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भारत को मिलेगा ‘ब्रह्मास्त्र’, चीन की खैर नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के लिए रवाना हुए

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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को 3 दिवसीय यात्रा पर मास्को के लिए रवाना हुए। खबरों के मुताबिक रक्षामंत्री की इस यात्रा में एंटी मिसाइल सिस्टम ‘एस-300’ (S-400) की जल्द डिलेवरी पर भी बात कर सकते हैं। 2018 में भारत ने रूस से इस मिसाइल की डील की थी।

अपनी रूस यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री भारत-रूस रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर बातचीत करेंगे। वे मास्को में 75वें विजय दिवस परेड में भी शामिल होंगे। इस विक्ट्री परेड में भारतीय जवान भी शामिल हो रहे हैं। चीन से सीमा पर चल रहे तनाव के बीच हो सकता है वे रूस से इस मिसाइल सिस्टम की जल्द आपूर्ति के लिए कहें। चीन के बाद इस डिफेंस सिस्टम को खरीदने वाला भारत दूसरा देश है।

S-400 की खूबियां : एस-400 मिसाइल प्रणाली ‘एस-300’ का एक एडवांस वर्जन है। इस एंटी मिसाइल को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ रक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है। इस मिसाइल प्रणाली की सबसे बड़ी खूबी है कि यह करीब 400 किलोमीटर के क्षेत्र में दुश्मन के विमान, मिसाइल और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट करने में सक्षम है। इसे सतह से हवा में मार करने वाली दुनिया की सबसे सक्षम मिसाइल प्रणाली माना जाता है।यह मिसाइल प्रणाली रूस की अल्माज केंद्रीय डिजाइन ब्यूरो द्वारा 1990 के दशक में विकसित किया गया था। यह मिसाइल प्रणाली रूस में 2007 से ही सेवा में है। यह मिसाइल प्रणाली अमेरिका के सबसे उन्नत फाइटर जेट F-35 को भी गिराने की काबिलियत रखता है।

इस रक्षा प्रणाली से विमानों सहित क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों और जमीनी लक्ष्यों को भी निशाना बनाया जा सकता है। इस मिसाइल प्रणाली में एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं और इसके प्रत्येक चरण में 72 मिसाइलें शामिल हैं, जो 36 टारगेट पर सटीकता से निशाना लगाती है। 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है।