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विपक्ष की आपस में जोर आजमाइश

    26-Feb-2023

कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों को भाजपा से लडऩा है लेकिन उससे पहले सारी विपक्षी पार्टियां आपस में लड़ कर स्कोर सेटल करने में लगी हैं। इसलिए भाजपा से लडऩे से पहले आपसी जोर आजमाइश हो रही है। अगले दो महीने में दो ऐसे बड़े कार्यक्रम होने वाले हैं, जिसमें कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति के नेता के चंद्रशेखर राव और कांग्रेस एक- एक शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं और सबने देखा कि केसीआर ने कांग्रेस को मात दी थी। अब दोनों के बीच दूसरा शक्ति प्रदर्शन होने वाला है। पहले केसीआर ने खम्मम में विपक्ष की रैली की थी, जिसमें विपक्षी नेताओं के साथ साथ चार मुख्यमंत्री शामिल हुए थे पर कांग्रेस की कश्मीर रैली में कोई विपक्षी मुख्यमंत्री या नेता शामिल नहीं हुआ।अब कांग्रेस अपनी सहयोगी डीएमके के कंधे पर बंदूक रख कर चलाने जा रही है तो दूसरी ओर केसीआर एक बार फिर अपनी ताकत का प्रदर्शन करने जा रहे हैं। पहले कांग्रेस और डीएमके का प्रदर्शन होगा। एक मार्च को डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का जन्मदिन है। वे 70 साल के हो रहे हैं और इस मौके पर उन्होंने सभी विपक्षी पार्टियों को आमंत्रित किया है। चेन्नई में होने वाले जन्मदिन समारोह में कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े शामिल होंगे।सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसमें भारत राष्ट्र समिति के नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नहीं बुलाया गया है। कहा जा रहा है कि स्टालिन कांग्रेस को ध्यान में रख कर इन नेताओं से सहमति बनाते हुए इनको नहीं बुलाया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नहीं बुलाया गया है। वह भी आपसी सहमति से हुआ पर दलील यह दी गई है कि उनका भी जन्मदिन एक मार्च को ही है। वे स्टालिन से दो साल बड़े हैं। सो, बीआरएस, तृणमूल कांग्रेस और जदयू के अलावा बाकी सारी विपक्षी पार्टियां आमंत्रित हैं और जुटेंगी भी। वह एक तरह से कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन है।इसके जवाब में के चंद्रशेखर राव 14 अप्रैल को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर अपने राज्य में एक बड़ा जलसा करने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें वे कांग्रेस को छोड़ कर बाकी सभी पार्टियों के नेताओं को बुला रहे हैं। कहा जा रहा है कि विपक्षी एकता बनाने के लिए वे विपक्ष की तमाम पार्टियों के साथ बैठक करेंगे और उसके बाद एक रैली भी होगी। इसमें डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, जेएमएम, सपा, जेडीएस, आम आदमी पार्टी और सीपीएम, सीपीआई सहित लगभग सभी विपक्षी पार्टियों को बुलाया गया है। कहा जा रहा है कि इसमें आधा दर्जन मुख्यमंत्री हिस्सा लेंगे। एमके स्टालिन, पिनरायी विजयन, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन इन सबके शामिल होने की संभावना है।