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गोड्डा थर्मल पावर प्लांट : अडानी को होगा 7410 करोड़ का फायदा, तो झारखंड को मिलेगा सिर्फ पॉल्यूशन

Ranchi : झारखंड के गोड्डा में बने थर्मल पावर प्लांट से अडानी को अगले 25 सालों में 7410 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचेगा. बिजली की आपूर्ति तो बांग्लादेश को होगी, लेकिन झारखंड की जनता को पॉल्यूशन झेलना पड़ेगा. यह कहना है, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल का. कांग्रेस प्रवक्ता शुक्रवार को रांची दौरे पर थे. पार्टी मुख्यालय में उन्होंने मीडिया को संबोधित कर अडानी मामले में पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा पर जमकर हमला बोला. कहा, यूपीए शासनकाल में वर्ष 2010 में एनटीपीसी द्वारा बांग्लादेश के बगेरहाट में 1,320 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए एक समझौता ज्ञापन हुआ था. प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी ने जून, 2015 को घोषणा की कि बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति करने के लिए झारखंड के गोड्डा में अडानी पावर एक थर्मल पावर प्लांट का निर्माण करेंगे. ऐसा अपने मित्र को पहुंचाने के लिए किया गया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी उपस्थित थे. राजेश ठाकुर ने कहा कि अडानी के कुकृत्य को किसी भी हाल में झारखंड में लागू नहीं होने देंगे.

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”हम अडानी के हैं कौन” स्लोगन से सच्चाई बता रही कांग्रेस

प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने कहा, देश में आज महंगाई, बेरोज़गारी और कुशासन की विफलता चरम पर है. दूसरी तरफ भाजपा अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने की लगातार कोशिश कर रही है. एक मजबूत विपक्ष होने के नाते कांग्रेस ”हम अडानी के हैं कौन” श्रृंखला के तहत देशभर में मीडिया के माध्यम से लोगों को सच्चाई बता रही हैं.

एक आरोपित कंपनी देश की संपत्तियों पर एकाधिकार कैसे स्थापित कर रहा

जब राहुल गांधी अडानी मामले में सरकार से जवाब मांगते हैं, तो प्रधानमंत्री इन सवालों का जवाब तक नहीं देते. आखिर देश जानना चाहता है कि कैसे एक संदिग्ध साख वाला समूह, जिस पर टैक्स हेवन देशों से संचालित विदेशी शेल कंपनियों से संबंधों का आरोप है, देश की संपत्तियों पर एकाधिपत्य स्थापित कर रहा है. कमेटी के प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने कहा, आखिर सच्चाई को जानकर भी क्यों मोदी सरकार इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति बनाने से पीछे हट रही है.

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स्विट्ज़रलैंड के केंद्रीय बैंक का डेटा मोदी सरकार की खोल रही पोल

कांग्रेसी नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के काला धन वापस लाने और हर नागरिक के बैंक खाते में 15-20 लाख रुपए डालने के वादे पर भी सवाल खड़ा किया. कहा कि स्विट्ज़रलैंड के केंद्रीय बैंक का पिछले वार्षिक डेटा मोदी सरकार के पोल खोलने को काफी है. कहा, रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में स्विस बैंकों में जमा भारतीय व्यक्तियों और कंपनियों का पैसा विगत 14 वर्षों में उच्चतम स्तर 3.83 बिलियन स्विस फ्रैक्स (30,500 करोड़ रु. से अधिक) पर पहुंच गया है.

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