मिजोरम में बुधवार को सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर लगातार चार दिन में चौथी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र चंफाई शहर से 31 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था। इससे पहले मंगलवार को आईजोल में 3.7 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसका केंद्र सेरछिप जिले से 39 किलोमीटर दूर था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी।
सोमवार को भी मिजोरम में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। सड़कों पर दरारें आ गईं। लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। हालांकि, किसी को नुकसान नहीं हुआ था। इससे पहले राज्य में रविवार को भी शाम 4.16 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 5.1 थी।
पीएम मोदी, गृह मंत्री ने मदद का आश्वासन दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को मिजोरम के सीएम जोरमाथंगा से हालात जाने और मदद का वादा किया था। मिजोरम में राजधानी समेत राज्य के कई हिस्सों में झटके महसूस किए गए थे। कई घर और बिल्डिंग, जोखव्थर के चर्च में नुकसान पहुंचा है। इसके साथ हाईवे और सड़कों पर कई जगहों पर दरारें पड़ गई थीं।
6 या इससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिक प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। डॉ. अरुण ने बताया कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
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