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UP Weather News: नोएडा से लेकर कानपुर तक, असामान्य गर्मी से तप रही फरवरी… जानें यूपी में मौसम का हाल

लखनऊः उत्तर प्रदेश में फरवरी में ही अच्छी-खासी गर्मी पड़ने लगी है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार मार्च में रेकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ेगी। वहीं, मार्च के पहले हफ्ते में प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश की संभावना भी जताई जा रही है, जिससे गर्मी से थोड़ी राहत मिलने की बात कही जा रही है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं, दिन में अधिकतम तापमान के 31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं।

सिर्फ लखनऊ ही नहीं, प्रयागराज, कानपुर, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी और आगरा समेत प्रदेश के कई जिलों में गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। दिल्ली-एनसीआर के इलाके में आने वाले नोएडा और गाजियाबाद में भी अधिकतम तापमान के 30 डिग्री सेल्सियस होने का अनुमान लगाया जा रहा है। आगरा में न्यूनतम 17 डिग्री, अधिकतम 33 डिग्री, कानपुर में न्यूनतम तापमान 15, अधिकतम 32, प्रयागराज में न्यूनतम 15 और अधिकतम 33, वाराणसी में न्यूनतम 15, अधिकतम 32, नोएडा में न्यूनतम 18 और अधिकतम 33 डिग्री सेल्सियस तापमान रहने की संभावना जताई जा रही है।

बताया जा रहा है कि 28 फरवरी के बाद नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण मौसम में फिर बदलाव देखने को मिल सकता है। इस वजह से 28 फरवरी से 2 मार्च के बीच में उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश होने की भी संभावना है। मौसम में हो रहे इस बदलाव से किसान भी चिंतित हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि मार्च महीने में ही 40 डिग्री तक पहुंच गए तापमान फसलों को भी नुकसान पहुंचाएंगे। ज्यादा ताप की वजह से फसलें जल्दी पक सकती हैं। इससे गेहूं की फसल के उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा।

हमीरपुर समेत समूचे बुन्देलखंड क्षेत्र में तेज धूप से बढ़ते तापमान ने अब फसलों के लिए खतरे की घंटी दे दी है। लगातार तेज गर्मी पडऩे के कारण समय से पहले ही मटर की फसल की कटाई के लिए किसानों ने खेतों में डेरा डाल दिया है। मटर की पैदावार पर भी बड़ा असर पडऩे से किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर गया है। बुन्देलखंड क्षेत्र के हमीरपुर, महोबा, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट, झांसी और जालौन में इस महीने के पहले हफ्ते में ही चटक धूप खिलने लगी।

हालत यह है कि पिछले कई दिनों से लगातार तापमान बढऩे से समय से पहले ही मटर और मसूर की फसलों को काटने की मजबूरी किसानों के सामने आ गई है। तेज धूप के कारण मटर की फलियां छोटी होने से इसमें दानों की संख्या भी कम हो गई है। वहीं तेज धूप के कारण कई गांवों में मटर, चना और मसूर की फसलों के फूल ही गायब होने लगे है। इसे देख क्षेत्र के किसानों में चिंता की लकीरें खिंच गई है।