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हमें पढ़ाए जाने वाले इतिहास में लूप होल: बनारस में मनोज मुंतशिर बोले- अब जो जीता वो बाजीराव और शिवाजी महाराज

चर्चित गीत ‘तेरी मिट्टी में मिल जावां’ के गीतकार, फिल्मी पटकथा लेखक और वक्ता मनोज मुंतशिर शुक्ला शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में ‘काशी शब्दोत्सव’ के पांचवें सत्र में युवाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गुलामी के प्रतीकों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि अभी तक जो जीता वहीं सिकंदर पर कहां अटके हुए हो। अब जो जीता वो बाजीराव और जो जीता वो छत्रपति शिवाजी महाराज। मनोज मुंतशिर ने कहा कि हमारे देश में पढ़ाए जा रहे सेलेक्टिव इतिहास में कई लूप होल हैं।

हमें यह तो पढ़ाया जाता है कि ताजमहल किसने बनवाया लेकिन यह नहीं पढ़ाया जाता कि सोमनाथ, काशी और मथुरा को किसने तहस-नहस किया। हमें बार-बार बताया गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किसने मारा लेकिन यह नहीं पढ़ाया गया कि गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को जिंदा दीवार में किसने चुनवा दिया। इतिहास उतना ही पढ़ाया गया जिससे आपका भला होता हो। 

मनोज मुंतशिर ने कहा कि कला के जितने दिग्गज पूरे भारतवर्ष में हैं, उनकी अगर एक सूची बनाई जाए तो आप यह जानकार हैरान रह जाएंगे कि आधे से ज्यादा बनारस से निकलेंगे। कश्मीर के लालचौक पर अभी झंडा फहराया गया, मैं बड़ा खुश हूं कि हमने इतना सुरक्षित कश्मीर बना दिया है कि कोई भी लालचौक पर जाकर झंडा फहरा सकता है। 

हमने दुश्मन के लिए फाइटर प्लेन बनाए लेकिन जब सांस टूटने लगी तो वैक्सीन भी बनाई और उस पर लिख दिया सर्वे संतु निरामया:। यानि ईश्वर सिर्फ हम पर ही नहीं प्राणि मात्र पर दया करें। हम जांबाज हैं जियाले हैं, हम शांति का सवेरा हैं और मानवता के उजाले हैं। पहचानो हमें हम भारत वाले हैं। जिस दिन आप यह परिचय देना सीख गए विश्व गुरु बनने की ओर पहला कदम उठा लेंगे। 

युवाओं को संबोधित करते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा कि गर्व से कहिए मैं उस भारत से आता हूं, जिसके होठों पर गंगा और हाथों में तिरंगा है। भारत शब्द का अर्थ इंडिया और हिंदुस्तान नहीं है। जो प्रकाश की खोज में रत है वहीं मेरा और आपका भारत है। हम पूरे जीवन अंधकार से प्रकाश की यात्रा करते रहते हैं।