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उमेश पाल हत्याकांड : कौशाम्बी के सीमावर्ती गांवों में एसटीएफ की निगाह, अशरफ जिले में काट चुका है फरारी

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Prayagraj News : अतीक अहमद और अशरफ। फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला।

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राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद घटना में शामिल रहे शूटर कौशाम्बी में पनाह ले सकते हैं। ऐसी खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद एसटीएफ ने जिले के सीमावर्ती गांवों पर निगरानी बढ़ा दी है। वजह यह है कि राजू पाल की हत्या के बाद फरारी काट रहा माफिया अतीक का भाई पूर्व विधायक अशरफ कौशाम्बी के ही हटवा गांव से पकड़ा गया था। किसी समय प्रयागराज से सटे जिले के गांवों में अतीक गैंग की तूती बोलती थी।

25 जनवरी 2005 में शहर पश्चिमी से विधायक रहे राजूपाल की हत्या के बाद अतीक के भाई अशरफ को मुख्य आरोपी बनाया गया था। अशरफ फरारी काट रहा था। प्रदेश सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए दो लाख का इनाम घोषित किया था। वर्ष 2020 में अशरफ को तत्कालीन कौशाम्बी जिले के अधीन रही पूरामुफ्ती कोतवाली के असरौली हटवा गांव से गिरफ्तार किया गया। यहां अतीक के खास गुर्गे जैद के यहां अशरफ की ससुराल थी।

जैद का ग्रुप ही कौशाम्बी में अतीक के जमीन का कारोबार करता था। अब राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक का जिले से कनेक्शन जोड़ा जा रहा है। अतीक की दखल वाले प्रयागराज के मरियाडीह, जिले के कोइलहा, सल्लाहपुर, काजीपुर, महगांव आदि गांवों में शूटरों के छिपे होने का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है। पुलिस के सूत्रों की मानें तो एसटीएफ की निगाह भी अतीक के दखल वाले गांवों में है।