्षा में अच्छे स्कोर के लिए इन दिनों में बनाई गई रणनीति काफी कारगर होती है. वर्ष भर की पढ़ाई को यह दोहराने का समय होता है. इसलिए इस समय ज्यादा स्ट्रेस न लेते हुए केवल वर्ष भर की पढ़ाई को दोहराने का काम करें. नया टॉपिक शुरू न करें. प्रत्येक दिन के लिए रूटीन बनाएं और सीबीएसई द्वारा जारी ब्लूप्रिंट के अनुसार सिलेबस को देखते हुए रिवीजन और प्रैक्टिस पर ध्यान केंद्रित करें. मॉडल सैंपल पेपर सॉल्व करने की आदत बनाएं. साइंस और मैथ्स में एमसीक्यू और डायग्राम और सोशल साइंस में मैप ड्रा करने का अभ्यास करें क्योंकि इनमें अच्छे अंक प्राप्त होते हैं.

पूर्णिमा कुमारीविद्यार्थी अपने सिलेबस के अनुसार पढ़ाई करें तो अच्छा 

उत्क्रमित उच्च विद्यालय पुरानी साहिबगंज की सहायक शिक्षिका पूर्णिमा कुमारी का कहना है कि विद्यार्थी अपने सिलेबस के अनुसार पढ़ाई करें. बेसिक कॉन्सेप्ट को क्लियर करें. पिछले परीक्षा के प्रश्न, सैंपल और मॉडल पेपर सॉल्व करें. इन पेपर को सॉल्व करने में जो भी परेशानी आए, उसे अनुभवी शिक्षक के माध्यम से क्लियर करें. जिन प्रश्नों में छात्रों को ज्यादा परेशानी होती हो उस विषय का बार-बार रिवीजन करें.

ममता कंडुलनासिलेबस के हिसाब से तैयारी करना अच्छा होता है 

एसएस 2 उच्च विद्यालय कोलेबिरा, सिमडेगा की जीव विज्ञान की शिक्षिका ममता कांडुलन ने कहा कि सिलेबस के हिसाब से तैयारी करनी चाहिए. फिर मॉडल सेट क्वेश्चन पेपर को बार बार बनाना चाहिए. सभी चैप्टरों पर बराबर ध्यान देना चाहिए. ज्यादातर बच्चे गैस पेपर से पढ़ाई करते हैं . इससे अच्छा है कि किताबों से तैयारी करें. समय अब कम बचा है, इसलिए अब रिवीजन करने की जरुरत है. जिन विषयों को पढ़ा लिया गया है उसे बार बार दुहराने की जरुरत है.

रामबली गुप्ताज्यादा से ज्यादा लिखकर अभ्यास करें,फायदा होगा

डीएवी नंदराज के शिक्षक रामबली गुप्ता ने कहा कि बच्चे अब जितना पढ़ चुके हैं, उसका रिवीजन करें. कोरोना काल के दौरान बच्चों के लिखने की आदत छूट गई. बच्चे लिखने का प्रैक्टिस ज्यादा से ज्यादा करें. बच्चें डायग्राम और फार्मूला में ज्यादा मेहनत नहीं करते, बच्चों को डायग्राम और फार्मूला में मेहनत करना चाहिए. वह उनके एग्जाम में नंबर बढ़ा सकता है. सैंपल पेपर जितना हो सके सॉल्व करें.

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