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अब तक 72801 सैंपलों की रिपोर्ट आई, इनमें 4373 लोग संक्रमित मिले; 201 मरीजों की वायरस से जान गई

रविवार देर रात 1404 लाेगाें की काेराेना टेस्ट रिपाेर्ट आई। इनमें से 1355 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई, जबकि 44 नए मरीज मिले। रिपोर्ट में 4 की मौत की पुष्टि भी हुई। इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा अब 201 हो गया है। पहली 100 मौतें 54 दिन में हुई थीं। अगली 100 सिर्फ 36 दिन में। देश के 1 % मरीज इंदौर में हैं, पर मौतें 1.5 %। जिले में अब तक 72801 संदिग्धों की टेस्ट रिपोर्ट आ चुकी है। इनमें से 4373 लोग संक्रमित मिले। अभी 937 एक्टिव केस हैं। वहीं, 3235 लोग कोरोना को मात देकर घर लौट चुके हैं। होटल और गार्डन में भी क्वारैंटाइन 4292 लोगाें को डिस्चार्ज किया जा चुका है।

आदित्य नर्सिंग होम में एक और कर्मचारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई
फूटी कोठी रोड स्थित आदित्य नर्सिंग होम का एक और कर्मचारी संक्रमित हुआ है। यह कर्मचारी अस्पताल में प्रशासकीय कार्य करता था। वह काम पर भी आ रहा था। पिछले सप्ताह अस्पताल के कर्मचारी के संक्रमित होने के बाद अन्य कर्मचारी, मरीज और उनके परिजन दहशत में हैं। 

निगेटिव रिपोर्ट वाले मरीजों से फोन कर स्वास्थ्य विभाग पूछेगा तबीयत
स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण की जांच करवाने के बाद अब सभी निगेटिव रिपोर्ट वालों की लिस्ट बना रहा है। इसके बाद विभाग के कर्मचारी इन सभी को फोन कर स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे कि कोरोना संक्रमण की जांच करवाने के बाद उनमें बीमारी के कोई लक्षण तो नजर नहीं आ रहे। जिला क्षय कार्यालय को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। दोबारा निगेटिव आए मरीजों को मॉनिटरिंग में लिया जाएगा।

वाॅट्सएप पर शुरू नहीं हो सकी कोरोना रिपोर्ट आना
अब तक इंदौर में 62 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोनावायरस की जांच की जा चुकी है, लेकिन मरीजों को उनकी रिपोर्ट का स्टेटस पता नहीं चल पा रहा है। मौजूदा व्यवस्था के तहत यदि किसी मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो थाने से फोन पहुंचता है। प्रशासन की टीम फोन कर परिवार को सूचना दे देती है कि उनके मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव है। हम जांच के लिए पहुंच रहे हैं। उन्हें रिपोर्ट संबंधी दस्तावेज नहीं दिए जा रहे हैं। यही स्थिति निगेटिव आने वाले मरीजों की भी है। जिन मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है, वे भी परेशान हैं। मरीज के परिजन एमजीएम मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य विभाग या फिर जिस अस्पताल में मरीज भर्ती होता है, वहां के चक्कर लगाते हैं। फील्ड से भी सैंपल लिए जा रहे हैं। यदि उनकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उन्हें भी इसकी सूचना नहीं मिल पा रही है।

मेन पावर की कमी के कारण देरी हो रही है
इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा का कहना है कि मेन पावर की कमी के कारण इसमें देरी हो रही है। हमने तय किया था कि वाॅट्सएप के माध्यम से मरीजों को रिपोर्ट की सूचना दी जाएगी। ऐसा करने में थोड़ा समय लगेगा।