मप्र में शराब दुकानों के विरोध और शराब के सेवन को हतोत्साहित करने के लिए सामाजिक जागरुकता अभियान के बीच शिवराज सरकार ने विधानसभा चुनाव से कुछ माह पूर्व यह महत्वपूर्ण फैसला करते हुए राज्य के शराब के अहातों को पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया है? सरकार के इस फैसले के बाद अब लोगों में इस बात को लेकर उत्सुकता है कि जब सरकार द्वारा शराब की दुकानों के बगल में अहातों में जाम छलकाने की अभी तक मंजूरी थी, अब उसे समाप्त करने के बाद क्या अब लोग सड़क पर खुलेआम छलाएंगे जाम…? सरकार की इस नीति से कानून व्यवस्था की वही स्थिति हो जाएगी जिससे रूबरू मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह राजधानी भोपाल के नगर निगम के चुनाव में भाजपा के तत्कालीन भाजपा महापौर प्रत्याशी आलोक शर्मा के चुनाव प्रचार के दौरान जब राजधानी की झुग्गियों में आलोक शर्मा के चुनाव प्रचार के लिये गये थे तो उस समय राजधानी की कई झुग्गियों की महिलाओं ने मुख्यमंत्री चौहान व साधना सिंह से यह शिकायत की थी कि अभी तक तो आपकी सरकार के द्वारा जल्दी बंद कर दी जाती थी, लेकिन अब जब देर रात तक शराब दुकानें खुलेंगी तो उनके पति अभी तक घर पर आकर मारपीट करते थे तो क्या अब इस नीति के लागू होने से रात भर हमें पिटना पड़ेगा? जाम छलकाने वाले लोगों को अब शराब के अहातों में शराब पीने के सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकेगी तो वह अब या तो सड़क पर ही जाम छलकायेंगे या फिर घरों में बैठकर अपने बीबी-बच्चों के सामने शराब के जाम छलाकाने की हिमाकत करेंगे? जिससे अब इस प्रदेश में परिवारों में आये दिन लड़ाई-झगड़े का माहौल और भी बढ़ेगा? इसके साथ ही उस राजधानी के साहूकार का क्या होगा जो एक शराब की दुकान पर सुबह शराब पीने वालों को उधार पैसे दिया करता था? साथ ही वह अपने उधार दिये हुए पैसे उन सुरा प्रेमियों से वापस लेता था? अभी तक जो मजदूर वर्ग के लोग अपनी मेहनत की अधिकांश कमाई का हिस्सा शराब दुकान पर लुटाकर घर पहुंचते थे अब वह अपनी इस कमाई से शराब की दुकान से लगे अहातों में नहीं तो क्या या तो वह सड़कों पर जाम छलायेंगे या घर जाकर अपने पत्नी व बच्चों के सामने जाम छलकायेंगे? इस तरह से क्या सामाजिक माहौल में बिगाड़ उत्पन्न नहीं होगा? इस पर भी सरकार को ध्यान देना होगा? इस व्यवस्था के खत्म होने के साथ ही पुलिस की जिम्मेदारी और सिरदर्द भी बढ़ जाएगा अभी तक तो वह शराब के अहातों से जाम छलकाकर निकलने वाले लोगों के द्वारा शराब पीकर गाडिय़ां चलाने पर चालानी कार्यवाही की जाती थी? अब पुलिस की जिम्मेदारी और बड़ जाएगी और अब उन्हें यह भी देखना होगा कि सड़कों पर कितने लोग जाम छलका रहे हैं? इस स्थिति से पूरे मध्यप्रदेश में हर जगह जाम छलकेंगे? हालांकि सरकार ने इस नीति के चलते स्कूलों, कॉलेजों व धार्मिक स्थलों से शराब के दुकानों की दूरी चुनाव आयोग की गाइडलाइन अनुसार १०० मीटर को तय करते हुए इस तरह की शराब की दुकानें खोलने पर पाबंदी लगा दी है? लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर १०० मीटर स्कूल की दूरी कितनी होती है यह सभी जानते हैं? जहां से अब अब स्कूलों व कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थी शराब खरीदकर अपने कॉलेज परिसर में जाम छलकाने की स्थिति में कुछ ज्यादा ही बढ़ोतरी होगी? अभी जब अहातों में जाम छलकाने की सुविधा है उस स्थिति में राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर आदि शहरों में कई स्थानों पर खुलेआम युवक-युवती जाम छलकाते देखे जाते हैं? जिसकी वजह से तमाम लड़ाई झगड़े भी होते हैं? अब एक अप्रेल के बाद क्या होगा यह स्थित पूरे प्रदेश में होगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा? फिलहाल यह जरूर है कि अहातों में शराब बंद होने से अब खुलेआम जाम छलकेंगे?
Nationalism Always Empower People
More Stories
जग्गा नगर निगम में मौत के बाद जग्गा नगर निगम ने कमिश्नर को नोटिस भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिए
धार भोजशाला सर्वेक्षण: मिल रहे धार्मिक प्रमाण, दक्षिण की ओर खंबे पर धनुर्धारी भगवान राम के दर्शन दे रहे
मेडिकल कॉलेज में शराब पार्टी: जूनियर छात्रों ने लगाया तीखा जाम, वीडियो वायरल