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आरोग्यम स्कैम : किडनी का ऑपरेशन किया, स्टंट पेट मे

 सिविल सर्जन ने गठित की तीन सदस्यीय जांच कमेटी

आईएमए और स्वास्थ्य सचिव से की गई शिकायत

Ranchi : हजारीबाग के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एचबीजेड आरोग्यम का एक और कारनामा सामने आया है. इस बार मामला इलाज में लापरवाही का है. यह लापरवाही किडनी के ऑपरेशन के दौरान की गई. डॉक्टर ने ऑपरेशन तो कर दिया मगर मरीज के पेट में स्टंट छोड़ दिया. मरीज की जान पर बन आई थी. पीड़ित के पुत्र टीपू सुल्तान ने मामले की शिकायत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और स्वास्थ्य सचिव को पत्र के माध्यम से की. स्वास्थ्य सचिव के आदेश के बाद हजारीबाग के सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी. कमेटी में सदर अस्पताल के डॉ. एके सिंह, डॉ. सुभाष और डॉ. सीबी प्रतापन (डिस्ट्रिक्ट वीवीडी अफसर) को शामिल किया गया है. सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह ने कहा है कि जल्द ही मामले की जांच की जाएगी.

नहीं मिली ऑपरेशन पोस्ट केयर

30 जुलाई 2022 को आरोग्यम अस्पताल में समाहरणालय स्थित नजारत के एक कर्मी को भर्ती किया गया. डॉक्टरों ने उनकी किडनी में स्टोन होने की बात कही और ऑपरेशन की सलाह दी. आईएमए और स्वास्थ्य सचिव को लिखे शिकायत पत्र में मरीज के पुत्र टीपू सुल्तान ने इन बातों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पिता की उम्र 59 वर्ष है. आरोग्यम अस्पताल में डॉ. प्रदीप कुमार सिन्हा ने ऑपरेशन के बाद उनके पिता को पेनकिलर और एंटीबायोटिक दवाएं लिखीं, जो किडनी डैमेज करने की श्रेणी में आती हैं. अस्पताल प्रबंधक की ओर से पोस्ट ऑपरेशन केयर भी सही ढंग से नहीं की गई. कारण बताया गया कि अस्पताल में डॉक्टर कॉन्टेक्ट पर आते हैं. फिर मरीज का ऑपरेशन करने के बाद उसी हाल में छोड़कर चले जाते हैं.

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80% खराब हो चुकी है मरीज की किडनी

टीपू सुल्तान ने बताया कि बेहतर देखभाल के अभाव में उनके पिता को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो गया. डॉ. प्रदीप कुमार सिन्हा की अनुपस्थिति में डॉ. बैद्यनाथ प्रसाद ने उनके पिता का इलाज किया. उन्होंने भी एंटीबायोटिक ही दी. इलाज में लापरवाही की वजह से उनके पिता की किडनी 80% खराब हो गई. क्रॉनिक किडनी डिजीज स्टेज-4 में पहुंच गई. टीपू सुल्तान ने स्वास्थ्य सचिव और आईएमए को लिखा कि उनके पिता की तबीयत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. ऐसे डॉक्टरों और आरोग्यम अस्पताल के प्रबंधक पर कड़ी कार्रवाई करें.

वेल्लोर में ऑपरेशन कराया तो सच सामने आया

टीपू सुल्तान ने बताया कि किडनी से स्टोन निकालने के दौरान पेट में ही स्टंट छोड़ दिया गया था. स्थिति बिगड़ने पर वह अपने पिता को वेल्लोर ले गए. वहीं, खुलासा हुआ कि पेट में ही स्टंट छूट गया था. वहां उसे निकाला गया, तो मरीज की स्थिति में सुधार हुआ.

उधर, समाजसेवी ने बापू की प्रतिमा के समक्ष दिया धरना
समाजसेवी ने बापू की प्रतिमा के समक्ष दिया धरना

आरोग्यम अस्पताल के काले कारनामों के खिलाफ अब शहरवासियों ने भी विरोध के सुर बुलंद करने शुरू कर दिए हैं. समाजसेवी अभिषेक ने झील परिसर स्थित बापू की आदमकद प्रतिमा के समक्ष गुरुवार को मौन धरना दिया. उन्होंने आरोग्यम के कारनामों के बारे में दैनिक शुभम संदेश में अब तक प्रकाशित समाचारों की सभी कतरन लगे बैनर तले धरना दिया. शहरवासियों के लिए बैनर में एक संदेश भी लिखा था. बैनर में लिखा था कि पब्लिक की प्रॉपर्टी एक आदमी को क्यों, इतने खुलासे पर हर कोई चुप क्यों? समाजसेवी अभिषेक का एक दिवसीय मौन अनशन. वह भूखे-प्यासे दिनभर धरने पर बैठे रहे. साथ में शुभम संदेश की प्रति को लहराते रहे.

गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच हो : मनोज गुप्ता
समाजसेवी मनोज गुप्ता

समाजसेवी मनोज गुप्ता ने डीसी से तीन बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच की मांग की है. इनमें कोविड मरीजों के लिए जीवनरक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी, जिला परिषद की ओर से डिस्ट्रिक्ट चौक स्थित तीन-तीन भवन आरोग्यम अस्पताल को सौंपने और अस्पताल में आयुष्मान योजना से संबंधित गड़बड़ियों की शिकायत शामिल हैं.

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