Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Hamirpur News: हमीरपुर में सनसनीखेज घटना ने बदली गांव की होली, जाने हैरान करने वाली पूरी कहानी

Default Featured Image

पंकज मिश्रा, हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में 53 साल पहले रामजानकी मंदिर में फाग कार्यक्रम के दौरान डकैतों की फायरिंग से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके बाद यहां होली मनाने की तरीका ही बदल गया। तब से गांव में पुरुषों के बजाय होली में फाग निकालने की कमान गांव की महिलाओं के हाथ में है। इस बार भी गांव में फाग निकालने की तैयारी शुरू हो गई है।

हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के कुंडौरा गांव का मेंबर सिंह 1970 के दशक में नामीगिरामी डाकू था। शासन और प्रशासन ने इस डाकू को जिन्दा या मुर्दा पकड़ने के लिए इनाम भी रखा था। बताते हैं कि पुलिस ने इसे पकड़ने के लिए गांव में मुखबिरों का जाल फैलाया था। जैसे ही वह गांव की दहलीज पर कदम रखता, उसके कुछ देर बाद ही पुलिस बल पहुंच जाती थी। दुर्दांत मेंबर सिंह को आशंका रहती थी कि उसके गांव आने की मुखबिरी गांव की रसपाल करता है। इस पर उसने बगैर सोचे समझे रसपाल को मौत की नींद सुलाने का प्लान बनाया था। मुखबिर के पीछे उसने अपने खास लोगों को लगाए और पल-पल की खबर रखने लगा।

रामजानकी मंदिर में फाग कार्यक्रम में डाकू ने की थी फायरिंगगांव के बुजुर्ग बताते हैं कि वर्ष 1970 में होली त्योहार के दिन रामजानकी मंदिर में फाग गायकों की महफिल सजी थी। गायक फाग गा रहे थे, तभी डाकू अपने साथियों के साथ गांव आ धमका और रसपाल को ठिकाने लगाने के लिए वह फाग कार्यक्रम में पहुंच गया। फाग गायकों के पास मौजूद रसपाल को देख डकैतों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई थी। इस घटना से मंदिर में भगदड़ मच गई थी। पूरे गांव में होली का त्योहार मातम में बदल गया था।गोलीबारी के बाद अब महिलाएं होली की निकालती हैं फागहोली पर्व के दिन रामजानकी मंदिर में फागों की धूम के बीच डकैतों की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत के बाद कुंडौरा गांव में अब पुरुष फाग कार्यक्रम नहीं करते हैं। दुस्साहसिक घटना के बाद गांव में लोगों ने सामूहिक फैसला लिया कि पुरुषों के बजाय महिलाएं होली पर्व पर फाग निकालें। 1971 से इस गांव में महिलाओं की फाग की धूम मच रही है। गांव के सरपंच अरविन्द प्रताप सिंह ने बताया कि अब हर साल होली की दूज के दिन महिलाएं फाग निकालती है।सिर्फ एक ही दिन गांव में महिलाएं निकालती हैं फागगांव के सरपंच ने बताया कि 1970 में होली के दिन दुस्साहसिक घटना के बाद गांव की महिलाओं ने पंचायत कर फाग निकालने की कमान खुद हाथों में ली थी, तभी से यहां फाग कार्यक्रम चल रहा है। बताया कि गांव के रामजानकी मंदिर से महिलाएं फाग का आगाज करती है और गांव के गली कूचों में घूमकर महिलाएं बड़े ही उत्साह से फाग गाती है। महिलाओं की अनोखी फाग कार्यक्रम का समापन भी गांव में खेरापति आश्रम में होता है। फाग कार्यक्रम भी पूरे दिन चलता है।