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चैंबर का विरोधः मंडी शुल्क वापस ले सरकार, सात दिनों का अल्टीमेटम

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Ranchi: फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के आहवान पर बुधवार को रांची में 24 जिलों के चैंबर खाद्यान्न व्यवसायी संघ, बाजार समिति के दुकानदार, सम्बद्ध संस्था, राइस मिलर्स एसोसियेशन, फ्लोर मिलर्स एसोसियेशन, मजदूर यूनियन संघ और किसान संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों का महाजुटान हुआ. सभी जिले की बाजार समितियों की दुकानें बंद करके व्यापारी आज इस राज्यस्तरीय बैठक में शामिल हुए जहां राज्य सरकार द्वारा झारखण्ड में कृषि शुल्क को प्रभावी किये जाने के निर्णय का पुरजोर विरोध किया गया. व्यापारियों के आग्रह पर चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि यदि सरकार द्वारा आगामी एक सप्ताह के अंदर इस विधेयक को समाप्त करने का निर्णय नहीं लिया गया तब 15 फरवरी 2023 से राज्य के सभी खाद्यान्न दुकानें (खुदरा एवं थोक) बंद कर दी जायेगी. बैठक में उपस्थित राइस मिलर्स और फ्लोर मिलर्स एसोसियेशन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने भी चैंबर अध्यक्ष के इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि 15 फरवरी से राइस मिल में प्रोडक्शन और सेल भी बंद कर दिया जायेगा.

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विरोध जताते चैंबर के सदस्य

700 से अधिक व्यापारियों से खचाखच भरे हुए संगम गार्डेन में इस अव्यवहारिक विधेयक के विरोध में कांग्रेस के विधायक, मंत्री व कृषि मंत्री के निर्णयों का विरोध जताते हुए कहा गया कि व्यापारियों को वार्ता की आड में रखकर, पिछले दरवाजे से इस विधेयक को लाने का षडयंत्र किया गया है. इस षडयंत्र के एवज में पार्टी को व्यापारियों के आक्रोष का सामना करना पडेगा. यह भी बातें कही गई कि झारखण्ड चैंबर के नेतृत्व में सैकडों की संख्या में व्यापारी रामगढ़ जाकर, रामगढ उप चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी का विरोध करेंगे. जमशेदपुर से 70 व्यापारियों के साथ आये सिंहभूम चैंबर के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि व्यापारी यदि टैक्स देने से पीछे रहते, तब सरकार के जीएसटी कलेक्शन में नियमित बढोत्तरी नहीं होती. हम इस शुल्क की आड में होनेवाली अनियमितता का विरोध करते हैं. हम मानते हैं कि यहां व्यापारियों की सरकार नहीं है किंतु सरकार व्यापारियों को इग्नोर भी नहीं कर सकती.

चैंबर के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने कहा कि झारखंड में विपणन व्यवस्था कुछ है ही नहीं, ऐसे में यह शुल्क नहीं, शुल्क के रूप में व्यापारियों और कृषकों पर एक टैक्स लादा जा रहा है जो हमें किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है. जामताडा चैंबर के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि व्यापारियों को भ्रम में रखकर सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है. जब कृषि प्रधान राज्यों में मंडी शुल्क समाप्त किया जा रहा है, तब झारखंड में क्यों प्रभावी किया जा रहा है. बोकारो व्यवसायी संघ के अनिल अग्रवाल ने कहा कि यदि आवश्यकता पडी तब इस विधेयक के विरोध में बोकारो के व्यापारी बोकारो से रांची की पैदल यात्रा भी निकालने के लिए तैयार हैं. पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि विधेयक की वापसी कराकर कृषि मंत्री ने बहुत ही नाकारात्मक निर्णय लिया है.

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पूर्व अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद जालान ने विधेयक की विसंगतियों का उल्लेख करते हुए इसे जनविरोधी बताया और विधेयक की प्रति को फाड दिया. यह कहा कि कृषि मंत्री और कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से इस शुल्क की वापसी कराई जा रही है, जिसका हम विरोध करते हैं. इस कानून के तहत व्यापारी को किसी भी न्यायालय में जाने की अनुमति नहीं है, इसका मतलब स्पष्ट है कि इस शुल्क की आड में भ्रष्टाचार को बढावा दिया जायेगा. उन्होंने यह भी प्रस्तावित किया कि झारखण्ड चैंबर द्वारा कृषि मंत्री के कृत्य की जानकारी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी दी जाये. पूर्व अध्यक्ष मनोज नरेडी ने कहा कि हम इस आंदोलन में किसी भी राजनीतिक दल के लोगों को अपना मंच इस्तेमाल नहीं करने देंगे. हमने पूर्व में भी कई लडाई जीती है, इस बार भी जीतेंगे.

बंद पड़ा पंडरा बाजार समिति

रांची चैंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा व्यापारियों और किसानों से दोहन का रैकेट तैयार करने की कोशिश की जा रही है. ई-नाम योजना का पूरे झारखंड में फर्जीवाडा हो रहा है, जिसकी जानकारी माननीय प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्रालय को दी जानी चाहिए. पूर्व अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने इस आंदोलन को मजबूती देने के लिए राज्य के सभी सेक्टर से जुडे व्यापारियों और उद्यमियों को जुडने की अपील की. यह कहा कि जरूरत पडी तो राज्य में एक दिन के लिए सारा व्यापार ठप कर दिया जाये.

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चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने व्यापारियों की भावना का सम्मान करते हुए कहा कि यह शुल्क लगाकर व्यापारियों के साथ छलावा किया गया है, जो हमें किसी भी स्थिति में मंजूर नहीं है. कृषि मंत्री ने कभी भी हमें बुलाकर, इसपर वार्ता नहीं की. विधानसभा से इस बिल के पारित होने के बाद हमने इस विधेयक को समाप्त कराने की भरपूर चेष्टा की किंतु हमें भ्रम में रखा गया. इस विधेयक के प्रभावी होने से खाद्यान्न व्यापारियों के अलावा मत्स्य पालन, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी करनेवाले सभी लोग दायरे में आएंगे जिसका प्रभाव शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों पर पडेगा. इससे एक ओर जहां उपभोक्ता वस्तुएं महंगी हो जाएंगी. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी प्रभावित होंगे. हम इस बिल को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि 9 फरवरी से प्रत्येक बाजार समिति में काला झंडा लगाकर व्यापारी अपना व्यापार संचालित करेंगे. 9 फरवरी से लेकर 14 फरवरी तक आंदोलन की दिशा में चरणबद्ध प्रयास किये जाएंगे.

पंडरा, अपर बाजार के साथ ही आज राज्य के सभी जिलों की कृषि मंडी की खाद्यान्न दुकानें पूर्णरूप से बंद रहीं है. बैठक के उपरांत कृषि मंत्री का पुतला दहन भी किया गया. बैठक में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, अमित शर्मा, महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन, सह सचिव रोहित पोद्दार, कोषाध्यक्ष सुनिल केडिया, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश महतो, संजय कुमार, अमित साहू, प्रवक्ता ज्योति कुमारी, कार्यकारिणी सदस्य परेश गट्टानी, राहुल मारू, रोहित अग्रवाल, नवजोत अलंग, प्रवीण लोहिया, अनिस बुधिया, राम बांगड, मनीष सर्राफ, नवीन अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष अर्जुन जालान, मनोज नरेडी, विकास सिंह, दीपक कुमार मारू, रंजीत गाडोदिया, पवन शर्मा, कुणाल अजमानी, प्रवीण जैन छाबडा, राइस मिलर्स मनीष साहू, अनिस सिंह, बागला जी, यूनियन संघ के अध्यक्ष ललित ओझा, विजय आनंद मूनका, दीपक भलोटिया, शिव हरी बंका, रांची चैंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी के अलावा अनिल शर्मा, गोपाल साबू, विजेंद्र प्रसाद, कमल अग्रवाल, गुंजन रोहतगी, हरि कनोडिया, अभिषेक अग्रवाल, आलू प्याज से मदन प्रसाद, रोहित कुमार के अलावा जामताडा चैंबर, संथाल परगना चैंबर, देवघर चैंबर, सिहभूम चैंबर, जमषेदपुर चैंबर, धनबाद जिला चैंबर, लोहरदगा चैंबर, गुमला चैंबर, सिमडेगा चैंबर, दुमका चेंबर, रामगढ चैंबर, हजारीबाग चेंबर, कोडरमा चैंबर, सरायकेला खरसावा चैंबर, चतरा चैंबर, चाइबासा चैंबर, लातेहार चैंबर, बोकारो चैंबर, जैनामोड चेंबर, खूंटी चैंबर, खुदरा व्यवसायी संघ, किसान प्रतिनिधि संतोष जयसवाल, चाकुलिया मिलर एसोसियेषन के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे.