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आरोग्यम स्कैम : न एसडीओ ने तय किया किराया, न लगाई गई स्टांप ड्यूटी

पंचायती राज निदेशक को भेजी गई रिपोर्ट में कई तथ्यों की नहीं दी गई जानकारी

पूरी भी नहीं हुई भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया, तीन भवन कर दिए गए आरोग्यम अस्पताल को सुपुर्द

Ranchi : ‘आरोग्यम स्कैम’ की पड़ताल में नित नए कारनामे सामने आ रहे हैं. अब जो मामला सामने आया है, वह भी काफी चौंकानेवाला है. जिला परिषद हजारीबाग की ओर से एचबीजेड आरोग्यम सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को शहर के प्राइम लोकेशन डिस्ट्रिक्ट चौक के पास भवनों के सौंपे जाने के पहले न तो सदर एसडीओ ने किराया तय किया यानी रेट फिक्सेशन किया और न ही स्टांप ड्यूटी लगाई गई. इधर डीसी की ओर से पंचायती राज निदेशक बी. राजेश्वरी को भेजी गई रिपोर्ट में इन पूरे तथ्यों की जानकारी भी नहीं दी गई. बताया जाता है कि अभी तो भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है और उससे पहले ही आरोग्यम को तीन-तीन भवन सौंप दिए गए. जानकारों की राय में भले ही यह दो विभागों का मामला हो, लेकिन प्रक्रिया तो अपनाई ही जानी चाहिए थी. इसमें बैंक गारंटी देने की प्रक्रिया पूरी की गई अथवा नहीं, यह भी मामला सवालों के घेर में है. भले ही आपात स्थिति कोरोना काल में कुछ वक्त के लिए भवन दिए गए, लेकिन उसके बाद भी भवन हस्तांतरण के मामले में प्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया.

‘सरकारी संपत्ति हस्तांतरित करने में बैंक गांरटी अनिवार्य” 

कानून के एक विशेषज्ञ ने बताया कि किसी भी सरकारी संपत्ति को हस्तांतरित करने में उसके एवज में बैंक गारंटी अनिवार्य है. साथ ही स्टांप ड्यूटी चुकाना भी जरूरी है. आरोग्यम कोई चैरिटिबल ट्रस्ट से संचालित नहीं है. भले ही कोरोना पीरियड में भवन दिए गए हों, तो वह भी कुछ अवधि के लिए ही दिए गए होंगे. यह भवन प्राइम लोकेशन पर है, तो इसमें बैंक गारंटी और स्टांप ड्यूटी दोनों अनिवार्य है.

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कुछ चीजों में गड़बड़ियां हुई है : डीसी
डीसी नैंसी सहाय

जिला परिषद से आरोग्यम को तीन भवन दिए जाने के मामले में डीसी नैंसी सहाय ने कहा कि कुछ चीजों में गड़बड़ियां हुई है. वह अपने स्तर से मामले को देख रही हैं. इस मामले में जांच भी कराई जाएगी. खासकर भवनों के रेट फिक्सेशन मामले में वह पड़ताल करा रही हैं.

‘शुभम संदेश’ इंपैक्ट : जिला परिषद के पुराने भवन में नए निर्माण पर रोक
जिला परिषद अध्यक्ष उमेश मेहता

‘शुभम संदेश’ में छपी खबर का ही यह असर है कि जिला परिषद ने अंतिम बार आरोग्यम को जो पुराने जिला परिषद कार्यालय सुपुर्द किया था, उसमें नए निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. यह जानकारी देते हुए जिला परिषद अध्यक्ष उमेश मेहता ने ‘शुभम संदेश’ से बातचीत में कहा कि जिला परिषद के पुराने भवन को किसी कीमत पर आरोग्यम को नहीं सौंपने देंगे. इसके लिए उन्हें कोर्ट भी जाना पड़ेगा, तो पीछे नहीं हटेंगे. पूरे मामले पर वह सूक्ष्मता से नजर रखे हुए हैं. कहां, कब और कितनी अनियमितताएं हुई है, उससे संबंधित फाइलें भी उन्होंने मंगवाई है. पूरे प्रकरण पर जिला परिषद बोर्ड की बैठक में भी बहस का मुद्दा बनाएंगे और भवन को वापस कराने के लिए सदस्यों के साथ सहमति बनाकर निर्णय भी लेंगे. वहीं पूरे मामले की जांच भी कराएंगे.

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