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सहायक शिक्षकों संघ ने मनाया स्थापना दिवसः विधानसभा अध्यक्ष को बतायी समस्याएं, देखें वीडियो

Ranchi: झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ के द्वितीय स्थापना दिवस पर “प्राथमिक शिक्षा के उन्नयन में सहायक अध्यापकों की भूमिका एवं समस्या” पर सेमिनार कार्यक्रम का आयोजन रांची के पुराना विधानसभा स्थित (शहीद मैदान) में किया गया. इस कार्यक्रम में विधानसभा के अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो भी पहुंचे. उन्होंने मंच से सभी सहायक अध्यापकों को उनकी मांगों पर जल्द सरकार द्वारा निर्णय लेने का भरोसा दिलाया है.

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संघ के  द्वितीय स्थापना दिवस पर विभिन्न जिला से आए सहायक अध्यापकों/ अन्य वक्ताओं के द्वारा प्राथमिक शिक्षा के उन्नयन में सहायक अध्यापकों की भूमिका एवं समस्या पर अपने विचार प्रस्तुत किए.

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समझौते के अनुरूप मांगे पूरी नहीं की गई

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता,  गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू विभागीय सचिव, परियोजना निदेशक एवं झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ के राज्य प्रतिनिधि के बीच हुए समझौते के अनुरूप- (1) वेतनमान के समतुल्य दिया जाए (2) मुख्यमंत्री से विमर्श के उपरांत सामान्य भविष्य निधि का लाभ देने पर सहमति बनी थी. किंतु 2 वर्ष बाद भी सामान्य भविष्य निधि का लाभ नहीं दिया गया है, जो समझौता का उल्लंघन है.

(3)-22 फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कल्याण कोष गठन को लेकर सहमति एवं निर्णय हुई थी. परंतु 2 वर्षों के बाद भी कल्याण कोष का गठन नहीं किया गया है. सहायक अध्यापकों की मृत्यु के बाद परिवार को फूटी कौड़ी (कफन का पैसा) भी नहीं मिलता है, जो सरकार एवं अधिकारियों की संवेदनहीनता को दर्शाता है.

(4) अनुकंपा का लाभ- सरकार के साथ हुए समझौते एवं झारखंड कैबिनेट से पारित अधिसूचना के बाद भी सहायक अध्यापकों को अनुकंपा का लाभ से अब तक वंचित रखा गया है, नियमावली पारित होने के बाद तकरीबन 70 सहायक अध्यापकों की मृत्यु हो चुकी है. किंतु एक भी आश्रित परिवार को अनुकंपा का लाभ नहीं दिया गया है.

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अन्य प्रमुख मांगें

(1) सहायक अध्यापकों की सेवा 65 वर्ष निर्धारित किया जाए,  आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाकर 62 वर्ष की गई है. संकल्प संख्या 2238 ,2239 दिनांक 30 /09/ 2022 महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग झारखंड सरकार (सलंग्न)

(2)  वित्त विभाग रांची के परिपत्र संख्या 4569 दिनांक 5 जुलाई 2002 के संकल्प के आधार पर संविदा कर्मियों की तर्ज पर सहायक अध्यापकों का न्यूनतम मानदेय जो झारखंड कैबिनेट से पारित है, 26300 भुगतान किया जाए. राज्य सरकार में संविदा पर कार्यरत कर्मियों को महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता,परिवहन भत्ता मासिक परिलब्धि निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है. वर्तमान में संविदा कर्मियों को 203% महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया गया है (संलग्न झारखंड सरकार, वित्त विभाग का संकल्प संख्या 1090 दिनांक 22/04/ 2022) झारखंड के सहायक अध्यापक जो संविदा पर कार्यरत हैं, को भी इसका लाभ दिया जाना चाहिए.

(3) बिहार नियमावली की संकल्प संख्या 1530 दिनांक 11 /08/2015 के आधार पर सभी सहायक अध्यापकों (प्रशिक्षित/ अप्रशिक्षित/आकलन अनुत्तीर्ण/ टेट उत्तीर्ण को 5200 –20,200 वेतनमान दिया जाए. आकलन परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद बिहार में ग्रेड पे दिया गया है. बिहार राज्य की तर्ज पर सहायक अध्यापकों को राज्य कर्मियों के अनुरूप महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता मकान भत्ता का लाभ दिया जाए.

(4) सभी सहायक अध्यापकों का सेवा पुस्तिका का संधारण किया जाए.

(5) समझौता के अनुरूप सीटेट को- झारखंड टेट के समान मान्यता दिया जाए, बिहार में सीटेट को नियमावली में मान्यता दी गई है.

(6) लगभग 3000 अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को (DPE  में नामांकित) प्रशिक्षण प्राप्त करने का एक मौका दिया जाना चाहिए, ऐसे सहायक अध्यापकों का कोर्स कंप्लीट होने के बाद भी तकनीकी कारणों से रिजल्ट पेंडिंग कर दिया गया है. (प्राथमिक शिक्षा निदेशालय स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग झारखंड सरकार के पत्रांक 2377 दिनांक 18/10/2022 के आदेशानुसार, अप्रशिक्षित शिक्षकों को उच्च न्यायालय झारखंड में दायर डब्ल्यू पी एस संख्या 881/ 2022 महेंद्र प्रसाद बनाम राज्य सरकार) प्रशिक्षण करवाने का न्यायादेश दिया गया है.

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(7) प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के 60000 पदों के सृजन प्रस्ताव पर पदवर्ग समिति ने पूर्व में असहमति दर्ज कराई थी. (संलग्न) वर्तमान में उच्च न्यायालय रांची के द्वारा भी सरकार के नियोजन नीति को खारिज किया गया है, अतः झारखंड के सहायक अध्यापकों को उनके पदों पर समायोजित किया जाए.

प्रदेश अध्यक्ष सिद्दीकी शेख ने कहा झारखंड के मूलवासी आदिवासी सहायक अध्यापकों की भावना का ख्याल रखते हुए विभिन्न मांगों एवं समस्याओं पर शांतिपूर्वक विचार करते हुए समाधान किया जाए. समाधान नहीं होने से सरकार के विरुद्ध असंतोष की भावना पनप रही है, जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है.

कार्यक्रम का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष सिद्दीकी शेख प्रदेश अध्यक्ष नीली लुकस महिला मोर्चा राज्य के प्रधान सचिव सुमन कुमार विकास कुमार चौधरी प्रधान सचिव झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ के नेतृत्व में की गई.