प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू होने के बाद भोपाल जिले में ६० अहाते बंद हो जाएंगे। वहीं, राजधानी की शराब की उन सात दुकानों पर बंद होने का संकट मंडरा रहा है, जिन्हें शिफ्ट करने के लिए नई जगह नहीं मिल रही। ये दुकानें शैक्षणिक और धार्मिक स्थलों से १०० मीटर के दायरे में हैं। इनसे विभाग को मौजूदा वित्तीय वर्ष में ५७ करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस मिली है। जिले में शराब की ९० दुकानें हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में इन दुकानों से आबकारी विभाग की ८८४ करोड़ की लाइसेंस फीस मिलती है। इनमें से ६० दुकानों में अहाते चल रहे हैं। हालांकि आबकारी नीति में शुरु से ही दुकानों के साथ अहाते खोलेे जाने का प्रावधान रहा है। वर्ष २०२३-२४ की आबकारी नीति में अहाते बंद करने के साथ ही शैक्षणिक और धार्मिक स्थलों से १०० मीटर दायरे में दुकान नहीं खोलने का नियम लागू किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, इन सात दुकानों को अन्य जगह शिफ्ट करने के लिए सर्वे यिका जा रहा है। एक अधिकारी बताते हैं कि पुरााने शहर में बहुत कम दूरी पर शराब दुकानें हैं। नई दुकानों के लिए जगह का चयन करने में परेशानी आ रही है। क्योंकि किसी भी शराब दुकान के चारों तरफ १०० मीटर दायरे में कोई शराब दुकान नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा नई जगह दुकान तलाशी भी जाती हैं, तो अन्य क्राइटेरिया को भी ध्यान में रखना होगा। राजधानी में सबसे महंगे ठेके पर जाने वाली शराब दुकान पर भी संकट है। इस दुकान से विभाग को इसस साल २० करोड़ की लाइसेंस फीस मिली है। यह दुकान करोंद समूह में शामिल है, जिसका ठेका करीब ४५ करोंड़ रुपए में गया था।
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