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भारत और चीन के बीच 4 घंटे डिप्लोमैटिक बातचीत, पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने पर सहमति

भारत-चीन के बीच तनाव कम करने के लिए आज दोनों देशों के बीच जॉइंट सेक्रेटरी लेवल की वर्चुअल मीटिंग हुई। गलवान झड़प के बाद यह पहली डिप्लोमैटिक चर्चा थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि शांति स्थापित करने के लिए दोनों पक्ष आपसी समझौते और प्रोटोकॉल का तुरंत पालन करने पर राजी हैं। दोनों ही पक्ष लगातार डिप्लोमैटिक और मिलिट्री चैनल के जरिए बातचीत जारी रखने को तैयार हैं। 

डिप्लोमैटिक चैनल के बीच यह 15वीं बैठक

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) का सम्मान करने और उसका पालन करने पर सहमति बनी है। यह बातचीत भारतीय विदेश मंत्रालय के पूर्वी एशिया के ज्वाइंट सेक्रेटरी नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल वू जिआंघाओ के बीच हुई। वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन ऑन इंडिया-चाइना बॉर्डर अफेयर्स (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत हुई यह 15वीं बैठक थी। आखिरी बार ऐसी बैठक 5 जून को हुई थी। 

सैन्य कमांडरों में भी शांति बनाने पर सहमति

इससे पहले सोमवार को चीन बॉर्डर पर स्थित मॉल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की मीटिंग हुई। करीब 11 घंटे चली इस बैठक के बाद मंगलवार को भारतीय सेना ने बताया कि दोनों ओर से शांति रखने पर सहमति बनी है। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली जगहों से दोनों देश अपने सैनिक पीछे हटाएंगे।

आर्मी चीफ लद्दाख दौरे पर, घायल जवानों से मिले
आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे मंगलवार को लद्दाख पहुंचे। उन्होंने चीन से झड़प में घायल जवानों से मुलाकात की। इसके बाद सीनियर अफसरों से भी मिले। वे आज भी लद्दाख में रहेंगे। न्यूज एजेंसी के मुताबिक आर्मी चीफ आज बॉर्डर पर तैनात सैनिकों से मुलाकात करेंगे।

विदेश मंत्री ने कहा- अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान जरूरी
विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को आरआईसी (रूस-भारत-चीन) सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। उन्होंने चीन के विदेश मंत्री की मौजूदगी में कहा- ‘यह बैठक अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों पर हमारा विश्वास दोहराती है। अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान और सभी के हितों को बढ़ावा देना ही स्थायी व्यवस्था बनाने का तरीका है।’

चीन ने कहा- हमारे 40 सैनिक मारे जाने की बात गलत
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत-चीन के सैनिकों में झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 40 जवान मारे गए, लेकिन उसने यह कबूला नहीं। चीन ने मंगलवार को कहा कि हमारे 40 जवान मारे जाने की बात झूठी है।

चीन ने कहा- झड़प के लिए भारत जिम्मेदार
चीन की मिनिस्ट्री ऑफ नेशनल डिफेंस (एमएनडी) के प्रवक्ता वु कियान ने कहा- गलवान में जो कुछ हुआ उसके लिए पूरी तरह भारत जिम्मेदार है। भारतीय सैनिकों ने हमारी यूनिट को उकसाया।