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Gorakhpur News: कूड़े से तैयार होगा आपके सपनों का महल, बनेगी सीमेंट, जानिए कैसे

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गोरखपुर नगर निगम कूड़ा निस्तारण के लिए सख्त हो गई है। इसको लेकर जल्द ही कूड़ा निस्तारण के साथ इससे सीमेंट बनाई जाएगी।

 

प्रमोद पाल, गोरखपुर: आपके घर का कूड़ा अब आपके सपनों का महल बनाने के काम आएगा। जी हां, चौंकिए मत यह कूड़ा अब भवन बनाने के लिए यूज होने वाले सीमेंट को बनाने के काम में लाया जाएगा। गोरखपुर नगर निगम ने अब कूड़े के निस्तारण की एक नई व्यवस्था पर अमल करना शुरू कर दिया है। नगर निगम अब शहर के कूड़े के निस्तारण की नई योजना के तहत इससे आरडीएफ अलग करके उन्हें सीमेंट बनाने के काम में लाने की तैयारी में है। इसके लिए दिल्ली की दो फर्मों से बातचीत भी चल रही है।नगर निगम नागरिकों को देगा राहत शहर का कूड़ा निस्तारण गोरखपुर नगर निगम के लिए हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। कूड़े के निस्तारण की समुचित व्यवस्था न हो पाने की वजह से नगर निगम इस कूड़े को शहर के कई जगहों पर डंप करता है। जहां उन्हें स्थानीय नागरिकों के विरोध का भी सामना करना पड़ता रहा है। हालांकि, सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा समय-समय पर वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कूड़े के निस्तारण की बात कही जाती रही है, लेकिन अभी तक यह प्लांट शुरू नहीं हो पाया है। इसी बीच कूड़े के निस्तारण को लेकर नगर निगम ने एक नई योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है। जिसके तहत अब इस कूडे से सीमेंट बनाने की तैयारी है।

महानगर से रोजाना करीब 350 टन कूड़ा निकलता है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट न होने के कारण यह कूड़ा राप्ती नदी तट पर बने एकला बंद पर गिराया जाता है। इसका नागरिकों द्वारा खूब जमकर विरोध भी होता रहा है, लेकिन अब नगर निगम के अपने प्रयासों की वजह से नागरिकों को इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।नई व्यवस्था के तहत इस प्रकार किया जाएगा कूड़ा निस्तारणइसके लिए नगर निगम दिल्ली के दो फर्मों से बातचीत भी कर रहा है, दोनों फर्म नगर निगम के अफसरों से लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने एकला बंधे का निरीक्षण भी किया है। यह फर्म एकला बंधे पर ही रिफ्यूज़्ड डेराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) बनाने के लिए कूड़ा अलग करने का काम करेंगी। इसके तहत पॉलिथीन, कपड़ा, लकड़ी आदि वस्तुओं को सीमेंट फैक्ट्रियों में भेजा जाएगा। ईंट, गिट्टी, लोहा, शीशा को अलग कर इसका इस्तेमाल इसकी जरूरत के हिसाब से किया जाएगा। इसके अलावा बची मिट्टी को जरूरत के अनुसार नगर निगम की जमीन पर भराव के काम में भी लिया जाएगा। यानी नगर निगम अब आम के आम और गुठलियों के दाम की तर्ज पर कूड़ा निस्तारण की तैयारी में है।एनजीटी नगर निगम पर लगा चुका है जुर्मानामहानगर से रोजाना करीब 350 टन कूड़ा निकलता है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की समुचित व्यवस्था न होने के कारण यह कूड़ा राप्ती नदी तट पर गिराया जाता है। स्थानीय नागरिक लगातार इसका विरोध करते रहे हैं। मामला धीरे-धीरे एनजीटी तक पहुंचा। एनजीटी की पहल पर कूड़ा निस्तारण करने वाले नगर निगम पर 10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया जा चुका है, लेकिन नगर निगम ने अब कमर कस ली है। नए नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल इसको लेकर पूरी तरह से संजीदा नजर आ रहे हैं। लगता है कि शहर के नागरिकों को अब इस बड़ी समस्या से निजात मिल जाएगी।क्या कहते हैं नगर आयुक्तनवागत नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि एकला बांध पर कूड़ा का निस्तारण हमारी प्राथमिकता है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद 3 से 4 महीने में कूड़ा का निस्तारण कराने की तैयारी है। वहीं, सुथनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट पर भी काम तेजी से पूरा कराया जा रहा है। अगले तीन-चार महीनों में इसे भी पूरा कर लिया जाएगा। कूड़ा निस्तारण के लिए जो फर्में काम करेंगी। इसके लिए नगर निगम को अनुमानित 8 से 10 करोड़ खर्च करने होंगे।
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