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ईडी ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंजाब के पूर्व विधायक के कारोबारी बेटे को गिरफ्तार किया है

पीटीआई

नई दिल्ली, 8 फरवरी

अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़ी अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पूर्व शिअद विधायक और शराब कारोबारी दीप मल्होत्रा ​​के बेटे पंजाब के व्यवसायी गौतम मल्होत्रा ​​को गिरफ्तार किया है।

पंजाब के ओएसिस समूह के प्रवर्तक मल्होत्रा ​​को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया।

आधिकारिक सूत्रों ने आरोप लगाया कि वह अपने जवाबों में टालमटोल कर रहे थे और कार्टेलाइजेशन के आरोपों के संबंध में उनकी भूमिका दिल्ली सरकार द्वारा तैयार की गई उत्पाद शुल्क नीति एजेंसी के रडार पर है।

व्यवसायी को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा जहां ईडी उसकी हिरासत की मांग करेगी।

अधिकारियों ने कहा कि मल्होत्रा ​​​​का शराब निर्माण और वितरण कारोबार पंजाब और दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ अन्य क्षेत्रों में फैला हुआ है। संघीय जांच एजेंसी ने पिछले साल पंजाब के फरीदकोट और कुछ अन्य स्थानों पर मल्होत्रा ​​​​के समूह से जुड़े परिसरों पर छापा मारा था।

आबकारी नीति 2021-22 को पिछले साल अगस्त में खत्म कर दिया गया था और दिल्ली के उपराज्यपाल ने बाद में सीबीआई से कथित अनियमितताओं की जांच करने को कहा था।

ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच सीबीआई की प्राथमिकी से निकलती है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुछ आबकारी अधिकारियों को सीबीआई और ईडी की शिकायतों में आरोपी बनाया गया था।

ईडी ने अब तक इस मामले में दो चार्जशीट या अभियोजन पक्ष की शिकायतें दायर की हैं और मल्होत्रा ​​सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने हैदराबाद के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को मंगलवार शाम को दिल्ली आबकारी नीति मामले में बीआरएस एमएलसी के कविता का ऑडिटर भी गिरफ्तार किया।

ईडी ने अदालत को सौंपी गई चार्जशीट में आरोप लगाया है कि रद्द की गई दिल्ली आबकारी नीति में उत्पन्न कथित 100 करोड़ रुपये के “किकबैक” का एक हिस्सा अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव अभियान में “इस्तेमाल” किया गया था।

“ईडी द्वारा जांच में पाया गया कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार और साजिश के कृत्यों के कारण सरकारी खजाने को कम से कम 2,873 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।” एजेंसी ने पहले कहा था, ‘अब तक 76.54 करोड़ रुपये की कमाई का पता लगाया जा चुका है और उसे कुर्क कर लिया गया है।’

#प्रवर्तन निदेशालय