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इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया पहुंचा ऋचा सिंह के निष्कासन का मामला

सपा नेत्री और इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह का पार्टी से निलंबन का मामला अब इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया तक पहुंच गया है। ऋचा सिंह ने ईसीआई में अपने निलंबन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।उन्होंने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया में आज हमारी तरफ से एक शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी ने अपनी कार्य शैली में चुनाव आयोग के मानकों, लोकतांत्रिक मूल्यों का मखौल उड़ाते हुए, संविधान की अवमानना की है। यह देश के जनतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन और उनका मजाक उड़ाना है।उन्होंने लिखा है कि समाजवादी पार्टी के अपने संविधान की धारा 30 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रावधान वर्णित हैं। जिसमें कार्रवाई करने के पूर्व चेतावनी, कारण बताओ नोटिस, पक्ष रखने का मौका और स्पष्ट आधार सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई शामिल हैं।उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने आज तक पार्टी के लेटर हेड पर जि़म्मेदार पदाधिकारी के हस्ताक्षर से कोई पत्र नहीं दिया मुझे। केवल दो लाइन की ट्वीट से द्वारा ट्विटर निष्कासन किया गया जो कि पूरी की पूरी प्रक्रिया अलोकतांत्रिक है, दुर्भावना से प्रेरित है और दलीय राजनीति की मर्यादाओं का हनन भी करती है। उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय और चुनाव आयोग बार-बार इस बात पर बल दिया है कि किसी भी राजनीतिक दल को अपने पार्टी के संविधान के अनुसार ही कार्य करना चाहिए और कोई भी कार्यवाही उसे संविधान की धाराओं और मंशा के अनुरूप ही होनी चाहिए। पर समाजवादी पार्टी लोकतांत्रिक दल की तरह व्यवहार नहीं कर रही है बल्कि यह एक सक्रिय गैंग की तरह कार्य कर रही है।जिसमें राष्ट्रीय की कार्यपद्धति न सिर्फ पार्टी के संविधान साथ ही देश के संविधान में वर्णित “नेचुरल जस्टिस के सिद्धांत की भी अवहेलना है।यह कोई इसको कहने में कोई गुरेज नहीं कि उनकी वर्किंग स्टाइल गैंग संचालक की तरह है। क्योंकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्राइवेट कंपनी भी निष्कासन बिना कारण बताए नहीं कर सकती।उन्होंने बताया कि इस बारे में मैंने चुनाव आयोग को आज पत्र लिखा है और उचित कार्यवाही की मांग की है इसकी एक प्रतिलिपि राज्य चुनाव आयोग और एक प्रति समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दी गयी है।