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बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करना पहली

Ranchi :  झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहली प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इस दिशा में आयोग सक्रियता से काम कर रहा है. यह कहना है,आयोग के सदस्य उज्जवल प्रकाश तिवारी का. उज्जवल प्रकाश तिवारी सहित आयोग के अन्य सदस्य विकास दोदराजका और रूचि कुजूर शुक्रवार को सरायकेला-खरसावां दौरे पर थे. इस दौरान सदस्यों ने जिला मुख्यालय में प्रशासनिक बैठक कर बच्चों की स्थिति का जायजा लिया. बैठक में बाल अधिकार एवं संरक्षण से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पदाधिकारियों संग चर्चा हुई.

बाल तस्करी के मुद्दे तथा बाल-विवाह पर अंकुश लगाने पर चर्चा

तीनों सदस्यों ने जिले में व्याप्त बाल तस्करी के मुद्दे तथा बाल विवाह पर अंकुश लगाने पर चर्चा की. सदस्यों ने बताया कि बाल तस्करी, बाल श्रम और बाल विवाह रोकना आयोग की पहली प्राथमिकता है. राज्य को बाल मित्र राज्य और बाल अधिकार अधिनियम के अनुरूप बनाना जरूरी है. यह काम सभी के सहयोग से ही संभव हो सकता है. बैठक में एसडीओ राम कृष्ण, विशेष बाल पुलिस इकाई के अधिकारी चंदन कुमार वत्स, जिला शिक्षा पदाधिकारी जितेंद्र कुमार सिन्हा, श्रम अधीक्षक अविनाश ठाकुर, बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर इत्यादि उपस्थित थे.

आयोग ने दिए निम्न निर्देश
विद्यालयों में ड्रॉप आउट की स्थिति पर रोक लगे.
गैर-शिक्षण कर्मचारियों सहित बस चालकों का कैरक्टर सर्टिफिकेट बने.
जिले में बाल गृह, संप्रेक्षण गृह और विशेष दत्तक ग्रहण की स्थापना हो.

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