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वृद्धाश्रम से बुजुर्ग माता-पिता की घर वापसी

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 कोरोना संक्रमण में नौकरी छूटी तो अपने बुजुर्ग व बीमार माता-पिता को संभालना बेटे के लिए मुश्किल हो गया। फिर जब कहीं से मदद की उम्मीद नहीं दिखी तो वह उन्हें इंदौर के एक लॉज में छोड़कर चला गया। इस मामले की जानकारी एक भाजपा नेता को मिली तो उन्होंने दंपती को वृद्धाश्रम पहुंचाया था। इस बीच बेटा महाराष्ट्र में नौकरी तलाश रहा और जब मिली तो भी माता-पिता को लेने नहीं आया। डेढ़ साल बाद वृद्धाश्रम के संचालकों ने बेटे को फोन पर काउंसलिंग की और उसे माता-पिता को वापस ले जाने के लिए मनाया। मामला २०२१ का है। उस समय कोरोना संक्रमण चरम पर था। इस दौरान भाजपा नेता उमेश शर्मा (अब दिवंगत) असहाय लोगों को भेाजन व मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने में जुटे थे। तभी उन्हें उनके लॉज माकि दोस्त ने बताया कि महाराष्ट्र के बुजुर्ग दंपती (८६ वर्ष व ८४ वर्ष) कुछ दिनों से यहां पर हैं। उन्हें उनका बेटा लॉज में ठहरा कर चला गया है। जल्द ले जाने की बात कही थी लेकिन अब उसने आने को मना कर दिया है। बेटे ने बताया कि वह मुंबई में जॉब करता था लेकिन कोरोना में नौकरी छूट गई है और अब पैसे नहीं हैं इसलिए वह नहीं आ सकता। उसने यह भी कहा जब नौकरी लग जाएगी और आर्थिक स्थिति ठीक हो जाएगी तो वह लेने आ जाएगा। लेकिन अभी इलाज कराने व उन्हें साथ में रखने की गुंजाइश नहीं है। इस पर शर्मा ने निराश्रित सेवाश्रम (पितृ पर्वत के पास) के संचालक यश पाराशर व सहयोगी श्याम सोनगरा से संपर्क किया और सारा मामला बताया। इसके बाद दंपती को वृद्धाश्रम भेजा गया। वहां उन्होंने बतायाकि परिवार में एक बेटा तथा बेटी है। बेटी की शादी इंदौर में ही हुई है। जबकि बेटा मुंबई में एक इवेंट कंपनी में नौकरी करता था। कोरोना संक्रमण में उसकी नौकरी छूटी तो उसने पत्नी को उसके मायक छोड़ दिया और माता-पिता को इंदौर में बहन के पास ले गया। उधर, दंपती आए दिन अपने बेटे की याद में रोते रहे। पिछले दिनों वृद्धाश्रम संचालकों ने बेटे को कई बार फोन किए। उसे बताया कि माता-पिता यहां बहुत अच्छे हैं, लेकिन वे हर हाल में बेटे से मिलना चाहते थे। उनकी रुलाई देखी नहीं जाती। मामले में बेटे ने कुछ आर्थिक अड़चनें फिर दोराई तो उसे इंदौर आने को कहा। पिछले हफ्ते जब वह इंदौर आया तो संचालकों ने उसकी कई बार काउंसलिंग की तो वह उन्हें ले जाने के लिए राजी हुआ। फिर जैसे ही उसे माता-पिता से मिलवाया गया तो वो रो पड़े।