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विसंगतियां लाने वाली बीमारियों का उपचार आवश्यक

महामारी ने इंसानों के हृदय पर न केवल गहरा प्रभाव डाला है, बल्कि उसकी स्थिति को बहुत हद तक बदल दिया है। वैज्ञानिक लगातार पड़ताल में जुटे हैं कि हृदय में हुआ परिवर्तन किस स्तर का है और इस बढ़ते जोखिम से कैसे निपटा जाए। कोरोना महामारी का सीधा जुड़ाव श्वसन प्रणाली और फेफड़ों से रहा है, पर हृदय भी इसकी मार से अछूता नहीं है। जो लोग कोविड के दौरान मारे गए थे, उनके हृदय पर निरंतर अध्ययन जारी है और शुरुआती नतीजे इशारा करते हैं कि महामारी की वजह से हृदय में अनेक विसंगतियां पैदा हो गई थीं। विशेष रूप से हृदय की उन कोशिकाओं पर असर पड़ा, जो कैल्शियम को नियंत्रित करती हैं। कोलंबिया विश्वविद्यालय में शरीर विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर एंड्रयू माक्र्स बताते हैं कि प्रभावित लोगों के हृदय में बहुत असामान्यताएं थीं। पीडि़तों के हृदय कैल्शियम को संभालने में एक तरह से अक्षम हो रहे थे। डॉक्टर माक्र्स का कहना है, शोध में जो आंकड़े सामने आए हैं, उनसे साफ पता चलता है कि दिल की स्थिति में नाटकीय बदलाव हुए हैं। गौर करने की बात है कि हृदय सहित सभी मांसपेशियों के संकुचन के लिए कैल्शियम आवश्यक है। कैल्शियम मांसपेशियों की कोशिकाओं के अंदर जमा होता है, जो आवश्यकतानुसार, उत्सर्जित या रिलीज होता रहता है। जिस रास्ते या चैनल से कैल्शियम रिलीज होता है, वह कुछ परिस्थितियों में खुला भी रह सकता है, जो हृदय की विफलता की वजह बन जाता है। कैल्शियम का रिसाव अंतत: उसके भंडार को समाप्त कर देता है, जिससे हृदय की मांसपेशियां अत्यधिक जोर लगाने की वजह से कमजोर पड़ जाती हैं। अब इस आधार या खोज पर चूहों पर अध्ययन जारी है, ताकि हृदय में जिन परिवर्तनों की आशंका है, उन्हें समझकर सही उपचार खोजा जा सके। हृदय की प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए यह वैज्ञानिक अध्ययन जरूरी है। इसमें कोई दोराय नहीं कि महामारी ने अलग-अलग लोगों में अलग-अलग दुष्प्रभाव पैदा किए हैं। महामारी का दुष्प्रभाव अनेक अंगों पर हुआ है। तमाम दुष्प्रभावों पर अध्ययन जारी है और आने वाले वर्षों में नतीजे भी साफ तौर पर सामने आएंगे, जिससे चिकित्सकीय ज्ञान समृद्ध होगा। वैज्ञानिक आश्वस्त हैं कि कोरोना के बाद हृदय के प्रति ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। हृदय का बेहतर स्वास्थ्य जीवन के हर चरण में महत्वपूर्ण है। बेहतर हृदय, स्ट्रोक, कैंसर, मनोभ्रंश और अन्य प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति सावधान रहने का समय है।