नगर निगम परिसर में इन दिनों भारी मात्रा में कबाड़ पड़ा हुआ है जिनमें बारिश का पानी जमा हो रहा है। इससे डेंगू मच्छर पनपने का खतरा है। 25 डिग्री के आसपास तापमान, नमी, उमस और साफ पानी का जमाव डेंगू मच्छर के लिए अनुकूलता पैदा करता है। जिला प्रशासन और नगर निगम डेंगू के बचाव के उपाय करने में लगे हैं लेकिन निगम परिसर से कबाड़ हटाया नहीं जा रहा है। बारिश शुरू ही शहरवासियों को डेंगू का डर सताने लगा है। तीन साल से शहर के मध्य और नगर निगम से सटे हुए इलाकों में डेंगू बुखार का प्रकोप रहा है।
नगर निगम परिसर में खाली पड़े टैंकरों के भीतर, खराब ट्रैक्टर ट्रॉलियों व रिक्शों के खाली ट्रॉली में पानी भरा हुआ है। कई सरकारी दफ्तरों में भी इसी तरह कबाड़ भरा है। घरों में कूलर, खाली पड़े डिब्बे, टायर, पुराने खिलौनों में पानी जमा होने से डेंगू मच्छर के पनपने का डर होता है। निगम के पास लार्वा कंट्रोल के उपाय नहीं हैं इसलिए बचाव में ही भलाई है। अगर साफ पानी जमा होने के स्रोत बंद या हटाए नहीं जाएंगे तो इस बार फिर डेंगू फैल सकता है।
शहर के इन मोहल्लों में डेंगू का खतरा ज्यादा
स्वास्थ्य विभाग और निगम ने बीते तीन सालों में जहां सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं, उन्हें संवेदनशील वार्डों में शामिल किया है। इनमें मुख्य रूप से संजय कॅम्पलेक्स, इतवारी बाजार, कोष्टापारा, सुभाष चौक, गौरीशंकर मंदिर रोड, रामनिवास टॉकीज रोड, रामभाठा, इंदिरा नगर, दीनदयाल कॉलोनी, सदर बाजार, गांधी गंज, दानीपारा, गांजा चौक, कोतवाली लाइन, बूजी भवन शामिल हैं।
2017 में पहला मरीज निगम के सामने मिला था
साल 2017 में डेंगू का संक्रमण सबसे ज्यादा शहर में फैला था, चार महीने में करीब 18 सौ से ज्यादा डेंगू संदिग्ध मिले थे। पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी ज्यादा थी। शहर का पहला डेंगू पॉजिटिव मरीज भी निगम के सामने दवा व्यवसायी के घर मिला था। इसके बाद निगम ने संजय कॉम्पलेक्स को संक्रमण का कारण बताते हुए सफाई कराई थी।
डेंगू से बचना जरूरी क्योंकि बाहर कोरोना का खतरा
डेंगू जानलेवा हो सकता है। सावधानी इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इन दिनों जिले में कोरोना का प्रकोप है। बाहर निकलना या अस्पताल जाने से कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना रहता है ऐसे में डेंगू होने पर अस्पताल में भर्ती होना, खून या प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। डेंगू बुखार होने पर इम्युनिटी कमजोर होगी और कोविड का अटैक हो सकता है।
बेच रहे हैं कबाड़
स्क्रैप मैनेजमेंट के तहत हमारी तैयारी चल रही है। आधा स्क्रैप हमने करीब 15.69 लाख रुपए का बेच दिया है। बाकी बचे की प्रक्रिया चल रही है। आने वाले दिनों में आपको निगम में बेहतर काम और परिणाम देखने को मिलेगा। – आशुतोष पांडेय, आयुक्त नगर निगम
बरसात का मौसम अनुकूल है डेंगू मच्छरों के लिए
डेंगू के संवाहक मादा एडिज मच्छरों का लार्वा साफ पानी में पनपता है, लेकिन इसके लिए तापमान भी उनके अनुकूल होना चाहिए। इनके लिए सबसे फेवरेबल कंडीशन 16 से 25 डिग्री होता है। इतने तापमान में यह मच्छर तेजी से पनपते हैं। – डॉ टीजी कुलवेदी, नोडल अफसर, वेक्टर जनित रोग
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