प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में शहीद हुए भारतीय सेना की बिहार रेजीमेंट के जवानों के शौर्य को सलाम किया। इसके कुछ घंटों बाद ही सेना की उत्तरी कमान ने शनिवार को यूनिट की लड़ाई के इतिहास का जश्न मनाने वाला एक वीडियो ट्वीट किया। इसके जरिए चीन पर चुटकी ली गई है। बता दें कि हिंसक झड़प में शहीद होने वाले ज्यादातर जवान बिहार रेजीमेंट से थे।
वीडियो में लिखा है, ‘लड़ाई के लिए ही जन्मे। वे वही करते हैं जो करना चाहिए। वे बैट नहीं हैं। वे बैटमैन हैं।’ सेना ने एक मिनट 57 सेकेंड का वीडियो जारी किया है। इसमें कहा गया है, ‘दोस्तों, भारतवासियों, देशवासियों, मुझे अपने कुछ साल उधार दे दें। 21 साल पहले कारगिल युद्ध के दौरान और हर बड़े युद्ध- 1857, 1948, 1965, 1971 और 1999 में बिहार रेजीमेंट ने अपनी अलग छाप छोड़ी है।’
इस वीडियो में गलवां घाटी का कोई जिक्र नहीं है। जहां चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ हुई झड़प में 20 जवान शहीद हो गए। इन शहीदों की कहानी को शहीद हुए तीन जवानों की तस्वीरों के जरिए बताया गया। इसमें 16वीं बटालियन के कमांडर कर्नल संतोष बाबू भी शामिल हैं। बैटमैन की श्रद्धांजलि बिहार रेजीमेंट के युद्ध घोष- बजरंग बली की जय से पहले आती है। इसके बाद सशस्त्र बलों का विजय गीत सुनाई देता है।
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