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आईएमए ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, एमपीए और सीईए लागू कराने की मांग

– छह मांगों को लेकर लिखा है पत्र

– विधानसभा सत्र में पारित नहीं हुई तो करेंगे चरणबद्ध आंदोलन

Ranchi: आईएमए झारखंड और झासा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चिकित्सकों के छह विभिन्न मांगों पर विचार करने का आग्रह किया है. आईएमए ने क्लिनिकल स्टैबलिशमेंट एक्ट (सीईए) में आवश्यक संशोधन कर 50 बेड तक के अस्पताल को इससे मुक्त रखने की मांग की है. साथ ही 23 अन्य राज्यों के तर्ज पर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की है. साथ ही सड़क दुर्घटना में घायल डॉ सौरभ की पत्नी को सरकारी नौकरी सहित तीन अन्य मांग की है.

आईएमए और झासा ने मुख्यमंत्री से कहा कि विभाग एवं सरकार के आश्वासन के बाद भी अभी तक इसे लागू नहीं किया जा सका है. आईएमए और झासा ने संयुक्त रूप से यह ऐलान किया है कि इस विधानसभा सत्र के दौरान अगर इन मुद्दों को पारित नहीं किया जाता है, तो संगठन चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को बाध्य होगी. पूरी जिम्मेदारी सरकार एवं विभाग की होगी. टकराव एवं आंदोलन की स्थिति ना बने इसलिए संगठन आपसे जरूरी हस्तक्षेप की मांग करती है.

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अन्य मांगें

बायोमैट्रिक अटेंडेंस- आपने अपनी सूझबूझ से पुलिस विभाग को इमरजेंसी सर्विसेस मानते हुए बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से मुक्त करने की घोषणा की है. चूंकि इमरजेंसी सर्विसेज की सूची में स्वास्थ्य सेवा सबसे पहले आता है, इसलिए चिकित्सकों को भी बायोमैट्रिक अटेंडेंस से मुक्त किया जाए.

जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी के द्वारा सिविल सर्जन जामताड़ा को घसीट कर लाने जैसी अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया है. इसे संज्ञान में लेते हुए आपके स्तर से उचित करवाई की जाए.

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